HORTIIHRCIL2013011
- 011 (1) उच्च उत्पादकता (आम और अंगूर) के लिए छत्र प्रबंधन ।
- 011 (2) एकीकृत पोषण, उच्च सघन रोपण और फसल विनियमन (अमरूद, जामुन, अंगूर, शरीफा और अंजीर) के जरिए उत्पादकता को बढ़ाना।
- 011 (3) छत्र का ओज प्रबंधन और स्थायी उत्पादकता (आम, अमरूद, शरीफा और कटहल) के लिए डंठल-कलम की पारस्परिक संबंध का दोहन।
- 011 (4) एकीकृत जल और फल फसलों (आम, अंगूर और चीकू) के पोषकतत्व प्रबंधन के जरिए जल उत्पादकता एवं पोषक तत्व गतिकियों का इष्टतमीकरण।
- 011 (5) फल फसलों (आम, पपीता और चीकू) का जैविक उत्पादन।
- 011 (6) युवा उद्यानों (शरीफा, आम और चीकू) में अंतर-फसल प्रणालियां।
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क्र. सं. |
मानदंड |
मात्रात्मक शर्तों पर 2014-15 के लिए लक्ष्य |
महत्वपूर्ण उपलब्धियां (बुलेट रूप में) |
1 |
*उद्देश्य-1 : छत्र-प्रबंधन के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाना
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आम में एकीकृत उच्च सघन रोपण (किस्म अल्फोंसो |
100 वृक्ष प्रति हैक्टे. की पारंपरिक रोपण सघनता पर वेल्लाईकुलम्बन मूलवृंत का प्रयोग करते हुए छत्र के ओज को कम करते हुए 1111 वृक्ष प्रति हैक्टे. के साथ बगीचे के 15वें वर्ष के दौरान उत्पादकता को 1.28 टन से बढ़ाकर 5.58 टन प्रति हैक्टे. किया गया। |
अंगूर में बेंत का विनियमन |
फ्लेम सीडलेस में मूल बेंत को 4 कलिकाओं तक तथा शरद सीडलेस में 5 कलिकाओं तक मातृत्व केन को रोके जाने तथा सिंगल सब केन विकसित किए जाने से अधिकतम गुच्छ वजन, प्रति गुच्छ बेरी संख्या तथा बेरी आकार के साथ शानदार परिणाम प्राप्त किए गए। |
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उद्देश्य-2 : उच्च सघन रोपण, एकीकृत पोषण और फसल विनियमन के जरिए उत्पादकता को बढ़ाना |
जामून किस्म धुपधाल में उच्च सघन रोपण |
उच्चतम रोपण सघनता (4000 पादप प्रति हैक्टे.) में विकास घटकों और भूमि उपयोग सूचकांक (131.81%) के लिए उच्च मान दर्ज किए गए। |
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अंजीर में रोपण सघनता |
पुणे में अंजीर की उत्पादकता को 12.5 से बढ़ाकर 30 क्विंटल प्रति हैक्टे. तथा डीना में 25.5 से बढ़ाकर 48 क्विंटल प्रति हैक्टे. किया गया और रोपण सघनता को 500 पादप से बढ़ाकर 1000 पादप प्रति हैक्टे. किया गया। |
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*उद्देश्य - 3 : छत्र-प्रबंधन और स्थायी उत्पादकता के लिए डंठल-कलम के संबंध का दोहन। |
आम (किस्म तोतापुरी) में मूलवृंत-परीक्षण |
आठ वर्ष की अवस्था वाले तोतापुरी वृक्षों के लिए टरपेन्टाइन एवं ओलूर मूलवृन्त के साथ अधिकतम छत्र-ओज पाया गया, जबकि नेक्करे तथा उसके बाद वेल्लइकुलम्बन में सबसे कम पाया गया। टरपेन्टाइन में तथा उसके बाद ओलूर मूलवृन्त में फल उपज सबसे अधिक और नेक्कारे तथा उसके बाद केनसिंगटन एवं वेल्लइकुलम्बन मूलवृन्त में सबसे कम फल उपज प्राप्त की गई। |
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कटहल में मूलवृन्त का मूल्यांकन |
पादप की ऊंचाई के संदर्भ में, ए. हिर्सुटा पर जैक पर जैक, रूद्राक्षी पर जैक और जैक ए. हिर्सुटुसा पर जैक समतुल्य पाए गए, जबकि ए. हाइपरजाइरिया में सबसे कम ओज प्राचल दर्ज किए गए। |
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*उद्देश्य - 4 : फल फसलों का जैविक उत्पादन |
टिकाऊपन और लाभप्रदता के लिए आम की किस्म अल्फोंसो का जैविक उत्पादन |
फल गुणवत्ता प्राचल प्रभावित हुए और 100% अनुशंसित उर्वरक की मात्रा से उपचार को सबसे बेहतर पाया गया (गोबर की खाद+एजोस्पिरल्लम+पीएसबी+वीएएम के रूप में) |
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*उद्देश्य - 5 : तरुण बगीचों में अंतर-फसलीकरण प्रणालियां |
आम के बगीचों में फलन-पूर्व अंतर-फसल अध्ययन |
लोबिया और उसके बाद सेमफली एवं अरहर (मल्का) में अधिकतम फली उपज प्राप्त की गई। |