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पावगडा, तुमकूरु जिले में आदिवासी उप-योजना परियोजना

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भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. ने अपनी आदिवासी उप-योजना परियोजना को तुमकूरु जिले में भी आगे बढ़ाया है। हाल ही में तुमकूरु जिले के पावगडा तहसील के देवलकेरे गाँव में 26 फरवरी 2020 को एक बृहत कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया है। भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. की तकनीकियों के माध्यम से आजीविका सुरक्षा सुधारने के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण से अठारह गाँवों से लगभग 360 आदिवासी किसानों और अन्य किसानों का चयन किया गया था।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. एम.आर. दिनेश, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., बेंगलूरु ने 120 एकड़ के लिए विभिन्न फल फसलों, जैसे आम, अमरूद, जामुन, सीताफल की 9 किस्मों तथा सब्जी फसलों, जैसे मिर्ची, टमाटर, भिण्डी, बैंगन, चौलाई, सहजन, फ्रेंचबीन, सेमफली, कद्दू एवं कड़ीपत्ते की 12 किस्मों को वितरित करते हुए किया था। उद्घाटन संबोधन में डॉ. एम.आर. दिनेश ने कृषक समुदायों की आय बढाने के लिए बागवानी फसलों का महत्व, वर्षा-आधारित खेती के लिए प्रमुख फलों की किस्मों के बारे में बताया। अपनी सीमित संसाधनों के बावजूद बागवानी फसलों की खेती के लिए उन्होंने पावगडा के किसानों की सराहना की। उन्होंने लाभार्थियों को सलाह दी कि आर्थिक लाभप्रदता के लिए भा.बा.अनु.सं. की तकनीकियों को अपनाएँ।

श्री शिवप्रसाद, अनुसंधान सलाहकार समिति, भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., ने संस्थान की नवाचारी तकनीकियों और किसानोपयोगी कार्यक्रमों के लिए सांस्थान की प्रशंसा की। उन्होंने पावगडा में आदिवासी उप-योजना लागू करने के लिए संस्थान के निदेशक और अन्य कर्मचारियों को धन्यवाद दिया।

डॉ. बी. नारायणस्वामी, प्रधान वैज्ञानिक व नोडल अधिकारी, आदिवासी उप-योजना ने टीएसपी परियोजना के महत्व और तुमकूरु जिले में इसके विस्तार की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिक आय प्राप्त करने के लिए कृषि पद्धतियों को कैसे अपनाएँ।

इस कार्यक्रम में डॉ. वी. नागभूषण रेड्डी, अध्यक्ष, राष्ट्रीय किसान संघ, कर्नाटक, श्री नरसिंहा रेड्डी, अध्यक्ष, तहसील किसान संघ, पावगडा, श्री सोगडु वेंकटेश, तहसील पंचायत सदस्य, श्रीमती शांतम्मा, अध्यक्ष, ग्राम पंचायत, विभिन्न गाँवों के समुदाय नेता, स्थानी प्रगतिशील किसान श्री गिरीश, श्री पालय्या, श्री वीरभद्रप्पा, श्री शिवकुमार, श्री ओबलेशप्पा, राज्य कृषि विभाग के अधिकारीगण और मीडियाकर्मी ने भाग लिया।

डॉ. अतीखुल्ला, वैज्ञानिक, श्री के. चंद्रशेखरय्या, श्री एच.आर. जयंत, सुश्री एच. हर्षिता और श्री शशिकुमार, एस., समाज विज्ञान व प्रशिक्षण विभाग ने इस कार्यक्रम के आयोजन में मदद की।