रजनीगंधा के इस संकर में मजबूत, मध्यम प्रकार की डंडियों पर एकल एवं सुगंधित फूल खिलते हैं। इस किस्म की कलियां हल्की गुलाबी रंग के साथ काफी आकर्षक होती हैं। इसकी डंडियों में अधिक संख्या में फूल खिलते हैं और इसके फूल लोकल ‘सिंगल’ प्रजाति की तुलना में बड़े होते हैं। इस संकर के खुले फूलों का उपयोग माला बनाने तथा रजनीगंधा ठोस के निष्कर्षण के लिए किया जा सकता है। इसकी डंडियों का उपयोग कट फ्लावर के रूप में भी किया जा सकता है। इस संकर के खुले फूलों की उपज वर्तमान लोकल सिंगल किस्म की तुलना में लगभग 36 प्रतिशत अधिक है। इस किस्म की पहचान कर्नाटक राज्य स्तर पर विमोचन हेतु की गई है। यह किस्म जड़ गांठ सूत्रकृमि से सहिष्णु है।