वर्गीय मूलवृंतों की पहचान करने के लिए डीएनए आधारित नैदानिकी
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तीन नींबूवर्गीय फलों के मूलवृंत, नामत: रंगपुर लाइम, रफ लेमन एवं गलगल की पहचान और पृथक्करण के लिए एक एससीएआर आधारित बहुमुखी पीसीआर परीक्षण विधि का मानकीकरण किया गया।
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यह नींबूवर्गीय फलों के उत्पादकों को गलगल, जो कि अनेक रोगों के प्रति संवेदनशील है, के अवांछित मूलवृंतों का उपयोग करने के जोखिम से बचने में सहायता करती है।
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इसकी बाजार-संभावना काफी अधिक है, यदि संबंधित राज्य सरकार द्वारा नर्सरियों से पादपों की गुणवत्ता का सत्यापन करने के लिए एक इसे अनिवार्य बना दिया जाता है।
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पीसीआर, सेंट्रीफ्यूज, इलेक्ट्रोफोरेसिस सिस्टम के साथ एक प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए 10 लाख रूपयों की आवश्यकता होती है। पहले से स्थापित प्रयोगशालाओं के लिए प्रति नमूने का व्यय 30 लाख रूपये होगा।