भा.कृ.अनु.प.-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलूरु में 14 सितंबर 2023 को हिंदी दिवस मनाया गया और हिंदी पखवाड़े का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर सीएसएआईआर-एनएएल, बेंगलूरु के पूर्व संयुक्त निदेशक (राजभाषा) डॉ. पी.एस.आर. मूर्ति मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। प्रभारी निदेशक डॉ. प्रकाश पाटील कार्यक्रम के अध्यक्ष थे। मुख्य अतिथि ने कहा कि अपनी मातृभाषा और भारत की अन्य भाषाओं से प्यार करें, जो सहोदर भाषाएँ हैं। हिंदी को दिल से अपनाएँ और इसमें काम करें। राजभाषा हिंदी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों के लिए मातृभाषा जैसी है। केंद्रीय सरकारी कर्मचारी होने के नाते हिंदी में काम करना हमारा कर्तव्य है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं प्रभारी निदेशक डॉ. प्रकाश पाटील ने सभी कर्मचारियों से आग्रह किया कि हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में भाग लें। उन्होंने हिंदी के महत्व प्रकाश डालते हुए कहा कि कन्नड़ भाषियों के लिए हिंदी सीखना और बोलना आसान है, क्योंकि कन्नड़ और हिंदी में बहुत-से शब्द एक जैसे हैं, जो संस्कृत आए हैं। इस अवसर पर प्रधान वैज्ञानिक डॉ. प्रकाश चंद्र त्रिपाठी ने केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी का संदेश पढ़ा।
संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री सचिन अग्निहोत्री ने भी सभा को संबोधित करते हुए कार्यालयीन हिंदी और बोलचाल की हिंदी का अंतर समझाया। उन्होंने आगे कहा कि हमें कार्यालय में हिंदी में काम करने के हरसंभव प्रयास करना चाहिए। राजभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार क्षेत्रीय भाषाओं से शब्दों व वाक्यांशों को ग्रहण करते हुए भी किया जाना चाहिए । उन्होंने डेयर के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषदे के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक का संदेश भी पढ़ा।
हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अनिल कुमार नायर ने मुख्य अतिथि और सभा में उपस्थित सदस्यों का स्वागत किया और प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रविभूषण तिवारी ने आभार प्रकट किया। श्री ए.के. जगदीशन उप निदेशक (राजभाषा) ने कार्यक्रम का संचालन किया और हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।