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Success Stories of IIHR Technologies

Sl No. शीर्षक Description
31 बढ़ती आजीविका के लिए एकीकृत कृषि की सफल गाथा

उपलब्‍ध भूखंड से उत्‍पादकता बढ़ाना एनएआईटी उप परियोजना ओडिशा के मयूरभंज कियोनझर और समबलपुर जिलों में एकीकृत मीठाजल मछली-

32 आजीविका के लिए पौध रोपण : व्यावसायिक नर्सरी में एक सफल गाथा

सब्‍जी की सफल व्यावसायिक खेती के लिए गुणवत्‍तायुक्त रोपण सामग्री की उपलब्‍धता का होना काफी आवश्‍यक है। सामान्‍य रूप से, किसान अपने घर के पीछे में निजी उपयोग के लिए छोटी नर्सरियां तैयार करते हैं। तथापि, नाशीकीटों और रोग-प्रकोप, प्राकृतिक आपदा या आरंभिक चरणों पर पादपों की खेत में मृत्‍यु की स्थिति में, किसानों के पास नई नर्सरी तैयार करने के लिए पर्याप्‍त समय नहीं होता है। इस समस्‍या का समाधान करने के लिए स्‍व:सहायता समूह (एसएचजी) में किसान समूहों को संरक्षित स्थितियों के तहत वाणिज्यिक आधार पर गुणवत्‍तापूर्ण रोपण सामग्री की उत्‍पादन के लिए पॉलीहाउस/नेटहाउस उपलब्‍ध कराए गए। उन्‍हें आवश्‍यक उपकर

33 टमाटर फसल में उन्‍नत उत्‍पादन प्रौद्योगिकी

किसानों के लिए टमाटर एक महत्‍वपूर्ण वाणिज्यिक सब्‍जी फसल है। जलवायु-परिवर्तन के कारण नाशीजीवों और रोगों के प्रकोप, श्रमिकों का अभाव, कुओं का सूख जाना आदि के कारण टमाटर के किसानों को विभिन्‍न समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। गत कुछ वर्षों में पछेती अंगमारी रोग खरीफ और पछेती खरीफ मौसम में टमाटर किसानों के लिए एक खतरनाक रोग उभरकर आया है। टमाटर की खेती की निविष्टियों की बढ़ती लागत और श्रमिकों की उपलब्‍धता एक बहुत बड़ी समस्‍या है। टमाटर खेती की लागत में बढ़ती वृद्धि तथा अन्‍य जैविक एवं अजैविक समस्‍याओं के कारण किसानों को टमाटर की खेती करने में बढ़ती समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है।

34 पैशन फ्रूट पेय पदार्थ - एक सफल गाथा

इसके विशिष्‍ट खुशबू और स्‍वाद के कारण पैशन फ्रूट समस्‍त उष्‍णकटिबंधीय फलों में एक विशिष्‍ट फसल है। इसके फल के आंतरिक भाग में मेम्ब्रेन सैक का एक सुगंधित पदार्थ होता है, जिसमें गूदा रूप में तरल नारंगी रंग का द्रव्‍य तथा काले धब्‍बे वाले 250 बीज होते हैं। इसका पका हुआ फल स्‍वाद में मामूली अधिक मीठा होता है, लेकिन इसके रस में उच्‍च अम्‍ल की मात्रा (3.0 प्रतिशत से अधिक) के कारण इसका स्‍वाद कड़ुवा होता है। इसके फल में मुख्‍यत: विटामिन A : 700 IU, विटामिन C : 30.0 मि. ग्रा., रेशा: 6.8 ग्रा., कार्बोहाइड्रेट: 23.30 ग्रा., प्रोटीन : 2.2 ग्रा. और वसा : 0.68  ग्रा. (सभी प्रति 100 ग्रा.

35 गेंदा किस्‍म ‘अर्का बंगारा 2’ से आई यदगीर के किसानों के चेहरे पर खुशी

चमन लाल गांव, यादगिर जिले के श्री शांतिलाल के लिए इस वर्ष का दशहरा त्‍यौहार काफी उत्‍साह और खुशी वाला था क्‍योंकि उन्‍होंने इस अवसर पर आईआईएचआर गेंदा किस्‍म ‘अर्का बंगारा 2’ से पुष्‍पों की तुड़ाई कर उनकी बिक्री से लाभ कमाया था। 

36 बोरॉन का पर्णीय छिड़काव कर कद्दूवर्गीय फसलों की उत्‍पादकता और उपज बढ़ाना

बोरॉन की कमी, जिससे फसल प्रभावित होती है, देश की विभिन्‍न फसलों और मृदाओं में निरंतर रूप से रिपोर्ट की जा रही है। कद्दूवर्गीय अनेक फसलों की बेल का विकास, फलों की संख्‍या, फल आकार तथा उपज को बढ़ाने हेतु बोरोन का पर्णिल छिड़काव जगजाहिर है। पूर्व में, खीरा (कुकुमिस सेटाइवस एल.) में रांची (झारखंड) की स्थितियों के तहत बोरिक अम्‍ल की 25ppm मात्रा का 3 पर्णीय छिड़काव किए जाने से काफी बेहतर परिणाम पाए गए। उन बेलों में फलों की संख्‍या 10.5 प्रति बेल से बढ़कर 12.2 बेल प्राप्‍त की गई जिनमें बोरिक अम्‍ल का पर्णीय छिड़काव किया गया था। इसी प्रकार से, फल का वजन भी 368 ग्राम से बढ़कर 412 ग्राम हो