सेंट्रल हॉर्टिकल्चर एक्सपेरिमेंट स्टेशन, CHES, ICAR-IIHR भुवनेश्वर ने 17 सितंबर 2021 को "इंटरनेशनल ईयर ऑफ बाजरा 2023" का कर्टेन रेज़र मनाया। इस प्रोग्राम की शुरुआत सेंट्रल हॉर्टिकल्चरल एक्सपेरिमेंट स्टेशन, भुवनेश्वर के हेड आईसी डॉ गोबिंदा च आचार्य की शुरुआती टिप्पणियों के साथ हुई थी। जिन्होंने बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे बाजरा भारतीय परंपरा की संस्कृति से जुड़ा है। डॉ पी श्रीनिवास, प्रधान वैज्ञानिक ने वृक्षारोपण की भूमिका और इसके पर्यावरण संबंध पर बात की। इस अवसर पर डॉ कुंदन किशोर, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ मानस आर साहू, प्रधान वैज्ञानिक ने भी अपने विचार रखे। वैज्ञानिक श्री सत्यप्रिया सिंह ने हमारे दैनिक आहार में बाजरे के उपयोग और महत्व पर एक संक्षिप्त विवरण दिया। मिस ज्योतिर्मयी कुमारी, क्लास टीचर, जादूपुर हाई स्कूल ने भी ग्रामीण गांवों में बाजरा की खेती की परंपरा के बारे में बताया। कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को स्थानीय बाजरा उत्पादों का वितरण किया गया और प्रतिभागियों के बीच जागरूकता के लिए बाजरा के विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी स्टाल की व्यवस्था की गई। विद्यार्थियों व किसानों के सहयोग से पौधरोपण कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम में लगभग 70 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें सैयद मुमताज हाई स्कूल, जादूपुर, भुवनेश्वर की 10 वीं कक्षा की छात्राएं शामिल हैं; गोद लिए गए एमजीएमजी गांवों की महिला किसान, आस-पास के गांवों के किसान/कृषि महिलाएं और आंध्र प्रदेश के एफपीओएस के सदस्य और प्रगतिशील किसान। कार्यक्रम का संचालन डॉ. जी सी आचार्य की देखरेख में डॉ मानस आर साहू, डॉ कुंदन किशोर, श्री सत्यप्रिय सिंह, डॉ पी श्रीनिवास ने तथा केंद्र का तकनीकी स्टाफ समन्वित द्वारा किया गया .