आम को पकने के लिए लुगदी निर्माण उद्योग में 8 से 10 दिनों तक भंडारित किया जाता है। एंथ्रेक्नोस-संक्रमण और फल-मक्खी द्वारा फसलोत्तर नुकसान होता है। आम गूदा उद्योग काफी फैल चुका है। प्रति वर्ष 621 करोड़ रूपयों के मूल्य के साथ लगभग 1.5 लाख टन आम के गूदे का निर्यात किया जाता है। भारत से 210 करोड़ रुपयों के मूल्य के लगभग 63 हजार टन आम का निर्यात किया जा रहा है। गरम पानी से उपचारित फलों में कम फसलोत्तर नुकसान देखा जाता है। गरम पानी से उपचार करने का सयंत्र आम के निर्यात और लुगदी-उद्योग के लिए है। एंथ्रेक्नोस और फल-मक्खी के कारण भंडारण-नुकसान को कम करने हेतु उपचार किया जा सकता है। इससे लुगदी उद्योग में फलों को पकाने के लिए कम समय लगता है और इसलिए फल की इनवेंट्री कम होकर लगभग आधी हो जाती है।