अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 - 17 सितंबर, 2021 को भा.कृ.अनु.प.- भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु में पोषक-उद्यान और वृक्षारोपण पर अभियान
“अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023” - 'पोषक-उद्यान और वृक्षारोपण पर अभियान' का शुभारंभ 17 सितंबर, 2021 को भा.कृ.अनु.प.- भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु में भौतिक और आभासी दोनों तरीकों से सुबह 10.0 बजे से शाम 4.00 बजे तक किया गया।
डॉ. स्मिता जी., वैज्ञानिक (फूल और औषधीय फसल) ने समारोह में उपस्थित डॉ. देबी शर्मा, प्रभारी निदेशक, डॉ. पुष्पा सी.के., डॉ. मंजूनाथ बी.एल., डॉ. टी.एस. अघोरा, किसान, छात्र, एफपीओ प्रतिनिधि और भा.बा.अनु.सं. के कर्मचारी व अन्य अतिथियों का स्वागत किया। सुबह 10.30 बजे सभी प्रतिभागियों ने वर्चुअल मोड के माध्यम से कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। दोपहर में सभी प्रतिभागियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी।
दोपहर 2.00 बजे संस्थान के कार्यक्रम की शुरुआत प्रतिभागी किसानों एवं छात्राओं को पौधे एवं बीज सामग्री के वितरण के साथ हुई। एवोकैडो, कटहल, सीताफल, आम, पोंगामिया के लगभग 150 पौधे और सब्जी बीज किट (150) वितरित किए गए। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को रागी कुकीज भी खाने को दी गई।
डॉ. पुष्पा चेतन कुमार ने 'पोषक-अनाज और मानव स्वास्थ्य पर उनकी भूमिका' पर व्याख्यान दिया और उसके बाद डॉ. बी. एल. मंजूनाथ द्वारा 'स्थायी कृषि और ग्रामीण आजीविका पर वृक्षारोपण की भूमिका' पर व्याख्यान दिया। डॉ. देबी शर्मा ने मानव पोषण में पोषक अनाज के महत्व पर जोर दिया और यह भी बताया कि सब्जियों के साथ यह खनिजों और प्रोटीन का पूरक कैसे होगा। डॉ. अघोरा टी.एस. ने कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और पोषक अनाज की समृद्ध फाइबर सामग्री और मानव पोषण में इसके उपयोग पर जोर दिया।
डॉ. पूर्णिमा के. एन. ने सभी ऑफ और ऑनलाइन प्रतिभागियों को औपचारिक धन्यवाद दिया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। सभी प्रतिभागियों द्वारा भा.कृ.अनु.प.- भा.बा.अनु.सं. में 135 पौधे रोपे गए।