कृषि विज्ञान केंद्र, हिरेहल्ली, तुमकूरु ने “बारानी बागवानी” पर परिसर बाह्य प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।
कृषि विज्ञान केंद्र (भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं.), हिरेहल्ली, तुमकूरु ने अधिक लाभकारिता के लइए आदानों के कम उपयोग के द्वारा बारानी बागवानी के माध्यम से फलों की खेती की संभावनाओं की खोज के उद्देश्य से 4 जुलाई 2020 को बुक्कपट्टणा, सिरा में “बारानी बागवानी” पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। श्री रघु राव, अध्यक्ष, राज्य स्तरीय चंदन संघ ने उद्घाटन भाषण में बारानी बागवानी और चंदन के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. एन. लोगानंदन, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, हिरेहल्ली, तुमकूरु ने पर्यावरणीय सुस्थिरता के लिए कम आदान आवाश्यक फलोत्पादन के महत्व और बागवानी के विकास के लिए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा की जा रही गतिविधियों का उल्लेख किया। चिक्कनाकहल्ली के प्रगतिशील किसान श्री पुरुषोत्तमा ने बारानी खेती और बागवानी में बहु-परतीय कृषि पर प्रकाश डाला।
तकनीकी सत्र में, श्री प्रशांत जे.एम. ने बारानी बागवानी की स्थिति और इसकी संभावनाओं तथा इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे पहलों की जानकारी दी। श्री रमेश पी.आर. ने जल और पोषकतत्वों के प्रभावी प्रबंधन के लिए मिट्टी के महत्व पर प्रकाश डाला। श्री के.एन. जगदीश ने कृषि विज्ञान केंद्र, हिरेहल्लि में उपलब्ध आदानों और बारानी बागवानी की उपयोगिता का उल्लेख किया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागियों को बारानी बागवानी के विभिन्न तरीकों की जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में तुमकूरु जिले के विभिन्न भागों, जैसे सी.एन. हल्ली, गुब्बी, सिरा, तुमकूरू, मधुगिरी, और कुनिगल के 75 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. एन. लोगानंदन और श्री के.एन. जगदीश, कृषि विज्ञान केंद्र, हिरेहल्ली, तुमकूरु ने किया।