Sample Heading

Sample Heading

बागवानी जननद्रव्‍य में नाशीकीट एवं रोग-प्रकोप, परागक-विविधिता, पारिस्थितकी और आर्थिक महत्‍ता के लिए पदार्पित रोपण सामग्री की निगरानी और जांच पर अध्‍ययन

Primary tabs

11.2.4

Objective: 
  • नाशीकीट और रोग-प्रकोप के लिए वन्‍य एवं सहायक स्रोतों से पदार्पित जननद्रव्‍य की जांच करना।
  • विभिन्‍न फल फसलों में जीनप्ररूप विविधता के संबंध में प्रजातियों की विविधता, नाशीकीट परागकों की व्‍यापकता एवं परागण प्रकृति का प्रलेखीकरण करना।
  • फल स्‍थापन, फल धारणीयता, उपज एवं गुणवत्‍ता प्राचलों पर परागकों के प्रभाव का मूल्‍यांकन करना और आवश्‍यकता का अधिकतमीकरण करना।
  • परागकों पर पादप संरक्षण रासायनिकों के प्रभाव का अध्‍ययन करना।

 

इस कार्यक्रम के आरंभ होने की तारीख  2009

PI: 

के. शिवरामु (कृषि कीट विज्ञान)

CO PI: 

पी. वी. आर. रेड्डी (कृषि कीट विज्ञान)

पी. ई. राजेशखरन (अर्थशास्‍त्री एवं वनस्‍पति विज्ञान)

एम. आर. दिनेश (बागवानी)

सी. वासुगी (बागवानी)

ए. के. सक्‍सेना (पादप विकृति विज्ञान)

 

Achievements: 
  • दुर्लभ, लुप्तप्राय एवं संकटग्रस्त औषधीय पादपों की सात प्रजातियों पर नाशीकीट के आपतन के अध्‍ययनों में यह पाया गया है कि सेलास्‍ट्रूस पेनिकुलेटस एवं एम्‍बेलिया सजेरियामकोट्म पर अगस्‍त-अक्‍तूबर माह के दौरान ऐश वीविल (माइलोसेरोस प्रजा.) सबसे ज्‍यादा खतरनाक नाशीकीट था जिसने फसल में 15 – 40% के दायरे में निष्‍पत्रण किया। व्‍यस्‍क वीविल की समष्टि 2-4 प्रति प्ररोह थी और सी. पेनिकुलेट्स पर रोयेदार कैटरपिलर (यूप्रोक्टिस फ्रेटरना) अन्‍य निष्‍पत्रक पाया गया।  
  • बेंगलुरू स्थितियों के तहत आम के प्रमुख परागकों के रूप में चार प्रजातियों, यानी ऐपिस फ्लोरा, ए. सेरेना. क्राइसोमिया मेगासेफाला, इरिस्‍टेलिनुस अर्वोरूम को स्‍थापित किया गया।
  • बेमौसम फसल अवधि के दौरान नाशीकीट परागकों की 28 प्रजातियों को अभिलेखित किया गया। ये प्रजातियां मुख्‍य रूप से चार वंशक्रमों से संबंधित थीं, अर्थात हाइमेनोप्‍टेरा (ऐपिडे, मेगाचिलिडे, स्‍कोलीडे), लेपिडोप्‍टेरा (निंफालाइडे, लाइकानाइडे), डिप्‍टेरा (साइफाइडे, कलीफोराइडे, राइनीडे) और कोलियोप्‍टेरा (स्‍काराबीडे)। बेमौसम फसल अवधि के दौरान इन परागकों को वीड फ्लोरा की नौ प्रजातियों द्वारा सहायता दी गई थी।
  • अल्‍फोंसो और बंगनापल्‍ली पर दो मधुमक्‍खी प्रजातियों, अर्थात ऐपिस सेराना एवं ए. फ्लोरा और दो डिप्‍टेरन, अर्थात क्राइसोमिया मेगासेफाला एवं इरिस्‍टेलिनुस अर्वोरूम की परागण प्रकृति पर अध्‍ययन किया गया।
  • विभिन्‍न किस्‍मों में, आवरित फूलों में फल स्‍थापन में गिरावट देखी गई, जो कि 68 से 90% के बीच थी। इससे फल स्‍थापन से परागकों द्वारा निभाई गई भूमिका की पुष्टि होती है।
  • मधुमक्खियों एवं अन्‍य परागकों पर चार कीटनाशकों, अर्थात ऐसिफेट, कार्बेरिल, डेल्‍टामेथ्रिन, इमिडाक्‍लोप्रिड एवं लाम्‍डा साइहैलोथ्रिन  के प्रभाव का अध्‍ययन किया गया। सभी कीटनाशकों का छिड़काव किए जाने के दो घंटो के भीतर परागकों की सक्रियता में 80- 90% तक गिरावट पाई गई।            
  • अमरूद में, ऐपिस सेरेना, ए. फ्लोरा एवं ए. डोरसाटा सक्रिय परागक पाए गए।
  • किस्‍मगत अंतरों के संबंध में, परागक विविधता पर अध्‍ययन किया गया। परागक घनत्‍व पर पुष्‍पीय आकार की गुणों के प्रभाव का अध्‍ययन किया गया। आम में पुष्‍पगुच्‍छ, परागक की प्राथमिकता को प्रभावित करता है।
  • क्राइसोमिकया मेगासेफाला के व्‍यापक बहुगुणन के लिए एक प्रोटोकॉल का मानकीकरण किया गया।

 

 प्रकाशन:

शिवरामू के. शक्तिवेल टी. एवं रेड्डी पी. वी. आर. 2012. डाइवर्सिटी एंड फोरेज डाइनामिक्‍स ऑफ इनसेक्‍ट पॉलीनेटर्स ऑन रामबुटान (नेफेलियुम लेपासीयुम एल.), पैस्‍ट मैनेजमेंट इन हार्टिकल्‍चरल इकोसिस्‍टम, 18 (2) : 158-160. शिवरामू के. एवं करूणाकरन, जी. 2012. प्रिलिमिनरी ऑब्‍जर्वेशन ऑफ इनसेक्‍ट पॉलीनेटर्स, डाइवर्सिटी एंड एक्टिविटी ऑन मैकाडेमिया नट (मैकाडेमिया इंटिग्री फोलिया) (मेडन एंड बेच) इन कोडागु। पैस्‍ट मैनेजमेंट इन हार्टिकल्‍चरल इकोसिस्‍टम, 18 (2) : 223 रेड्डी, पी. वी. आर., वर्गीस, ए. एवं वरूण राजन, वी. 2012. पोटेंशियल इम्‍पेक्‍ट ऑफ क्‍लाइमेट चेंज ऑन हनीबीज (ऐपिस प्रजा.) एंड देयर पॉलिनेशन सर्विसिस। पैस्‍ट मैनेजमेंट इन हार्टिकल्‍चरल इकोसिस्‍टम,18 (2) : 121-127. रेड्डी, पी. वी. आर. पाटिल, पी. एवं परिपूर्णा के. ए. 2010. स्‍क्रीनिंग जर्मप्‍लाज्‍म ऑफ प्‍यूमेलो (सिट्रस मैक्सिमा मेर.) फॉर रेसिसटेंस अगेंस्‍ट सिट्रस लीफ माइनर, फाइलोक्‍निस्टिस सिट्रेला सेंट.। पैस्‍ट मैनेजमेंट इन हार्टिकल्‍चरल इकोसिस्‍टम्‍स, 16 (2) : 136-140.

 

Division List: