भा.कृ.अनु.प.-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान में फरवरी 5-8, 2020 के दौरान आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय बागवानी मेले का समापन 08 फरवरी 2020 को औपचारिक समापन समारोह के साथ हुआ। इस समापन समारोह में डॉ. डब्ल्यु.एस. ढिल्लन, सहायक महानिदेशक (बागवानी- II), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, डॉ. के. नारायण गौडा, पूर्व कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय, बेंगलूरु, श्री एस.आर. विश्वनाथ, मुख्यमंत्री का राजनैतिक सचिव एवं विधायक, येलहंका विधान सभा और श्री एस.एन. राजण्णा, निदेशक, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड उपस्थित थे।
राष्ट्रीय बागवानी मेला-2020 के बारे में बताते हुए डॉ. एम.वी. धनंजय, आयोजन सचिव ने कहा कि इस वर्ष का राष्ट्रीय बागवानी मेला बहुत ही सफल रहा, जिसमें 26 राज्यों से 60,000 से अधिक किसानों और अन्य साझेदारों ने भाग लिया। उन्होंने आगे कहा कि इस मेले में 268 स्टाल थे और भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. द्वारा विकसित किस्मों व प्रौद्योगिकियों का सजीव प्रदर्शन था तथा बीजों का विक्रय भी किया गया। इस मेले में परिनगरीय बागवानी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ‘छत पर बागवानी’ नामक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसका आयोजन बागवानी प्रोत्साहक संघ, भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., बेंगलूरु ने किया। इस मेले में आम-आधारित एकीकृत कृषि प्रणालियों का प्रदर्शन भी था।
डॉ. नारायण गौडा ने दुग्ध सहकारी संघों के जैसे बागवानी उत्पादों को ग्राहकों तक पहुँचाने के लिए सहकारी संघों की स्थापना की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने इस मेले के सफल आयोजन के लिए डॉ. एम.आर. दिनेश, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., आयोजन सचिव और संस्थान के सभी कर्मचारियों की सराहना की।
डॉ. डब्ल्यु.एस. ढिल्लन, सहायक महानिदेशक (बागवानी-II) ने किसानों व अन्य साझेदारों के लिए किसानोपयोगी किस्मों और तकनीकियों के विकास और प्रदर्शन के लिए भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. द्वारा किए जा रहे कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने व्यक्त किया कि देश में विकसित तकनीकियों का केवल 17% ही किसानों के पास पहुँचता है, जिसका समाधान करना चाहिए और इस प्रकार के मेले के आयोजन से किसानों के बीच तकनीकियों के प्रचार-प्रसार में मदद मिलेगी। उन्होंने सुझाव दिया कि शहरी किसान और युवा वर्ग बागवानी में रुचि दिखा रहे हैं। हमें उनकी मदद करनी चाहिए और उन्हें प्रोत्साहन देना चाहिए। डॉ. ढिल्लन ने इस मेले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शकों के लिए पुरस्कार प्रदान किए और सुसंगत तकनीकियों के प्रदर्शन के लिए उनकी सराहना की।
डॉ. एम.आर. दिनेश, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. ने मेले की अद्भुत सफलता में खुशी ज़ाहिर की और इस मेले को सभव बनाने में योगदान दिए सभी कर्मचारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने संस्थान के सभी उद्यमों की मदद करने के लिए भा.कृ.अनु.प. को भी धन्यवाद दिया। श्री एस.आर. विश्वनाथ ने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि उनके विधानसभा क्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय ख्यति प्राप्त भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. ऐसे मेलों के आयोजन से किसानों की आय को दुगुना करने के लिए पर्याप्त एवं सतत कदम उठा रहा है। इस मेले के चौधे दिन 20,000 से अधिक किसानों, छात्रों और अन्य साझेदारों ने मेले में पधारे।