अर्का अरुणिमा
इस चौलाई किस्म का विकास आईआईएचआर सं. 18384 से शुद्ध वंशावली चयन के द्वारा किया गया है। यह त्वरित गति से बढने वाली, कई बार कटाई-योग्य और बैंगनी पत्तियों व तने वाली किस्म है। इसकी पाक गुणवत्ता उत्कृष्ट है और यह विटामिनों व खनिजों से भरपूर है। यह सफ़ेद गेरुए का प्रतिरोधी है। इसकी उपज 60 दिनों में 3 बार की कटाई में 26-28 टन/हे. है।