उडुप्पि जिले के कुंदापुरा तहसील के अध्यापक व प्रगतिशील किसान श्री डी.के. मंजुनाथ ने रबी 2018-19 के दौरान अपने खेत में 0.25 एकड़ में देशी भिण्डी (सफ़ेद भिण्डी या हालुभिण्डी) उगाया। भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. के वैज्ञानिकों (डॉ. डी. कलैवण्णन और डॉ. पी.वी.आर. रेड्डी) और कृषि विज्ञान केंद्र, ब्रह्मावर के वैज्ञानिकों द्वारा इक्रिसैट-आईआईएचआर भू-समृद्धि परियोजना के तहत बैंदूर में चलाए प्रदर्शनों से अर्का सब्जी स्पेशल के लाभों को जानने के बाद श्री मंजुनाथ ने भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. के वैज्ञानिकों से संपर्क किया और और भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. से 5 किलो ग्राम अर्का सब्जी स्पेशल खरीदा। उन्होंने दिसंबर 2018 को पौधों के बीच डेढ़ फीट रखते हुए सफ़ेद भिण्डी के बीजों कई बुवाई की। उन्होंने भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. के बैज्ञानिकों की अनुशंसाओं को अपनाया। भिण्डी की पैदावार बढ़ाने के लिए 75 ग्रा. अर्का सब्जी स्पेशल को 15 लीटर (5 ग्रा./ली.) पानी में शैम्पू की एक पाउच और मध्यम आकार के दो नींबू के साथ मिलाकर प्रयोग करना अनुशंसित है। उन्होंने इस अनुशंसित मात्रा का चार बार प्रयोग किया गया। श्री डी.के मंजुनाथ भा.बा.अनु.सं. के वैज्ञानिकों (डॉ. डी. कलैवण्णन, डॉ. पी.वी.आर. रेड्डी और डॉ. आर. सेंदिल कुमार) और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के निरंतर संपर्क में रहे, जिन्होंने इक्रिसैट-आईआईएचआर भू-समृद्धि परियोजना के तहत नियमित रूप से उनके खेत का दौरा किया।
किसान को भिण्डी की बहुत ही अच्छी पैदावार (14.5 टन/एकड़) मिली और वे प्रति कि.ग्रा. रु. 60 की दर से आसपास के बाज़ार में बेच सके। बेहतर फल-आकार, फल-वज़न, बढ़ती फसल-अवधि, पैदावार और शुद्ध आय की दृष्टि से अर्का सब्जी स्पेशल के निष्पादन पर वे बहुत खुश थे। उनको चार माह की फसल-अवधि में रु. 1,21,250/- की शुद्ध आय मिली, जिससे वे खुश हो गए। किसान ने खुशी ज़ाहिर की कि उन्हें बेहतर फल-स्थापन, फल-आकार, फल-वज़न और बढ़ती फसल-अवधि के कारण, बिना सब्जी स्पेशल (2.5 कि.ग्रा./पौधा और 12.1 टन/एकड़ और शुद्ध आय रु. 95,833/-) की तुलना में उन्हें आधा किलो ग्राम अधिक उपज (3.0 कि.ग्रा./पौधा) और रु. 24,168/- का अधिक लाभ मिला। उन्होंने कहा कि अर्का सब्जी सपेशल से निरंतर फूल व फल लगते हैं। इसके अतिरिक्त, किसान ने कहा कि सब्जी स्पेशल की मदद से जल्दी फल लगते हैं, कच्चे सफ़ेद रंग के फल मिलते हैं, जो स्थानीय बाज़ार में बहुत ही पसंदीदा है तथा उच्च कीमत भी मिलती है। इसके प्रयोग से अधिक संख्या में फूल लगते हैं और अंतत: अधिक फल-स्थापन होता है और अधिक पैदावार मिलती है। जब उन्होंने अपने खेत में सब्जी स्पेशल का प्रयोग प्रारंभ किया तो आसपास के गाँवों किसानों को भी इस सूक्ष्मपोषक तत्व मिश्रण और इसके प्रदर्शन के बारे जानकारी मिली। चूँकि पैदावार और फल की गुणवत्ता में सुधार के कारण, विशेषकर भिण्डी एवं तरबूज में, अब वे सभी सब्जियों में अर्का सब्जी स्पेशल का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने अपने और आसपास के गाँवों के अन्य किसानों को भी इस उत्पाद के प्रयोग के लिए प्रेरित किया।