Sample Heading

Sample Heading

बागवानी फसलों में आनुवंशिक संसाधनों का अन्‍वेष्‍ण, स्‍वदेशीकरण और संरक्षण

Primary tabs

Objective: 
  1. IIHR की अधिदेशित फसलों से संबद्ध घरेलू बागवानी प्रजातियों के विविधतापूर्ण क्षेत्रों/ संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करना और इन फसलों की वन्‍य संततियों/ सहयोगी प्रजातियों के विभाजन के पैटर्न का सृजन करना। 
  2. RS-GIS टूल का प्रयोग करते हुए बागवानी पादप विविधता पैटर्न और अवरोध वाले क्षेत्रों में परिवर्तनों का पता लगाना तथा सकेंद्रित प्रक्रिया में अन्‍वेषण करने हेतु विविधतापूर्ण संभावित क्षेत्रों की पहचान करना।
  3. प्रजातियों के अस्‍थाई विभाजन के पैटर्न का अध्‍ययन करना - ऐसी नई प्रजातियों की पहचान करना जिनका फसल विविधीकरण के भाग के रूप में घरेलूकरण और खेती की जा सके और वर्तमान फसल विविधता में नई फसलों को शामिल किया जा सके। अध्‍ययनगत प्रजातियों के आगामी विकास के लिए स्‍व:स्‍थाने बायो-रिजर्व की पहचान करना।
  4. घरेलू स्रोतों से बागवानी PGR के अन्‍वेषण और संग्रहण में लक्षित अन्‍वेषण मिशनों के लिए एक रोड मैप उपलब्‍ध कराना तथा प्रजाति विभाजन क्षेत्रों की मैपिंग कर प्रजाति-विशिष्‍ट केंद्रित अन्‍वेषण मिशनों में सहायता प्रदान करना और संवेदनशील क्षेत्रों में स्‍थलों पर समन्‍वयन करना।
  5. पश्चिमी घाटों में अभिज्ञात किए गए विभाजन स्‍थलों से लक्षित प्रजातियों से पादप प्रोपेग्‍यूल की खोज और संग्रहण कर प्रजाति-विशिष्‍ट आनुवंशिक विविधता के संवर्धन के लिए स्‍व:स्‍थाने गतिविधियों हेतु स्‍थाई संग्रहण में सहायता प्रदान करना; बाह्य:स्‍थाने  सफलतापूर्वक स्‍थापित की गई लक्षित प्रजातियों की पहचान करना।
  6. बाह्य:स्‍थाने रोपण के द्वारा प्रजातियों के घरेलूकरण करने हेतु प्रयास करना, वानस्‍पतिक एवं प्रजनन प्राचलों के आधार पर वन्‍य प्रजातियों के साथ तुलना करना, घरेलूकरण सिंड्रोम एवं प्रजनन बाधकों, यदि कोई हों, की पहचान करना, बाह्य:स्‍थाने स्थितियों के तहत नाशीकीट व्‍यापकता की निगरानी करना, बीज अंकुरण, लक्षणप्ररूपी, पुष्‍पीय जीवविज्ञान, परागण आवश्‍यकताओं का इष्‍टतमीकरण करना, असंगतता अध्‍ययन करना, इनविट्रो कल्‍चर, सूक्ष्‍म प्रजनन, हार्डिनिंग अनुकूलनता इष्‍टतमीकरण पर अध्‍ययन करना।
  7. अभी तक पदार्पित और खेती नहीं की गई खाद्य फल प्रजातियों का घरेलूकरण करना और पारंपरिक एवं गैर-पारंपरिक प्रजनन विधियों  के जरिये प्रजातियों की समष्टियों में वृद्धि करना; घरेलूकरण के लिए भागेदारी प्रक्रियाओं की खोज करना जिसके कथित फल- प्रजातियों की खेती की जा सके और प्रत्‍येक लक्षित प्रजातियों का एक डेमो आर्किड स्‍थापित किया जा सके।
  8. खराब बीज, इनविट्रो पादपों और लक्षित फल (कटहल, गारसिनिया, ऐजिल, मारमेलोस पैशनफ्रूट एवं रामबूटान), सब्‍जी (फ्रासबीन) सजावटी फसलों, बाह्य:स्‍थाने संरक्षण कार्यनीतियों को विकसित करने के लिए दुर्लभ, लुप्तप्राय और संकटग्रस्त औषधीय पादप प्रजातियों के परागण के लिए संरक्षण एवं क्रायो संरक्षण प्रोटोकॉलों का इष्‍टतमीकरण करना।
  9. लक्षित फसलों/ प्रजातियों के भ्रूणीय अक्ष सहित इनविट्रो प्रणालियों को शामिल करते हुए एक स्‍थाई (आनुवंशिक परिर्वतन के बिना) संरक्षण कार्यनीति निरूपित करने की दिशा में चयनित प्रजातियों के लिए इनविट्रो एक्‍टिव जीन बैंक की स्‍थापना करना; चयनित प्रजातियों के लिए परागण क्रायो बैंक में संग्रहण का विस्‍तार करना।
  10. संरक्षित पादप आनुवंशिक संसाधनों की आनुवंशिक स्थिरता की जांच करना: SSR/ISSR मार्करों का प्रयोग करते हुए इनविट्रो एवं क्रायो संरक्षित जननद्रव्‍य की आनुवंशिक स्थिरता का आकलन करना।

 

 इस कार्यक्रम के आरंभ होने की तारीख: 2009

 

PI: 

डॉ. एस गणेशन

CO PI: 

डॉ. पी. ई. राजशेखरन

डॉ. एच. एस. योगीशा      

डॉ. अनुराधा साने

डॉ. पी. वी. आर. रेड्डी   

डॉ. के. शिवारामु   

डॉ. भानुप्रकाश    

डॉ. के. पदमिनि  

 

Achievements: 
  • पश्चिमी घाट क्षेत्र के आईबीआईएन डाटाबेस से लक्षित प्रजातियों, जैसे की सोलेलुम मेलोनगेना, गारसीनिया, फेरोनिया एलीफेंटुम, लिमोनिया एसीडिसिमा, सिडियम प्रजा., विटिस डाइस्‍कोलर प्रजा., ‘विटिस हेनीना’, विग्‍ना रेडिऐटा किस्‍म सुभलोबाटा, वी. कार्पेसिंस, वी. पाईलोसा, वी. अम्‍बेलाटा, वी. डाल्‍जेलिएना, वी. मुन्‍गो किस्‍म सिलवेसट्रिस, वी. रेडियाटा किस्‍म सेटुलोसा, वी. ग्राडिंस, वी. विघटी, वी. युनगुकुलेटा, वी. पाईलोसा, मुकुना प्रुयेंस, मुकुना मोनोस्‍पर्मा ऐजिल मार्मेलोज एंड्रोग्राफिस पैनिकुलेटस, स्‍पॉनडाइस पाइनेटा, एफ. जीजीफुस रूगोसा, जीजीफस ओनिप्‍लिया कुकुमिस सेटोसस, सी. ट्राइगोनस और लुफाग्रेवोलेंस के लिए वितरण मानचित्रों का संकलन।
  • केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्‍ट्र तटवर्ती राज्‍यों के कुछ भागों को शामिल करते हुए पश्चिमी घाटों के आस-पास प्रजातियों के वितरण मानचित्र का प्रलेखीकरण किया गया। महाराष्‍ट्र राज्‍य में फैले लगभग एक तालुक वाले स्‍थलों के लिए वितरण विवरणों को अभिलेखित किया गया।
  • तहसील स्‍तरों तक स्‍थानों के विवरण को समाविष्‍ट किया गया जिनकी संख्‍या कोष्‍ठक में दी गई है, डायोस्‍पोरा मोनटाना (14) डी. मेलोनाक्‍सीलोन (8), डी. क्‍लोराक्‍सीलोन (0), डी. इबेनुम (4), डी. फेरिया (1), डी. लेंसियोफोलिया (0) , डी. लोटूस (0), डी. प्रुऐंस (2), डी. सिलवेस्‍टीका (5), डी. टोपोसिया (0), डी. पेग्रीना (1), एनसेटे सुप्रबा (0)3), मैग्‍नीफेरा इंडिका (20), एम. सिलवेटिका (0) 4), बुटिया मोनोस्‍पर्मा (67) 5) इरीथ्रेना वेरियेगाटा, (34), ई् इंडिका, (2) एंथोसेफालुस कैडम्‍बा, (7), निकटेन्‍थुस अरबो-ट्रिटिस, (6), बुडफोर्डिया फ्लोरीबुंदा,(0), एबल मोसचुस एंगुलोसस,(0), ए. मोसचेटुस, (4), ए. मनीहॉट, (4), ए. फिकुलनियस, (1), ए. एसक्‍यूलेंटस (3)) कुकुमिस सेटिवस (9), (0), सी. ट्राइगोनस (3), सी. मेलो (4), कुकुरबीटा पेपो (0) सी. मैक्सिमा (3),) लुफा ग्रेवेओलेनस, (0) एन एक्‍चुवान्‍गुला (2), एल. ऐजिप्‍टा (1), एल. ऐचिनाटा (0),) मोमोरडिका कोकिनचाइनेन्‍सिस, (1), एम. बालसेनिया (6), एम. सुबानगुलेटा, (0), एम. चेरेन्‍टिया (6), एम. डायोसिया (0), एम. हैस्‍टाटा (2)) ट्राइकोसेंथेसेनामालेई (0), टी. ब्राक्‍टिटा,(5), टी. कुस्‍पाईडाटा,(0), टी. पेरोटाइटिएना,(0), टी. कुक्‍कुमेरना (16).
  • मानचित्रों, फ्लायर और इमेज के साथ वितरण विवरणों को प्रलेखित किया जाना है, जहां लक्षित प्रजातियों के लिए सूचना उपलब्‍ध है।
  • अपेक्षित हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर का अधिग्रहण करते हुए बायोडावर्सिटी को साझा करने के लिए NRSC से संपर्क स्‍थापित करना।
  • DIVA-GIS (उपलब्‍ध) & ARC-GIS (यदि अनुमोदन और क्रय किया जाता है) का प्रयोग करते हुए डाटा साझा करने के करार के तहत एनआरएससी द्वारा मैप किए गए नए क्षेत्रों एवं वर्तमान डाटाबेस से लक्षित प्रजातियों के लिए पहले से उपलब्‍ध वितरण मानचित्र विकसित करना। RRSSC/ISRO के साथ संपर्क स्‍थापित करना।
  • Psidum की दो प्रजातियों में अंकुरण परीक्षण किए गए। प्रथम मौसम फलन में संगृहीत फलों में दो प्रजातियों के लिए अंकुरण प्रतिशत का आकलन किया गया। वानस्‍पतिक और प्रजनन लक्षणप्ररूपण के साथ Psidum की दो प्रजातियों के फल संबंधी गुणों को प्रलेखित किया गया। खुले खेत में और आंशिक रूप से छायादार स्थिति में क्‍लोनल बहुगुणन करने का प्रयास किया गया। एफ. मोन्‍टेना का स्‍थापन अच्‍छा हुआ (25% जड़ अंकुरण), लेकिन यह प्रयास तब सफल नहीं हो पाया जब उन्‍हें पुन: रोपित किया गया। इसकी प्रकार की स्थिति में Psidium प्रजाति की दो कलमों में भी अंकुरण नहीं हुआ।
  • फेरोनिया एल्‍फेन्‍टुम (लिमोनिया प्रजा.) की पोस्‍ट-क्रायो संरक्षित एवं अंकुरित पौधों का मूल्‍यांकन जारी रखा जाएगा और जिंक की तुलना सामान्‍य बीजों के साथ की जाएगी, खेत में प्रतिरोपण और पौध रोपण आरंभ किया जाना है। परिणामों में यह पाया गया है कि अंकुरण के लिए बीजों की बुवाई करने के लगभग एक माह के पश्‍चात 24.4 क्रायो संरक्षित बीजों में अंकुरण हुआ, जो कि अनुपचारित में 57.1% था। पौधों को नेट हाउस में अनुरक्षित किया गया है, जहां कुल 150 पादप हैं।
  •  प्रकाशन:

  • पी. ई. राजशेखरन एवं एस. गणेशन। डिजाइनिंग एक्‍स सिटु कंजर्वेशन स्‍ट्रेटीजीज फॉर सम थ्रेटन्‍ड एंड अदर मेडिसिनल प्‍लांट स्‍पीसीज ऑफ साउथ इंडिया। दि आईयूपी जर्नल ऑफ जेनेटिक्‍स एंड इवोलुशन-3(3) 2010, 24-31.
  • एस. गणेशन एवं पी. ई. राजशेखरन। पेलीनोलॉजिकल कंट्रिबुशन्‍स टू कंजर्वेशन कंटिनुम जर्नल ऑफ पेलीनोलॉजी फैस्‍ट स्क्रिफ्ट वॉल्‍यूम (46) 2010.
  • श्रीनिवास गणेशन, पुनथिल इल्‍लाथ राजशेखरन, सुनिता भास्‍करन (भारत) 2012. इन विट्रो कंजर्वेशन ऑफ एट्रोकार्पुस हेटेरोफाइलुस लेम. ट्री एंड फॉरेस्‍ट्री साइंस एंड बायोटेक्‍नोलॉजी वॉल्‍यूम 6, विशेष अंक फॉरेस्‍ट रिस्‍टोरेशन, 1 Pp 126-129.
  • सैयद असदुल्‍ला, रमन डेंग एवं राजशेखरन पी. ई. 2013. प्रिलिमिनरी फाइटो केमिकल्‍स इन्‍वेस्टिगेशन ऑफ एमबेलिया राइब्‍स। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च इन फार्मेसी एंड केमिस्‍ट्री IJRPC, 3 (2) 389-91.
  • सैयद असदुल्‍ला, रमन डेंग राजशेखरन पी. ई., 2012. बॉटेनिकल स्‍टैंडर्डाइजेशन ऑफ दि एम्‍बेली राइब्‍स ब्रम. एफ. एंड पॉसिबिलिटीज ऑफ स्‍पीसीज सब्‍स्‍टीट्यूट, इन दि फार्मा रिव्‍यू (मई - जून 2012), Pp. 98-103.
  • पी. ई. राजशेखन 2012. जेनेटिक रिर्सोसिस ऑफ हॉर्टिकल्‍चरल क्रॉप्‍स इन इंडिया : डाइवर्सिटी एंड कंजर्वेशन। ‘’आजीविका सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि और स्‍थायी विकास के लिए बागवानी’’ पर राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन, 24-26 सितंबर, 2012, पृथ्‍वी विज्ञान और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन मिजोरम विश्‍वविद्यालय (एक केंद्रीय विश्‍वविद्यालय)-796 004 का बागवानी विभाग, संगधीय एवं औषधीय पादप (एचएएमपी) स्‍कूल, Pp 1-9.
  •  

    राष्‍ट्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय सेमिनार/संगोष्‍ठी आदि में प्रस्‍तुतीकरण

  • एस. गणेशन एवं टी. वसंत कुमार 2010. भारतीय संदर्भ में, औषधीय पादपों का पूर्वेक्षण, संरक्षण, कृषि और स्‍थाई उपयोग। बेंगलूरू  में दिनांक 29-31 मई 2010 के दौरान आयोजित बागवानी विविधता, आजीविका, आर्थिक विकास और स्‍वास्‍थ्‍य परिचर्या पर राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन ।  
  • एस. गणेशन : 2010. विभिन्‍न पारिस्थितिकियों में जैव-विविधता का संग्रह और कंजर्वेशन कन्‍टिन्‍यूअम से इसकी प्रासंगिकता एवं डिवलपमेंटल बायोलॉजी-NACON D Bio 2010 पर आनुवंशिक संसाधन राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का प्रबंधन, 15-17 सितंबर, 2010, बेंगलुरू।
  • एस. गणेशन, 2010. सीट्रस के सुधार के लिए न्‍यूक्लियस के आनुवंशिक विविधता के रूप में पराग का संरक्षण। आजीविका और पोषण सुरक्षा के लिए सीट्रस बायोडाइवर्सिटी पर एक राष्‍ट्रीय सेमिनार। एनआरसीसी नागपुर, 4-5 अक्‍तुबर, 2010.
  • एस. गणेशन, 2010. पादप विविधता : संरक्षण की संभावनाएं और समस्‍याएं पर राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन में एक आमंत्रित वार्ता के रूप में पादप आनुवंशिक विविधता संरक्षण - वर्तमान कार्यनीतियों का प्रस्‍तुतीकरण किया गया, केजेसी लाइफ साइंसिस, 27-29 अक्‍तूबर, 2010.
  • एस. गणेशन, 2010. एमएपी में जीन बैंकिंग - भारतीय उप महाद्वीप में पीजीआर संरक्षण और प्रबंधन की वर्तमान स्थिति। एमएपी की जैव-विविधता: संग्रहण, संरक्षण लक्षणवर्णन और उपयोग पर राष्‍ट्रीय कार्यशाला में प्रस्‍तुतीकरण के लिए स्‍वीकारित, 24-25 नवंबर, 2010.
  • डॉ. पी. ई. राजाशेखरन: जैव-विविधता, जैव-पूर्वेक्षण, नवोन्‍मेषन और आधारभूत नवोन्‍मेषकों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार। पीआईसी-केरल, KSCSTE एवं मालाबर बॉटनीकल गार्डन (एमबीजी), कोझीकोड़ द्वारा संयुक्‍त रूप से आयोजित ‘आधारभूत नवोन्‍मेषकों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार’ पर दो दिवसीय राष्‍ट्रीय कार्यशाला।
  •  

    पुस्‍तक एवं अध्‍याय:

  • पी. ई. राजाशेखरन, बी. एस. रविश, टी. वी. कुमार एवं एस. गणेशन – 2013, पोलन क्रायोबैंकिंग फॉर ट्रॉपिकल प्‍लांट स्‍पीसीज - इन कंजर्वेशन ऑफ ट्रॉपिकल प्‍लांट स्‍पीसीज, संपादक एम. एन. नॉरमा, एच. एफ. चिन, बारबरा एम. रीड। स्प्रिंजर यूएसए, Pp 65-76.
  • भारत और विदेश में सम्‍मेलनों, बैठकों, कार्यशालाओं, संगोष्ठियों में वैज्ञानिकों की प्रतिभागिता।
  • एस. गणेशन एवं डी. एल. शेट्टी 2012, यूज ऑफ कन्‍टेमपरेरी बायोसोर्स डाटाबेसिस फॉर मैपिंग, ऑक्‍यूरेंस एंड डिस्ट्रिब्‍यूशन स्‍पीसीज ऑफ हॉर्टिकल्‍चरल इर्म्‍पोटेंस - ए क्रिटिकल इवेलुवेशन ऑफ डब्‍ल्‍यूजी डाटाबेसिस - खाद्य, पोषण और आजीविका विकल्‍प : स्‍वदेशी  प्रेम संगोष्‍ठी पर वैश्विक सम्‍मेलन में की-नोट संबोधन के रूप में प्रकाशन के लिए स्‍वीकारित, 28-30 मई, 2012, भुवनेश्‍वर।  
  • रिपोर्ट : RPF-II, RPP-II प्रस्‍तुत की गईं।
  •  अन्‍य सूचना:

  • इस परियोजना के तहत प्राप्‍त परिणामों से पूरे देश में अन्‍वेषण मिशनों के लिए एक रोड मैप विकसित करने में सहायता मिलेगी।
  • इस परियोजना में घरेलूकरण की गई नई प्रजातियों को वर्तमान फसल विविधता संग्रह में शामिल किया जाएगा।
  • बागवानी फसलों के पादप आनुवंशिक संसाधनों के लिए पूरक संरक्षण कार्यनीतियों को अनुकूलित किया जाएगा।
Division List: