यह पहली ऐसी घरेलू मशरूम किस्म है जिसका देश में वाणिज्यिकरण किया जा रहा है। इसके मशरूम का रंग सफेद होता है, इसके गलफेड़े एवं डंठल सफेद होता है। इसके मशरूम बड़े आकार और लंबे, पतले रेशादार डंठल वाले होते हैं। इसकी खेती पाश्चुरीकृत या जीवाणुहीन गेहूं या धान भूसी में की जा सकती है। इसके अंडजनन के लिए इष्टतम तापमान 30-35°से., 85-90 प्रतिशत की आपेक्षिक आर्द्रता, कम प्रकाश एवं बेहतर वायुसंचारण की आवश्यकता होती है। मशरूम की फसल-कटाई 2 फ्लश में की जाती है और उसके बाद पूरी फसल अवधि तक इसी प्रकार की जाती है। इसकी जैविक दक्षता क्षमता 50-100% है। 25-30°से. पर इसकी निधानी आयु 2-3 दिन तथा 4°से. पर 10-15 दिन है। भुक्तशेष मशरूम अवस्तर (एसएमएस) का उपयोग केचुआ खाद के लिए एक बेहतरीन जैविक खाद के रूप में किया जा सकता है। यह उच्च रेशे के साथ उत्कृष्ट खाद्य मशरूम है।
विशेष गुण:
- उच्च तापमान में उगायी जाने वाली प्रजाति
- भूरापन के बिना बेहतरीन निधानी आयु
- रेशे की उच्च मात्रा