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आम्रपाली आम में जैली बीज स्‍थापन पर रासायनिक अध्‍ययन

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Objective: 

 

  • जैली बीज स्‍थापन तथा आम्रपाली आम में शरीरक्रियात्‍मक विकृति और उसके प्रबंधन के लिए एक संरूपण विकसित करने हेतु जैव-रासायनिक आधार की खोज करना। 

 

इस कार्यक्रम के आरंभ होने की तिथि: जुलाई, 2011

 

PI: 

एस. शिवशंकर

CO PI: 

एच. एस. सिंह

Achievements: 

 

  • विभिन्‍न फल परिपक्‍वता स्‍तरों पर तुड़ाई किए गए आम्रपाली फलों पर किए गए अध्‍ययनों में यह पाया गया कि फल की परिपक्‍वता के साथ-साथ विकृति का आपतन बढ़ता है।
  • 90 प्रतिशत परिपक्‍वता वाले फलों में विकृति के आपतन की दर 21.1 से 67.9% की रेंज में पाई गई, जबकि निचले फल परिपक्‍वता स्‍तरों पर आपतन 0 से 15% की रेंज में था।  
  • विकृति के आरंभिक लक्षणों को स्‍टोन और प्‍लप के इंटरफेस पर देखा गया, जो प्‍लप के मध्‍य में जैली की तरह थे और फल परिपक्‍वता स्‍तर के साथ बढ़ते रहे।
  • जैव-रासायनिक विश्‍लेषण में यह पाया गया कि स्‍वस्थ फलों के बीजों की तुलना में जैली बीज-प्रभावित फलों से संग्रहित बीजों में उच्‍च नमी तत्‍व एवं हाइड्रोलाइजिंग एंजाइमों की गतिविधयां थीं।