भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के लाभार्थियों के लिए सब्जियों और फूलों की संरक्षित खेती पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलूरु में छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तमिल नाडु और तेलंगाना से आए राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के लाभार्थियों के लिए नवंबर 19-28, 2019 के दौरान “सब्जियों और फूलों की संरक्षित खेती” पर दस दिवसीय विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। व्यावहारिक प्रशिक्षण और व्याख्यानों के द्वारा सब्जियों और फूलों की संरक्षित खेती में उद्यमिता का विकास इस कार्यक्रम का उद्देश्य था ताकि लाभार्थी अपनी लाभप्रदता और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए खुद का उद्यम प्रारंभ कर सकें। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. आर. वेंकटकुमार, प्रभारी अध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक, समाज विज्ञान व प्रशिक्षण, भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने प्रशिक्षण के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। डॉ. आर. सेंदिल कुमार, प्रधान वैज्ञानिक ने भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. की किसानोपयोगी तकनीकियों की जानकारी दी और डॉ. वी. शंकर, प्रधान वैज्ञानिक ने इस दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समयवार विवरण दिया। अनुवर्ती दिनों में भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड और बैंक ऑफ बड़ौदा के विशेषज्ञों ने विभिन्न व्याख्यानों के माध्यम से प्रतिभागियों को सब्जियों और फूलों की संरक्षित खेती के सभी पहलुओं से अवगत कराया । प्रतिभागियों को दो दिनों में इंडो-इसराएल परियोजना कार्यान्वयन इकाई, तली तथा आईआईएचआर और होसूर के आसपास के सफल किसानों के खेतों का दौरा करवाया गया। डॉ. आर. वेंकटकुमार, प्रभारी अध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक ने प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए। प्रशिक्षार्थी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से बहुत ही खुश थे और उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से हमें संरक्षित खेती के विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिली, जिससे अपनी उद्यमिता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. वी. शंकर, प्रधान वैज्ञानिक और डॉ. आर. सेंदिल कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, समाज विज्ञान व प्रशिक्षण ने किया।