भा.कृ.अनु.प.-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलूरु में 17 सितंबर 2024 को हिंदी पखवाड़े का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, कोरमंगला से मुख्य अभियंता, श्री कमल कुमार अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। प्रभारी निदेशक डॉ. प्रकाश पाटील कार्यक्रम के अध्यक्ष थे। मुख्य अतिथि ने ज़ोर देकर कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि भाषा एक शक्तिशाली उपकरण है जो भिन्नता और समझ को जोड़ने में सक्षम है। हिंदी की विशाल और विविध अभिव्यक्ति, लोगों को विभिन्न क्षेत्रों और संस्कृतियों के बीच जोड़ने की क्षमता रखती है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सुनिश्चित करें कि यह भाषा, जो हमारे देश की आत्मा है, भविष्य की पीढ़ियों के लिए चमकती रहे। हिंदी को कार्यालयों में इस्तेमाल करना न केवल हमारी भाषा का सम्मान है, बल्कि यह कार्यालय की दलगत भावना को भी प्रोत्साहित करता है।
हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति के नोडल अधिकारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अनिल कुमार नायर ने मुख्य अतिथि का परिचय कराया साथ ही मुख्य अतिथि और सभा में उपस्थित सदस्यों का स्वागत किया ।
कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं प्रभारी निदेशक डॉ. प्रकाश पाटील ने कहा कि कन्नड़ भाषियों के लिए हिंदी सीखना और बोलना आसान है, क्योंकि कन्नड़ और हिंदी में बहुत-से शब्द एक जैसे हैं, जो संस्कृत भाषा से आए हैं। हिंदी भाषा में अनुवाद के लिए उपलब्ध अर्टिफिकल इंटेलिजेन्स टूल की मदद से वे भी अपना कार्य आसानी से कर सकते हैं जो हिन्दीत्तर भाषी हैं। उन्होंने सभी कर्मचारियों से आग्रह किया कि हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिताओं में सक्रिय रूप से भाग लें।
इस अवसर पर प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रवि भूषण तिवारी ने माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी का संदेश सभा को सम्प्रेषित किया।
संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (वरिष्ठ ग्रेड) श्री सचिन अग्निहोत्री ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यालयीन हिंदी बोलचाल की हिंदी से भिन्न है। हमें कार्यालय में हिंदी में काम करने के हरसंभव प्रयास करने चाहिए। हमें हिंदी को अपने दैनिक जीवन में प्रयोग में लाना चाहिए, हिंदी की किताबों, कविताओं को पढ़ना चाहिये। उन्होंने डेयर के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक का संदेश भी सभा को सम्प्रेषित किया।
श्रीमती पूजा कुमारी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी (राजभाषा) ने कार्यक्रम का संचालन किया और हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम के समापन में राजभाषा कार्यान्वयन समिति की सदस्य एवं वैज्ञानिक डॉ. युक्ति वर्मा, प्राकृतिक संसाधन विभाग ने सभी का आभार प्रकट किया।