कृषि उपयोग के लिए नीम-साबुन और करंज-साबुन |
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अनुप्रयोग/उपयोग: |
नीम और करंज के तेल से साबुन बनाए जाते हैं, जो कि ठोस/टिकिया के रूप में होते हैं। इन साबुन की टिकियों को पानी (10 ग्रा. प्रति ली.) में पिघलाकर कीटनाशक की तरह पादपों पर छिड़काव किया जाता है ताकि नाशीकीटों को नियंत्रित किया जा सके। साबुन के छिड़काव का उपयोग कृत्रिम कीटनाशकों के लिए एक विकल्प के रूप में किया जा सकता है और अनेक सब्जी फसलों में समेकित कीट प्रबंधन के अंग के रूप में तथा जैविक आदान के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। |
अपेक्षित निवेश : |
संपर्क करें: भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, हेस्सरघाटा लेक, बेंगलुरू-560089. E. mail: directoriihr@icar.gov.in |
आउटपुट क्षमता : |
साबुन बनाने के लिए 200 लीटर के 2 ड्रमों के साथ 100 कि. ग्रा. प्रति दिन क्षमता। |
विशेष लाभ : |
कीटनाशक रहित सब्जियों के उत्पादन के लिए एक जैविक निविष्टि। |
इकाई लागत : |
100 कि. ग्रा. प्रति दिन के उत्पादन करने के लिए एक इकाई स्थापित करने हेतु रू. 5000 (ड्रम, बाल्टी, पावर स्टोरेज की लागत) (उत्पादन लागत 50-65/कि. ग्रा. होगी)। |
विवरण : |
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विकासकर्ता : |
पी. एन. कृष्णामूर्ति भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, हेस्सरघाटा लेक पोस्ट, बेंगलुरू-560089. |
संपर्क व्यक्ति : |
निदेशक, भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, हेसरघट्टा लेक पोस्ट, बेंगलुरू- 560 089, दूरभाष: 080-23086100; फैक्स: 080-28466291; ई-मेल: directoriihr@icar.gov.in (link sends e-mail) |
संस्थान: |
आईआईएचआर, बेंगलुरू |