अर्का हलसुरस (अर्का कटहल रस) / ARKA HALASURAS
भा.कृ.अनु.प-भा.बा.अनु.सं. ने पहली बार अर्का हलसुरस का विकास किया है, जो किण्वक शुद्धीकरण से तैयार किया गया कटहल का पीने के लिए तैयार पेय है। कटहल के गूदे (नरम और दृढ़ प्रकार) को किण्वकों के कॉकटेल का उपयोग करते हुए द्रव बनाया गया और सीरम को अलग किया गया। अलग किए गए सीरम को एक विशेष अनुपात में पानी मिलाकर पतला किया गया ताकि कुल घुलनशील ठोस वाँछित मात्रा के बीच रहे और इसे स्थिर किया गया। इस पेय में शर्करा या अम्ल या परिरक्षक पदार्थ नहीं मिलाया गया है और इसे सामान्य तापमान में काँच के बोतलों में 6 महीनों तक रखा जा सकता है। यह भारत के किसी भी अनुसंधान प्रयोगशाला से विकसित पहला ऐसा उत्पाद है। इस उत्पाद में 15-18 मि.ग्रा./100 मि.ली. विटामिन सी; 2-1-2-4 मि.ग्रा./100 मि.ली. कुल कैरोटिनॉइड, 1.1-1.2 मि.ग्रा./100 मि.ली. प्रतिऑक्सीकारक हैं। इस उत्पाद का मिठास मुख्यत: इसमें मौजूद फ्रक्टोस और सोर्बिटॉल के कारण है। प्रयोगशाला में किए गए अध्ययनों ने दर्शाया है कि कटहल में जीवाणु-रोधी क्रिया होती है। एक कि.ग्रा. फल से 2.5-3.0 लीटर पीने के लिए तैयार रस प्राप्त होता है।
अर्का जैकोलेट/ ARKA JACHOLATE
अर्का जैकोलेट भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., बेंगलूरु द्वारा विकसित कटहल के बीज-चूर्ण एवं खुम्ब-आधारित चॉकलेट है। एक ताज़े कटहल में 15-23% बीज होते हैं, इन्हें अपशिष्ट के रूप में बेकार फैंका जाता है। कटहल के बीजों में 60-65% स्टार्च (आरएस- प्रकार-2), 2% कच्चा रेशा और प्रतिरक्षी और कैंसर-रोधी गुणों वाले पादपरसायनों की अधिकता होती है। इसको ध्यान में रखते हुए शरीर को चॉकलेट, जो सभी आयु वर्ग के लोग पसंद करते हैं, के माध्यम से ऐसे अद्भुत प्राकृतिक उत्पाद देने के लिए तकनीकी विकसित की गई है। इस तकनीकी में कटहल के बीज-चूर्ण में कई अन्य संघटक, जैसे खुम्ब, तिल, मखन आदि को एक विशेष अनुपात में मिलाकर चॉकलेट से आवरित करना शामिल है। यह उत्पाद अत्यधिक स्वादिष्ट है और पौष्टिक भी है, जिसमें 5.0-6.0% प्रोटीन, वसा और कैलोरी मूल्य कम, रेशा और प्रतिऑक्सीकारक क्रिया अधिक होती है।
अर्का जैकीस/ ARKA JACKIES
अर्का जैकीस भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., बेंगलूरु द्वारा विकसित कटहल के बीज-चूर्ण एवं खुम्ब-आधारित कुकीस है। परंपरागत रूप से बिस्कटों में रेशे की मात्रा को बढ़ाने के लिए अनाज की वसा-मुक्त भूसी का इस्तेमाल किया जाता है। भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., बेंगलूरु द्वारा विकसित इस तकनीकी में अनाज की भूसी की अपेक्षा अधिक स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद अर्थात कटहल के ब्लैंच किए गए बीज-चूर्ण का इस्तेमाल किया गया है। कटहल के बीज-चूर्ण में 2.0% कच्चे रेशे के अतिरिक्त अधिक मात्रा में खनिज एवं पादपरसायन भी होते हैं। अनाज की भूसी से संवर्धित बिस्कटों, जहाँ केवल 5-10% रिफाइन्ड गेहूँ की आटा निकाला जाता है, की अपेक्षा हमारी तकनीकी में 40% रिफाइन्ड के स्थान पर ब्लैंच किए गए कटहल के बीज-चूर्ण, फल-चूर्ण और खुम्ब का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी संवेदी स्वीकार्यता भी अच्छी है। यह खनिजों जैसे कैल्शियम, मैग्निशियम और लौह से भरपूर है।