फसल मौसम की स्थिति
मौसम संबंधी आँकड़ा
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान
हेसरघट्टा लेक पोस्ट, बेंगलूरु – 560089
अवधि : 16-31 दिसंबंर 2019
अक्षांश : 13071 N रेखांश: 770 291E ऊँचाई : 890 मीटर
पाक्षिक |
तापमान (0से.) |
सापेक्षित आर्द्रता (%) |
वाष्पन (मि.मी.) |
हवा की गति (कि.मी./घंटा |
कुल बारिश (मि.मी.) |
||
औसत अधिकतम
|
औसत न्यूनतम
|
सुबह 7.30 बजे औसत |
दोपहर 1.30 बजे औसत |
||||
दिसंबर 16-31, 2019 |
28.2 |
16.5 |
89.5 |
65.4 |
3.4 |
4.8 |
0.00 |
(28.2) |
(16.1) |
(75.4) |
( 45.0) |
(3.8) |
(2.9) |
(0.0) |
*कोष्ठक में दिए गए अंक पिछले पाँच वर्षों की इसी अवधि के दौरान का औसत मूल्य है।
दिसंबर 16-31, 2019 पखवाड़ा
पिछले पखवाडे की तुलना में इस माह के द्वितीय पखवाड़े अर्थात दिसंबर 16 से 31, 2019 का औसत अधिकतम तापमान 2.0°से. बढ़ा और न्यूनतम तापमान 0.4°से. कम था। पिछले पाँच वर्षों की इसी अवधि के औसत मूल्यों के साथ तुलना करने पर पता चला कि औसत अधिकतम तापमान 1.6°से. बढ़ा और न्यूनतम तापमान 2.0°से. कम हुआ। पिछले पखवाडे की तुलना में दिन के समय प्रतिशत सापेक्ष आर्द्रता 2.6% अधिक था और दोपहर को 3.8% कम था। इस पखवाड़े के दौरान बारिश नहीं हुई।
फसल मौसम स्थिति
पिछले पखवाडे के मूल्यों की तुलना में औसत अधिकतम तापमान 2.0°से. बढ़ा और न्यूनतम तापमान 0.4°से. कम था। बारिश कम थी और वाष्पन की दर बढ़ी। इसलिए, अपर्याप्त बारिश के कारण मृदा की नमी पर्याप्त नहीं है और फसल के पानी की आवश्यकता की पूर्ति के लिए पूरक सिंचाई की जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, पिछले पाँच वर्षों के औसत मूल्यों की तुलना में इस अवधि के दौरान सापेक्ष आर्द्रता और हवा की गति बढ़ी। उच्च आर्द्रता और हवा की गति की तीव्रता के कारण बीमारियाँ लगने और उनके फैलने की संभावनाएँ अधिक होती है। इसलिए फसलों में बीमारियों को दूर करने के लिए उचित नियंत्रण उपायों का पालन करें। द्वितीय पखवाड़े का मौसम प्ल्यूरोटस, लेंटिन्यूला और एग्रोसाइबे जातियों की खेती के लिए उपयुक्त था।
कीटों और बीमारियों का प्रकोप
मौजूदा मौसम के तहत बेंगलूरु में दिसम्बर, 2019 के द्वितीय पखवाड़े के दौरान बागवानी फसलों में निम्नलिखित कीट देखे गए। कीट-प्रबंधन विधियाँ निम्नलिखित हैं।
फल फसल
टमाटर
- अमरुद में नई पत्तियों पर चाय मच्छर कीटों का प्रकोप देखा गया। लैम्डा साइहेलोथ्रिन 0.6 मि.ली./ली. की दर से प्रयोग कर इसका नियंत्रण किया जा सकता है।
सब्जी फसल
टमाटर
- पॉली हाउस तथा खेत में टमाटर फल बेधक, ट्यूटा एब्सोल्यूटा की संख्या बढ़ती देखी गई। इसका नियंत्रण स्पिनोसाड 0.3 मि.ली./ली. या स्पिनेटोराम 1 मि.ली./ली. के छिड़काव से किया जा सकता है।
पुष्प कृषि
गुलाब
- ऐफिड का संक्रमण देखा गया और इसका नियंत्रण स्पिनोसाड 0.25 मि.ली./ली. के छिड़काव से किया जा सकता है।
जर्बेरा
- जर्बेरा फसलों के पॉली हाउस में थ्रिप्स का प्रकोप गंभीर था। इसके नियंत्रण के लिए स्पिनोसाड 0.25 मि.ली./ली. के छिड़काव की अनुशंसा की गई है।
* लेबल के दावे के अनुसार सुरक्षित प्रतीक्षा अवधि का पालन किया जाना चाहिए।
रोग-परिदृश्य
मौसम आँकड़े के आधार पर दिसंबर, 2019 के द्वितीय पखवाड़े का रोग-पूर्वानुमान
फल फसल
आम
- चूर्णी आसिता (पाउडरी मिल्ड्यु) पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसे समय 0.5 मि.ली./ली. की दर से स्टिकर के साथ गलने वाले गंधक (0.2%) का प्रयोग करने की अनुशंसा की जाती है। पत्तों पर एंथ्रोक्नोज़ धब्बे और अधिक हो सकते हैं। रोग के नियंत्रण के लिए 0.5 मि.ली./ली. की दर से स्टिकर के साथ क्लोरोथालोनिल (0.2%) या थायोफनेट मीथाईल (0.2%) या कार्बेंडाज़िम (0.1%) का प्रयोग करने की अनुशंसा की जाती है।
- साँवले सड़न (सूटी मोल्ड) का अभी भी ध्यान रखना चाहिए। 0.5 मि.ली./ली. की दर से स्टिकर के साथ कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (0.3%) के प्रयोग की अनुशंसा की जाती है। इसके अतिरिक्त उपयुक्त कीटनाशकों (इमिडाक्लोप्रिड 0.5%) के प्रयोग से फुदक और अन्य कीटों का प्रबंधन भी महत्वपूर्ण है।
पपीता
- काले धब्बे (ब्लैक स्पॉट) (एस्पेरिस्पोरियम कैरिके) का संक्रमण और अधिक हो सकता है। जबकि चूर्णी आसिता के संक्रमण का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके नियंत्रण के लिए पत्तों के निचले सतह को पूरी तरह भिगोते हुए 0.5 मि.ली./ली. की दर से स्टिकर के साथ क्लोरोथालोनिल (0.2%) या कार्बेंडाज़िम (0.1%) या थायोफनेट मीथाईल (0.1%) या हेक्साकोनाज़ोल (0.1%) का प्रयोग करने की अनुशंसा की जाती है।
केला
- सिगाटोका पर्ण धब्बा (म्य्कोस्फेरल्ला स्पी.), शीर्ष-सड़न (फ्युसेरियम मोनिलिफोर्म व बोट्रियोडाइप्लोडिया थियोब्रोमी), एंथ्रेक्नोज़ (कोलेटोट्रिकम म्यूसे) और मैक्रोफोमा फल-सड़न रोगों का उचित ध्यान रखान चाहिए। सिगाटोका का नियंत्रण कार्बेन्डाज़िम (0.1%) या थायोफनेट मीथाईल (0.1%) या ट्राइडेमोर्फ (0.1%) के छिड़काव से किया जा सकता है, जबकि शीर्ष-सड़न, ऐंथ्रेक्नोज़ और मैक्रोफोमा फल-सड़न (विशेषकर ग्रैंड नैन किस्म पर) का नियंत्रण कार्बेन्डाज़िम (0.1%) या थायोफनेट मीथाईल (0.1%) से तुड़ाई पूर्व छिड़कावों के अतिरिक्त तुड़ाई के बाद 10 मिनट तक क्लोरिन जल में डुबोने से किया जा सकता है।
अनार
- पर्ण और फल धब्बा रोग की तीव्रता और फल व पत्ते के ऐंथ्रेक्नोज़ और अधिक बढ़ सकते हैं। इस रोग के नियंत्रण के लिए 0.5 मि.ली./ली. की दर से स्टिकर के साथ क्लोरोथालोनिल (0.2%) या एंट्राकोल (0.2%) या कार्बेन्डाज़िम (0.1%) या थायोफनेट मीथाइल (0.1%) या हेक्साकोनाज़ोल (0.1%) के प्रयोग की अनुशंसा की जाती है।
सब्जी फसल
क्रूसीफेरी
चूर्णी आसिता (पाउडरी मिल्ड्यु)
- संक्रमण की शुरूआत में 0.5 मि.ली./ली. की दर से स्टिकर के साथ 0.2% गलने वाले गंधक या टेबुकोनाज़ोल से पत्तों के निचले सतह को पूरी तरह भिगोकर छिड़काव किया जाए।
टमाटर
चूर्णी आसिता (पाउडरी मिल्ड्यु)
- पूर्व में बताए अनुसार संक्रमण की शुरूआत में स्टिकर के साथ 0.2% हेक्साकोनाज़ोल या टेबुकोनाज़ोल से छिड़काव किया जाए।
पुष्प कृषि और औषधीय फसल
गुलाब
चूर्णी आसिता (पाउडरी मिल्ड्यु)
- ऊपर बताए अनुसार स्टिकर के साथ एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 0.05% से छिड़काव करें।
काला धब्बा
- प्रारंभिक अवस्थाओं में मेंकोज़ेब 0.2% से छिड़काव करें और अगर बाद की अवस्थाओं में संक्रमण तीव्र हो तो ट्राइफ्लोक्सीस्ट्रोबिन या प्रोपिकोनाज़ोने (0.1%) से छिड़काव करें।
पान का पत्ता
- गलने वाले गंधक 0.2% से छिड़काव करें। सर्वांगी कवकनाशियों से छिड़काव करने की अनुशंसा नहीं है। अच्छा वायु-संचार और उचित जल-निकास महत्वपूर्ण है।