केंद्रीय बागवानी परीक्षण केंद्र, भुबनेश्वर ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-एस व टी परियोजना के तहत ओडिशा के नबरंग जिले के नंदहण्डी खण्ड के सोरगदा गाँव के उमा शंकर सबुजा दुनिया परिसर में 14 नवंबर को ‘फल व सब्जी फसलों के व्यावसायिक पौधशाला तकनीक’ पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। डॉ. पी. श्रीनिवास, प्रधान वैज्ञानिक ने बागवानी-पौधशाला की व्यावसायिक उपलब्धता के बारे में लाभार्थियों को अवगत कराया। चालीस से अधिक युवाओं और स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को विभिन्न पौधशाला तकनीकों, जैसे फल फसलों में कलम-बाँधना, अमरूद में गूटी बाँधना, गेंदा, परवल, कुंदरू में कलम तैयार करना, ककोड़ा में जड़-कलम बनान, टमाटर, बैंगन और मिर्ची में पौध तैयार करना, सब्जियों में कलम-बाँधना आदि पर व्यावहारिक अभ्यास दिया गया और प्रक्षेत्र प्रदर्शन भी किया गया। इस कार्यक्रम में श्री देबप्रसाद दास, जिला कृषि अधिकारी और श्री रमाकांत नायक, परियोजना निदेशक, जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए व्यावसायिक पौधशाला के महत्व पर सभा को संबोधित किया। उन्होंने सुझाव दिया कि बागवानी-पौधशाला न केवल संपूर्ण या पूरक आय के स्रोत के रूप में कार्य करेगा बल्कि भा.कृ.अनु.प.-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलूरु के फलों, सब्जियों और फूलों की उच्च गुणवत्तायुक्त किस्मों के प्रचार का कार्य भी करेगा। स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को व्यावसायिक पौधशाला के लिए उपयुक्त विभिन्न उद्यान साधन भी वितरित किए गए। श्री बिमल, गोबिंदालय के प्रतिनिधि और श्री कृष्णा नायक, प्रबंध निदेशक, उमाशंकर सबूजा दुनिया ने सभा को संबोधित किया और इस कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सुविधाएँ प्रदान कीं।
दिनांक 15 नवंबर 2019 को ‘सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए सब्जी फसलों की व्यावसायिक खेती’ विषय पर नबरंगपुर जिले के पापदहण्डी खण्ड के कंगुमाझीगुडा गाँव और कोसगुमुडा खण्ड के बाड़गुदा गाँव में दो प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। लाभार्थियों को विशेषकर प्याज (अर्का भीम, अर्का बिंदु, अर्का उज्ज्वला, अर्का प्रगति, अर्का कल्याण), टमाटर (अर्का सम्राट, अर्का रक्षक, अर्का अभेद), मिर्ची (अर्का ख्याति, अर्का हरिता), धनिया (अर्का इशा) आदि की व्यावसायिक खेती के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित किया गया। डॉ. पी. श्रीनिवास, परियोजना के प्रधान अन्वेषक ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-एस व टी के तहत लाभार्थियों को सब्जियों की व्यावसायिक खेती के प्रदर्शन हेतु प्रदान की जाने वाली सब्जी फसलों की किस्मों की जानकारी दी। चयनित लाभार्थियों को सब्जी फसलों के बीज प्रदान किए गए। उन्होंने इन किस्मों की विशेषताओं की जानकारी दी, साथ में उच्च उपज देने वाली विभिन्न सब्जी फसलों की उत्पादन तकनीकों को भी स्पष्ट किया। श्री शुभेंदु बाला, कार्यक्रम अधिकारी, क्षमता-उन्नयन, ओडिशा आदिवासी सशक्तिकरण एवं आजीविका कार्यक्रम (ओटीइएलपी), सुश्री कमलिनी, कृषि अधिकारी, ओटीइएलपी, सुश्री तेजस्विनी, सहायक बागवानी अधिकारी, पापदहण्डी, सुश्री भानुप्रिया साहू, ग्राम कृषि कार्यकर्ता सभा को संबोधित किया और अर्का सब्जी बीजों के भविष्य के वितरण का विवरण दिया। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए स्थानीय गैर सरकारी संगठनों, जैसे आरसीडीसी और आईआरडीएमएस के स्वैच्छिक कार्यकर्ता और अधिकारियों, के.बा.प.के. के प्रक्षेत्र सहायकों ने विभिन्न सुविधाओं की व्यवस्था और अन्य गतिविधियों के लिए भरपूर मदद की। इन तीनों प्रशिक्षण कार्यक्रमों का समन्वयन डॉ. पी. श्रीनिवास, प्रधान वैज्ञानिक और प्रधान अन्वेषक, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-एस व टी ने जिला अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों और प्रक्षेत्र कर्मचारियों की सक्रिय मदद से किया।