प्रौद्योगिकी का विवरण
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वर्तमान में अधिकतर जर्बेरा किस्मों का पेटेंट किया गया है और बड़ी कंपनियां इसके पादपों का आयात करती हैं और उसे ऊंचे मूल्यों पर बेचती हैं।
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जीए का प्रयोग करते हुए काँच-युक्त प्ररोहों को छोड़कर, प्ररोहाग्र का उपयोग कर जर्बेरा की वाणिज्यिक बहुगुणन-विधि का मानकीकरण किया गया।
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दूसरे कदम के रूप में, इन विट्रो डंठलों का उपयोग व्यापक बहुगुणन के लिए भी किया जा सकता है।
उत्पाद और उपोत्पाद
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अर्का कृषिका जर्बेरा के टिशु कल्चर पादप।
प्रौद्योगिकी के लाभ
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यह प्रौद्योगिकी बाजार मांग के अनुसार, बढ़ते उत्पादन की संभावना के साथ स्वच्छ रोपण सामग्री की आपूर्ति में सहायता प्रदान करती है।
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लघु उद्यम बहुगुणन के लिए इस तकनीक का प्रयोग कर सकते हैं।
लक्षित क्षेत्र/ अंतिम उपयोगकर्ता की प्रोफाइल
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लघु उद्यमी।
बाजार-संभावना
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जरबेरा पादपों का बाजार बहुत बड़ा है। वर्तमान में बाजार ऐसी आयातित किस्मों से कारोबार कर रहा है जो कि काफी मंहगी हैं, क्योंकि इन सभी का पेटेंट किया गया है और इनका बहुगुणन बड़ी कंपनियों द्वारा किया जाता है। वर्तमान प्रोटोकॉल से लघु कंपनियों को बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकता है।
अपेक्षित निवेश
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नई प्रयोगशाला के लिए 10 लाख रूपये।
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स्थापित प्रयोगशाला के लिए उत्पादन लागत 3 रूपये प्रति पादप है।
अनुमानित लाभ/मुनाफा
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इसकी बहुगुणन दर काफी उच्च है।
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एक्सागर पादपों को 8 रूपये के मूल्य पर भी बेचा जा सकता है।
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3 माह की अवस्था वाले ठोस पादपों को 15 रूपये के मूल्य पर बेचा जा सकता है।
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लागत लाभ अनुपात 2.5:1.