11.2.2
Objective:
- नुसेलर एम्ब्रियोनी के उच्च अनुपात तथा अन्य वांछित गुणों के साथ जननद्रव्य वंशक्रमों के लिए भौ-भ्रूणीय किस्मों में विविधता की पहचान करना।
- एसएसआर मार्करों का प्रयोग करते हुए जाइगोटिक एवं नुसेलर एम्ब्रोयनी की पहचान करना।
इस कार्यक्रम के आरंभ होने की तारीख : 2009
PI:
अनुराधा साने
CO PI:
एस गणेशन (आनुवंशिकी)
एम. आर. दिनेश (बागवानी)
लीला साहिजराम (पादप विकृति विज्ञान)
के. वी. रविशंकर (पादप विकृति विज्ञान)
सी. वासुगी (बागवानी)
Achievements:
SSR मार्करों का प्रयोग पैतृक पादप के साथ सभी पौधों की डीएनए प्रोफाइलों की तुलना कर युग्मनज पौधों की पहचान करने के लिए किया जाता है। ऐसे प्राइमरों का वैधीकरण किए जाने की आवश्यकता है जिनमें Moreh की पौधों की पहचान करने में बहुरूपता साबित करने की क्षमता है।
प्रकाशन:
- अनुराधा साने, एम. आर. दिनेश, सी. वासुगी एवं के. वी. रविशंकर। इम्प्लीकेशन्स ऑफ पॉलीएम्ब्रियोनी ऑन दि परफोरमेंस इन मैंगो वैराइटीज। आम के उत्पादन और उपयोग को बढ़ाने पर वैश्विक सम्मेलन : जैविक एवं अजैविक दबाव, 21-24 जून, 2011, केंद्रीय उपोषण बागवानी संस्थान, लखनऊ।
- अनुराधा साने, एम. आर. दिनेश एवं यू. एम. कार्तिक। जेनेटिक डाइवर्सिटी स्ट्डीज इन सम मैंगो कल्टीवर्स यूजिंग डीएनए मार्कर्स। आम के उत्पादन और उपयोग को बढ़ाने पर वैश्विक सम्मेलन : जैविक एवं अजैविक दबाव, 21-24 जून, 2011, केंद्रीय उपोषण बागवानी संस्थान, लखनऊ।
Division List: