माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक के योनो कृषि वेब अनुप्रयोग के साथ 'आईसीएआर-आईआईएचआर बीज पोर्टल' का एकीकरण का शुभारंभ किया ।
माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार ने नई दिल्ली के कृषि भवन में 26.08.2020 को भारतीय स्टेट बैंक के योनो कृषि वेब अनुप्रयोग के साथ आईसीएआर-आईआईएचआर बीज पोर्टल का एकीकरण शुभारंभ किया। माननीय मंत्री ने जोर दिया कि बागवानी उत्पादन कृषि उत्पादन में 32% से अधिक का योगदान देता है और इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है। इसे प्राप्त करने के लिए उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने, गुणवत्तायुक्त आदानों की उपलब्धता और किसानों की आय बढ़ाने में कृषि को डिजिटल बनाने की प्रौद्योगिकियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कृषि के सभी क्षेत्रों में डिजिटलीकरण किया जाना है, क्योंकि यह कृषि आदानों के तेजी से और आसानी से उपयोग और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाने, भ्रष्टाचार को दूर करने और किसान की आय को दोगुना करने के माननीय प्रधान मंत्री का एक सपना है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय स्टेट बैंक भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं को लागू करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जैसे कि जन धन योजना, प्रधानमंत्री किसान योजना और, कोविड-19 महामारी के दौरान किसानों को मौद्रिक लाभ प्रदान करने में की गई भूमिका। उन्होंने कहा कि एसबीआई योनो कृषि वेब एप्लिकेशन के साथ आईसीएआर-आईआईएचआर सीड पोर्टल के एकीकरण से किसानों को फसल उत्पादन और फसल की गुणवत्ता, और आय उत्पादन बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि संस्थान द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे प्रमाणित बीजों का लाभ प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक किसान भविष्य में इस पोर्टल से जुड़ेंगे। उन्होंने इस एकीकरण को अंजाम देने के लिए एसबीआई और भा.कृ.अनु.प-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान के कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें इस उम्मीद के साथ बधाई दी कि इससे कृषक समुदायों को अधिक से अधिक लाभ होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव, डेयर और महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने की। अपने अध्यक्षीय भाषण में, उन्होंने कहा कि आईसीएआर भारत सरकार के डिजिटल इंडिया पहल पर यथोचित जोर दे रहा है। उन्होंने कहा कि भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. ने कई तकनीकियाँ विकसित की हैं, जो किसानों को बहुत लाभ पहुंचा रही हैं, और भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. के बीज पोर्टल के साथ एसबीआई योनो कृषि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का एकीकरण इस दिशा में एक अच्छा प्रयास है, जो किसानों को उनके निवास पर ही सस्ती दर पर गुणवत्ता वाले बीज प्राप्त करने में मदद करेगा। ।
समारोह के विशिष्ट अतिथि, भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष, श्री रजनीश कुमार, ने कहा कि किसान की आय को दोगुना करने में डिजिटलीकरण की प्रमुख भूमिका है, और इसके लिए विभिन्न एसबीआई वित्तीय योजनाओं के माध्यम से किसानों की मदद के लिए एसबीआई योनो कृषि एक अच्छा योगदान दे रहा है । उन्होंने योनो कृषि की विशेषताओं को स्पष्ट किया, और इसकी कार्यक्षमता और लाभों को बताया और आशा व्यक्त की कि भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. के बीज पोर्टल के साथ योनो कृषि का एकीकरण किसानों को अच्छी कीमत पर प्रमाणित गुणवत्तायुक्त बीज की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
डॉ. एमआर दिनेश, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., बेंगलुरु ने माननीय मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया, और दर्शकों को बताया कि संस्थान प्रति वर्ष 20 टन बीज के उत्पादन परिव्यय के साथ संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न बागवानी फसलों की कई उच्च उपज और रोग मुक्त किस्मों की गुणवत्ता वाले बीज का उत्पादन कर रहा है । उन्होंने कहा कि संस्थान की योजना आने वाले वर्षों में इसे बढ़ाकर 50 टन करने की है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि संस्थान ने जैविक और अजैविक तनाव के प्रभावों से निपटने के लिए टमाटर और मिर्च जैसी सब्जी फसलों में मूलवृंत तकनीक विकसित की है, साथ ही साथ सस्योत्तर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई मूल्यवर्धित उत्पाद भी विकसित किए हैं। उन्होंने आगे बताया कि संस्थान की प्रौद्योगिकियों से 300 से अधिक कंपनियों को लाभ मिल रहा है।
डॉ. ए.के. सिंह, उप महानिदेशक (बागवानी विज्ञान), भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सभी वरिष्ठ अधिकारीगण, बागवानी विश्वविद्यालयों के कुलपति, भा.कृ.अनु.प. संस्थानों और अटारी के निदेशकगण, बागवानी-उद्यमी, संस्थान के वैज्ञानिक और किसानों ने भी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया।
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