भा.कृ.अनु.प.-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलूरु ने तुमकूरु जिले के तुमकूरु तहसील के कदरनहल्ली एवं मधुगिरी तहसील के बदवनहल्ली में जनजातीय उपयोजना के तहत मधुमक्खी-पालन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलूरु ने भा.कृ.अनु.प.-कृषि विज्ञान केंद्र, हिरेहल्लि, तुमकूरु के सहयोग से दिनांक 30-07-2020 को तुमकूरु जिले के दो तहसीलों में जनजातीय उपयोजना के तहत मधुमक्खी-पालन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। पहला कार्यक्रम तुमकूरु तहसील के कदरनहल्ली गाँव में सुबह और दूसरा अपराह्न मधुगिरी तहसील के बदवनहल्ली गाँव में आयोजित किया गया। इन दोनों स्थानों के आदिवासी लाभान्वितों को मधुमक्खी-पालन हेतु मधुमक्खी के छत्ते वितरित किए गए। डॉ. पी.वी.आर. रेड्डी, प्रधान वैज्ञानिक, भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., बेंगलूरु ने मधुमक्खी-पालन की विधियों का प्रदर्शन किया और मधुमक्खी-पालन के महत्व के बारे में जानकारी भी दी। डॉ. लोगानंदन, एन., अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, हिरेहल्ली, तुमकूरु ने जनजातीय उपयोजना तथा आजीविका के सुधार में मधुमक्खी-पालन के महत्व की संक्षिप्त जानकारी दी। श्री अप्रोवा, मधुमक्खी-विशेषज्ञ, बेंगलूरु ने मधुमक्खी-पालन की उत्पादन-तकनीकी और आजीविका-सुधार के लिए भविष्य में इसके महत्व को स्पष्ट किया। कार्यक्रम के अंत में किचन गार्डन के माध्यम से पोषकतत्व के अधिक खपत के उद्देश्य से प्रतिभागियों को भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. की सब्जी बीज का किट (अर्का किस्में) वितरित किया गया। इस कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. डी. श्रीनिवासमूर्ति, प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी, जनजातीय उपयोजना, भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., बेंगलूरु, श्री के.एन. जगदीश, विषय विशेषज्ञ (कृषि विस्तार), कृषि विज्ञान केंद्र, हिरेहल्ली, तुमकूरु और डॉ. लोगानंदन, एन., अध्यक्ष, भा.कृ.अनु.प.-कृषि विज्ञान केंद्र, हिरेहल्ली, तुमकूरु ने किया। तुमकूरू और मधुगिरी से 50 से अधिक आदिवासी लाभान्वितों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।