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सिद्धू कटहल फार्महाउस और व्यावसायिक खेती के लिए आदर्श- माननीय मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा

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28 जून, 2021: मुख्यमंत्री श्री. बी.एस.येदियुरप्पा ने कहा कि उच्च पोषक तत्व युक्त सिद्धू कटहल घरेलू और व्यावसायिक खेती के लिए उपयुक्त है।

 

सिद्धू कटहल का पौधा और फल माननीय मुख्यमंत्री श्री. बी.एस.येदियुरप्पा, कर्नाटक सरकार को डॉ. बी.एन.एस. मूर्ति. निदेशक, भा.कृ.अनु..- भा.बा.अनु.सं.,हेसरघट्टा द्वारा भेंट किए गए। तांबे के लाल रंग के गुच्छे के साथ सिद्धू कटहल एक बेहतर किस्म है, जिसे किसान भागीदारी अनुसंधान विकास कार्यक्रम के तहत भा.कृ.अनु.- भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु द्वारा तुमकुरु जिले के चेलूर गांव में स्थित श्री.एस.एस.परमेशा के खेत से पहचाना गया है। इस अवसर पर बोलते हुए  माननीय मुख्यमंत्री ने कर्नाटक में इस तरह की किसान किस्मों की पहचान करने और कटहल को बढ़ावा देने के लिए भा.कृ.अनु..- भा.बा.अनु.सं., बेंगलुरु की सराहना की। उन्होंने अपने शिकारीपुरा फॉर्म में सिद्धू कटहल उगाने में भी रुचि व्यक्त की।

 

निदेशक, भा.कृ.अनु..- भा.बा.अनु.सं., बेंगलुरु ने माननीय मुख्यमंत्री को सिद्धू जैक की सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने यह भी बताया कि श्री. एस.एस. परमेशा, वर्तमान में भा.कृ.अनु..- भा.बा.अनु.सं., के सहयोग से सिद्धू कटहल के पौधे तैयार कर दो वर्षों के भीतर 22 लाख रुपये की सकल आय अर्जित की है और उन्होंने साबित किया है कि किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं और साथ ही जैव विविधता का भी संरक्षण कर सकते हैं। भा.कृ.अनु..-भा.बा.अनु.सं., बेंगलुरु के सहयोग से पिछले दो वर्षों के दौरान, कर्नाटक और पड़ोसी राज्यों में 31,000 किसानों को लगभग एक लाख पौधे वितरित किए गए हैं।

 

इस अवसर पर उपस्थित तुमकुरु निर्वाचन क्षेत्र के माननीय सांसद श्री.बी.एस.बसवराजू ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सिद्धू कटहल की पहचान उनके निर्वाचन क्षेत्र से हुई और यह किसानों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। उन्होंने व्यापक स्तर पर सिद्धू कटहल को बढ़ावा देने के लिए भा.कृ.अनु..-भा.बा.अनु.सं., बेंगलुरु द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की। डॉ. बी.एन.एस. मूर्ति, निदेशक, भा.कृ.अनु..-भा.बा.अनु.सं, हेसरघट्टा, डॉ. जी. करुणाकरण, प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख, भा.बा.अनु.सं.-प्रायोगिक फार्म, हिरेहल्ली, तुमकुरु और श्री.एस.एस. परमेशा, सिद्धू कटहल के संरक्षक किसान भी इस अवसर पर उपस्थित थे।