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भा.कृ.अनु.प.-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलूरु में 28.08.2024 को "राजभाषा नीति और कंठस्थ 2.0" पर एक कार्यशाला

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भा.कृ.अनु.प.-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलूरु में 28 अगस्त 2024 को कार्यालय द्वारा "राजभाषा नीति और कंठस्थ 2.0" पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें अतिथि व्याख्याताके रूप में श्री सुशील कुमार गोयल, सहायक निदेशक (राजभाषा), मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल का कार्यालय, बेंगलुरु उपस्थित थे। निदेशक डॉ. तुषार कांति बेहरा कार्यक्रम के अध्यक्ष थे, उन्होंनेसभा को संबोधित करते हुए कहा किहिंदी में काम करना हमारा संवैधानिक दायित्व है। हमें सभी क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करते हुए हिंदी कोअपनी कार्यप्रणाली में शामिल करना चाहिये। 

संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (वरिष्ठ ग्रेड) श्री सचिन अग्निहोत्री ने मुख्य अतिथि और सभा में उपस्थित सदस्यों का स्वागत किया और सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमें कार्यालय में हिंदी में काम करने के हरसंभव प्रयास करनेचाहिए।

श्रीमती पूजा कुमारी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी (राजभाषा) ने कार्यक्रम का संचालन किया और कार्यक्रम के विषयवस्तु पर प्रकाश डाला।

यह कार्यशाला विशेष रूप से प्रशासनिक स्टाफ के लिए आयोजित की गई थी, ताकि वे कार्यालय में हिंदी के उपयोग के संबंध में कार्यकारी ज्ञान प्राप्त कर सकें।मुख्यअतिथि ने राजभाषा नीति के प्रमुख पहलुओं को स्पष्ट किया और इसे प्रशासनिक कार्यों में कैसे लागू किया जा सकता है, इस पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।

कार्यशाला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा “कंठस्थ2.0” पर केंद्रित था, जो आधिकारिक पत्राचार और दस्तावेज़ों में हिंदी के उपयोग को सुगम बनाने के लिए एक शक्तिशाली डिजिटल टूल है। मुख्यअतिथि ने इस टूल की विशेषताओं को दर्शाया और इसके उपयोगकर्ता - अनुकूल इंटरफ़ेस और विभिन्न कार्यात्मकताओं की जानकारी दी। कर्मचारियों को इस टूल का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान किया गया, जिससे उन्होंने इसकी क्षमताओं को समझा और अपने दैनिक कार्यों में इसे कैसे एकीकृत किया जा सकता है, इसका ज्ञान प्राप्त किया।

इस कार्यशाला ने न केवल कर्मचारियों की हिंदी में कार्यकुशलता को बढ़ाया, बल्कि उन्हें आधिकारिक भाषा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए व्यावहारिक कौशल भी प्रदान किए।

कार्यक्रम के अंत में राजभाषा कार्यान्वयन समिति की सदस्य एवं वैज्ञानिक डॉ. युक्ति वर्मा ने आभार प्रकट किया।

कुल मिलाकर, यह कार्यशाला सफल रही और कर्मचारियों के बीच राजभाषा नीति और हिंदी के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। यह संस्थान श्री सुशील कुमार गोयल, सहायक निदेशक (राजभाषा), मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल का कार्यालय, बेंगलुरु के योगदान के लिए आभार व्यक्त करता है और भविष्य में इसी तरह की पहलों की प्रतीक्षा करता है जो कर्मचारियों के विकास और भाषा एकीकरण को और बढ़ावा देंगी।