भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., बेंगलूरु ने कर्नाटक के तुमकूरु जिले के पावगडा में जनजातीय उपयोजना के तहत उच्च उत्पादन के लिए फलों के पौधे वितरित किए।
उन्नत किस्में और संकर उत्पादन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण निभाते हैं। भा.कृ.अनु.प.-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलूरु ने खेती से होने वाले लाभों को बढ़ाने के लिए किसानों के फ़ायदे के लिए फलों व सब्जियों की कई किस्मों का विकास किया है। किसानों, विशेषकर अनुसूचित जनजाति के किसानों, के फ़ायदे के लिए भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., बेंगलुरु ने भा.कृ.अनु.प.-कृषि विज्ञान केंद्र, हिरेहल्ली, तुमकूरु के सहयोग से जनजातीय उपयोजना परियोजना के तह्त 31.07.2020 को राजवंती, पावगडा में “उच्च उत्पादन के लिए फल-पौधों का वितरण कार्यक्रम” आयोजित किया। तुमकूरु जिले के पावगडा तहसील के छह गाँवों से अनुसूचित जनजाति के लाभार्थी किसानों का चयन किया गया। डॉ. एन. लोगानंदन, प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, हिरेहल्ली, तुमकूरु ने जनजातीय उपयोजना परियोजना के महत्व और तुमकूरु जिले में इसके विस्तार को ज़ोर दिया। उन्होंने किसानों को बारानी फल फसलों के बारे में और अधिक आय प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण फसलों की कृषि पद्धतियों को कैसे अपनाना है, इस विषय के बारे में बताया। डॉ. प्रसन्नाकुमार, वैज्ञानिक (कीट विज्ञान) ने भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. की प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शनों के महत्व का उल्लेख किया। भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. की अनुसंधान सलाहकार समिति के सदस्य श्री एस. शिवप्रसाद ने संस्थान की नवाचारी प्रौद्योगिकियों और किसानोपयोगी कार्यक्रमों के लिए संस्थान की सराहना की। उन्होंने पावगडा तहसील में जनजातीय उपयोजना कार्यक्रम लागू करने के लिए निदेशक और कृषि विज्ञान केंद्र को धन्यवाद दिया। श्री प्रशांत जे.एम., विषय विशेषज्ञ (बागवानी) ने फलों की किस्मों, रोपाई की विधि और इनके अनुरक्षण की जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में आम, अमरूद, सीता फल की गुणवत्तायुक्त रोपण-सामग्रियों और सब्जियों के बीजों का किट (अर्का किस्में) वितरित किया गया। इस कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. लोगानंदन, प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र एवं डॉ. डी. श्रीनिवासमूर्ति, प्रधान वैज्ञानिक व नोडल अधिकारी, जनजातीय उपयोजना परियोजना, आईआईएचआर ने किया। इस कार्यक्रम में पावगडा तहसील के 150 आदिवासी लाभार्थियों ने भाग लिया।