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Crop wise

  • Marigold - Arka Honey

     

    Marigold - Arka Honey:  French marigold photo insensitive variety with double coloured flower. Border is orange (RHS colour chart Orange group N-25C) and center is dark red (RHS colour chart red group 44-A). Plants are dwarf with spreading habit and floriferous.  Flowering is observed throughout the year.

    • Days to flower initiation:30-35 days after planting with a flowering duration of 6 weeks.
    • Duration of crop: 3 months
    • Flower size: 4.8 cm
    • Flower yield/acre:  5.8 tons/acre

     

  • Marigold - Arka Pari

     

    Marigold variety, Arka Pari:  French marigold photo insensitive variety with dwarf plant habit with spreading habit and floriferous nature.  Flowers are orange in colour. Colour changes into different shades of orange depending upon light, temperature and stage of flower (RHS colour chart -Orange Group N-25B in the beginning changes N-25 C and N-25 D).  Flowering is observed throughout the year. Flower initiation starts 30 days after planting with a flowering duration of 9 weeks.

    • Duration of crop: 3 months
    • Flower size: 4.3 cm
    • Number of flowers : 500-600/plant
    • Flower yield/acre: 4.7tons/acre

     

  • Gerbera - Arka Pink

     

    Gerbera - Arka Pink

    • Average Stalk length more than 62 cm
    • Average Flower diameter more than 11 cm
    • Average number of flower are more than 2.8 flower/plant/month
    • Average vase life is more than 7.2 days
  • Gerbera - Arka White

    Gerbera - Arka White

    • Gerbera variety, Semi doubleflower with white colour and green disc
    • Average Stalk length more than 60 cm
    • Average Flower diameter more than 10 cm
    • Average number of flower are more than2.7 flower/plant/month
    • Average vase life is more than 7.0 days
  • Arka Supriya

    Arka Supriya: Pole type, photo-sensitive, white flower. Pods setting from base from the first node. Pods are    light green, flat and long bearing in clusters. Pods green, long (16 -18 cm). Suitable for fresh market. The pods are excellent for dry and wet culinary preparations. When the fresh pods have medium matured seeds they are nutrionally rich in protein and minerals. Pod yield 27 to 28 t/ha. This variety has been recommended for release for Zone 7 [MP (excluding eastern area) & Maharastra]  and 8 (Karnataka, TN & Kerala) at the central level.

  • Tomato Arka Aditya

    Arka Aditya: Plants are semi-determinate with dark green foliage, fruits are oblate-round, firm, medium large (90-100g), resistant to Tomato Leaf Curl Disease (Ty2+Ty3), Bacterial wilt and Early blight. It is suitable for fresh market & yields 60-65 t/ha in 140-150 days. Recommended for zone VIII (Karnataka, TN & Kerala) at National level.

  • Mango hybrid, Arka Suprabhath

     Arka Suprabhath (H-14) - Mango hybrid H-14 is a double cross hybrid between Amrapali (Dashehari x Neelum) X Arka Anmol (Alphonso x Janardhan Pasand). It is a medium vigorous, regular and bunch bearing, high yielding (35-40 kg / plant after 4 years of planting) hybrid.  The fruit weight ranges from 250-300g, the fruit shape resembles like Alphonso.  The pulp resembles Amrapali and is deep orange in colour and firm.  Pulp recovery is >70%, TSS (>22°B), acidity (0.12%), carotenoids (6 mg/100g FW) and flavonoids (3.44 mg/100g FW). It has a shelf life of 8-10 days at room temperature.

  • Tomato Triple disease resistant Hybrid, Arka Vishesh

    Arka Vishesh (H-391) is a high yielding F1 hybrid developed by crossing ITHR 2834 and ITHR 2917. It has triple disease resistance to Tomato Leaf Curl Disease (7y/+7y2), bacterial wilt and early blight. Plants are semi-determinate with dark green foliage and joint-less pedicle. Recommended for summer, kharif & rabi cultivation. It has a yield potential of 43.3-90 t/ha in 140-150 days.  Fruits are firm, deep red, oblong and medium large (90-100g). Fruits have a TSS of 4.6o Brix), acidity (0.36%) and lycopene content of 14.14 mg / 100 g fresh weight.

  • Tomato Triple disease resistant Hybrid, Arka Apeksha

      

    Arka Apeksha (H-385) is a high yielding hybrid developed by crossing ITHR 2834 and ITHR 2918. It has triple disease resistance to Tomato Leaf Curl Disease (Ty1+Ty2), Bacterial wilt and Early blight. Plants are semi-determinate with dark green foliage. Fruits are firm, deep red, oblong, medium large (90-100g) with iointless (j2) pedicel. Fruits are suitable for processing as they have TSS (4.7° Brix), acidity (0.36%), lycopene (14.15mg/100g fresh weight). Recommended for summer, kharif & rabi cultivation. It has a yield potential of 43 to 90 t/ha in 140- 150 days.

     

  • लंबी लोबिया – अर्का मंगला

     

    अर्का मंगला

    यह बेलवाली, प्रफुल्ल, प्रकाश-असंवेदनशील है, फलियाँ लंबी (75 से.मी.), हरी, गोल, रेशे-रहित व चिकनी हैं। फली की उपज 25 टन/हे। खरीफ़ और रबी के मौसमों के लिए उपयुक्त।

  • धनिया – अर्का इशा

    अर्का इशा

    इस किस्म का विकास जापान से लाए गए आईआईएचआर एसीसी सं. 19528 से बृहत चयन से किया गया है। यह कई बार कटाई-योग्य है, झाडीदार है, पत्तियाँ चौड़ी और अच्छी सुगंध वाली होती हैं। इसको ज्यादा दिनों तक (फ्रिज में 21 दिन तक) रखा जा सकता है। यह विटामिन सी से भरपूर (167 मि.ग्रा./100 ग्रा. ताज़ा वज़न) है। उपज 70 दिनों में 3 बार की कटाई में 12 टन/हे. है।

  • पालक – अर्का अनुपमा

    अर्का अनुपमा

    इस किस्म का विकास आईआईएचआर-10 x आईआईएचआर-8 संकरण की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा किया गया है। यह कई बार कटाई-योग्य किस्म है। यह पछेती पुष्पण वाली, मध्यम बड़ी, गहरी हरी, मोटी और रसीती पत्तियों वाली किस्म है। इसमें ऑक्सलेट कम होती है और इसकी उपज 75-80 दिनों में 4 कटाइयों में 40 टन/हे. है।

  • फूलगोभी – अर्का स्पूर्ति

    अर्का स्पूर्ति

    फूलगोभी की अगेती किस्म, जिसका विकास आईआईएचआर सं. 21957 से चयन के बृहत वंशावली विधि द्वारा किया गया है। इसका फूल ठोस सफ़ेद है, इसमें उष्ण परिस्थितियों में अच्छा बीज-स्थापन होता है और उपज 65-75 दिनों में 15-16 टन/हे. है। डाउनी मिल्ड्यु और आल्टरनेरिया पर्ण धब्बा के प्रति मध्यम प्रतिरोधी।

  • फूलगोभी – अर्का विमल

    अर्का विमल

    फूलगोभी की अगेती किस्म, जिसका विकास आईआईएचआर सं. 21250 से चयन के बृहत वंशावली विधि द्वारा किया गया है। इसका फूल ठोस सफ़ेद है, इसमें उष्ण परिस्थितियों में अच्छा बीज-स्थापन होता है और उपज 75-80 दिनों में 17-18 टन/हे. है। डाउनी मिल्ड्यु और आल्टरनेरिया पर्ण धब्बा के प्रति मध्यम प्रतिरोधी।

  • प्याज – अर्का वर्णा

    अर्का वर्णा

    यह चौलाई की उच्च उपज वाली किस्म है, जिसमें प्रति 100 ग्रा. ताजी पत्तियों में 499 मि.ग्रा. (ए ई ए सी यूनिट) की उच्च प्रतिऑक्सीकारक क्षमता और न्यूनतम नाइट्रेट (27.3 मि.ग्रा.) और ऑक्सलेट (1.34 ग्रा.) होते हैं। यह खींचकर निकालने वाली किस्म है, जिसमें हरी पत्तियाँ और हरे तने होते हैं। इसकी उपज 30-35 दिनों में 10.9 टन/हे. होती है।

  • प्याज – अर्का संरक्षा

    अर्का संरक्षा

    यह चौलाई की उच्च उपज वाली किस्म है, जिसमें प्रति 100 ग्रा. ताजी पत्तियों में 499 मि.ग्रा. (ए ई ए सी यूनिट) की उच्च प्रतिऑक्सीकारक क्षमता और न्यूनतम नाइट्रेट (27.3 मि.ग्रा.) और ऑक्सलेट (1.34 ग्रा.) होते हैं। यह खींचकर निकालने वाली किस्म है, जिसमें हरी पत्तियाँ और हरे तने होते हैं। इसकी उपज 30-35 दिनों में 10.9 टन/हे. होती है।

  • प्याज -अर्का अरुणिमा

    अर्का अरुणिमा

    इस चौलाई किस्म का विकास आईआईएचआर सं. 18384 से शुद्ध वंशावली चयन के द्वारा किया गया है। यह त्वरित गति से बढने वाली, कई बार कटाई-योग्य और बैंगनी पत्तियों व तने वाली किस्म है। इसकी पाक गुणवत्ता उत्कृष्ट है और यह विटामिनों व खनिजों से भरपूर है। यह सफ़ेद गेरुए का प्रतिरोधी है। इसकी उपज 60 दिनों में 3 बार की कटाई में 26-28 टन/हे. है।

  • चौलाई – अर्का सुगुणा

    अर्का सुगुणा

    यह कई बार कटाई-योग्य चौलाई की किस्म है, जिसका विकास ताइवना से लाई गई आईआईएचआर सं. 13560 से शुद्ध वंशावली चयन के द्वारा किया गया है। इसकी पत्तियाँ हल्की हरी हैं और तने रसीले हैं। यह कैल्शियम और लौह तत्व से भरपूर है तथा सफ़ेद गेरुए के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है। इसकी उपज 90 दिनों में 8 बार की कटाई में 25-30 टन/हे. है।

  • प्याज – अर्का योजित

    अर्का योजित

    अर्का योजित निर्जलीकरण हेतु विकसित सफ़ेद प्याज है। यह सफ़ेद, सपाट व ग्लोब के आकार वाला है। कंद की वज़न 60-80 ग्रा. होती है। इसमें टीएसएस 180-20%, शुष्क पदार्थ 18-20% होता है। इसका व्यास 4.5-5.0 से.मी. होता है। इसकी उपज 110-120 दिनों में 25-30 टन/हे. है।

  • प्याज – अर्का भीम

    अर्का भीम

    यह तीन जनक वाली सिंथेटिक किस्म है, जिसका रंग लाल से गुलाबी लाल और आकार दीर्घाकार ग्लोब के जैसा है। कंद की औसत वज़न 120 ग्रा. है। उपज 130 दिनों में 47 टन/हे. है।

  • प्याज – अर्का सोना

    अर्का सोना

    अर्का सोना पीला प्याज है, जिसका विकास एशियाई देशों में निर्यात हेतु वंशवाली विधि द्वारा किया गया है। कंद की उपज 120 दिनों में 45 टन/हे. है।

  • प्याज – अर्का विश्वास

    अर्का विश्वास

    इसका विकास एशियाई देशों में निर्यात हेतु वंशवाली विधि द्वारा किया गया है। कंद की उपज 30 टन/हे.।

  • प्याज – अर्का उज्ज्वल

    अर्का उज्ज्वल

    वंशावली प्रजनन के माध्यम से निर्यात बाज़ार के लिए विकसित सही बीज-बहुलक प्याज। इसकी टीएसएस 18° ब्रिक्स है। कंद की उपज 30 टन/हे.।

  • प्याज – अर्का स्वादिष्ट

    अर्का स्वादिष्ट

    किण्वित परिरक्षण के लिए विकसित सफ़ेद प्याज। इसकी टीएसएस 20° ब्रिक्स है। वंशावली प्रजनन के माध्यम से विकसित। कंद की उपज 30 टन/हे.।

  • प्याज – अर्का लालिमा

    अर्का लालिमा

    मध्यम से बड़े व ग्लोब के आकार और ठोस बनावट वाले कंद। भिन्नाश्रयी प्रजनन (नरबंध्य आधारित) के माध्यम से विकसित। रोगों व कीटों के प्रति प्रक्षेत्र सहनशील किस्म। खरीफ़ व रबी के लिए उपयुक्त। कंद की उपज 47 टन/हे.।

  • प्याज – अर्का कीर्तिमान

    अर्का कीर्तिमान

    मध्यम से बड़े व ग्लोब के आकार और ठोस बनावट वाले कंद। भिन्नाश्रयी प्रजनन (नरबंध्य आधारित) के माध्यम से विकसित। रोगों व कीटों के प्रति प्रक्षेत्र सहनशील किस्म। खरीफ़ व रबी के लिए उपयुक्त। कंद की उपज 45 टन/हे.।

  • प्याज – अर्का बिंदु

    अर्का बिंदु

    अत्यंत तीखा, निर्यातोन्मुखी गुलाबी प्याज। मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और बंग्लादेश में निर्यात किया गया। कंद आकर्षक चमकीले गहरे लाल, चपटा, ग्लोबाकार के हैं। रबी और खरीफ़ के लिए उपयुक्त। कंद उपज 25 टन/हे.।

  • Onion - Arka Bindu

    अर्का बिंदु

    अत्यंत तीखा, निर्यातोन्मुखी गुलाबी प्याज। मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और बंग्लादेश में निर्यात किया गया। कंद आकर्षक चमकीले गहरे लाल, चपटा, ग्लोबाकार के हैं। रबी और खरीफ़ के लिए उपयुक्त। कंद उपज 25 टन/हे.।

  • प्याज – अर्का प्रगति

    अर्का प्रगति

    ग्लोबाकार के और पतले गले वाले कंद। मध्यम आकार के कंद, जिनके बाहरी शल्क गहरे पीले होते हैं। यह अत्यंत तीखा है। कंद की औसत वज़न 100-160 ग्रा.। कंद उपज 35 टन/हे.।

  • प्याज – अर्का निकेतन

    अर्का निकेतन

    मध्यम आकार के हल्के लाल व तीखे सुवास वाले कंद। सामान्य तापमान में 5 महीने तक रखा जा सकता है। रबी के लिए उपयुक्त। कंद की उपज 34-37 टन/हे.।

  • प्याज – अर्का कल्याण

    अर्का कल्याण

    कंद आकर्षक लाल, चपटा ग्लोबार के, 100-140 ग्रा. के होते हैं। बैंगनी धब्बा रोग के प्रतिरोधी। देश के कई कृषि-पारिस्थितिकीय क्षेत्रों में बहुत ही लोकप्रिय और व्यापक रूप से अपनाई गई किस्म। कंद उपज 40 टन/हे.।

  • गाजर– अर्का सूरज

    अर्का सूरज

    उष्ण कटिबंधीय परिस्थितियों के तहत पुष्पण व बीज-स्थापना होती है। गहरी नारंगी जड़ और एक समान रंग का मध्य भाग। जड़ का सतह चिकना है। चोटीदार आकार के होते हैं। जड़ की लंबाई 15-18 से.मी., जड़ का व्यास 3-4 से.मी., टीएसएस 8-10% होता है। कैरोटीन की मात्रा 11.27 मि.ग्रा.। पाउडरी मिल्ड्यु और सूत्रकृमियों के प्रति सहनशील।

  • गाजर– अर्का निशांत

    अर्का निशांत

    जड़ें लंबी, संगमरमर जैसा सफ़ेद, भुरभुरी बनावट वाली और हल्की तीखी होती हैं। पिथिनेस, अपरिपक्व प्रस्फुटन, जड़ों की शाखाएँ बनने व फूटने का प्रतिरोधी है। उपज 35-40 टन/हे.।

  • मटर– अर्का चैत्रा

    अर्का चैत्रा

    लंबी, मध्य मौसम किस्म, उच्च तापमान (35°से. तक) के प्रति सहनशील। फलियाँ लंबी व हल्की हरी। बीज हल्के हरे, गोल व मीठे। (अर्का अजीत x अर्का संपूर्णा) x (अर्का प्रमोद x ओरेगोन शुगर) के संकरण की एफ6 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित।

  • मटर– अर्का उत्तम

    अर्का उत्तम

    लंबी, मध्य मौसम किस्म, उच्च तापमान (35°से. तक) के प्रति सहनशील। फलियाँ लंबी व गहरी हरी। बीज गहरे हरे, गोल व मीठे। (अर्का अजीत x अर्का संपूर्णा) x (अर्का प्रमोद x ओरेगोन शुगर) के संकरण की एफ6 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 90 दिनों में 7.0 टन/हे.।

  • मटर– अर्का तापस

    अर्का तापस

    मध्यम लंबी, मध्य मौसम किस्म, उच्च तापमान (35°से. तक) के प्रति सहनशील। फलियाँ बौनी व गहरी हरी। बीज गहरे हरे, गोल व मीठे। (अर्का प्रमोद x ओरेगोन शुगर) x (अर्का प्रिया) के संकरण की एफ6 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 90 दिनों में 6.0 टन/हे.।

  • मटर– अर्का मयूर

    अर्का मयूर

    अगेती किस्म, रबी व खरीफ़ के लिए उपयुक्त। फलियाँ बौनी, सीधी व अण्डाकार हैं। बीज गहरे हरे, मोटे व मीठे हैं। (आईआईएचआर 105 x अर्का प्रमोद) x (ओरेगोन शुगर) के संकरण की एफ6 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 60 दिनों में 8.0 टन/हे.।

  • मटर– अर्का हरिणी

    अर्का हरिणी

    अगेती किस्म, रबी व खरीफ़ के लिए उपयुक्त। फलियाँ सीधी, गोल व बीज गहरे हरे, मोटे व मीठे हैं। (आईआईएचआर 103 x अर्का प्रमोद) के संकरण की एफ6 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 60 दिनों में 8.0 टन/हे.।

  • मटर– अर्का निर्मल

    अर्का निर्मल

    अगेती किस्म, रबी व खरीफ़ के लिए उपयुक्त। फलियाँ बौनी, गोल व सीधी हैं। बीज गहरे हरे व मोटे हैं। (आईआईएचआर 103 x अर्का प्रमोद) के संकरण की एफ6 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 60 दिनों में 8.5 टन/हे.।

  • मटर– अर्का अपूर्वा

    अर्का अपूर्वा

    मध्य मौसमी किस्म और पूरी फली खाने-योग्य किस्म। फलियाँ मध्यम लंबी, गहरे हरे रंग की हैं। बीज मध्यम मोटे, गहरे हरे और बहुत मीठे, भुरभुरी बनावट वाले हैं। गेरुआ और पाउडरी मिल्ड्यु का प्रतिरोधी। (अर्का प्रमोद x ओरेगोन शुगर) के संकरण की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 90 दिनों में 11.0 टन/हे.।

  • मटर– अर्का प्रमोद

    अर्का प्रमोद

    मध्य मौसमी किस्म। फलियाँ हरी, चौड़ी और लंबी हैं। बीज मोटे, गोल, मीठे और गहरे हरे हैं। पाउडरी मिल्ड्यु और गेरुए का प्रतिरोधी। (अर्का अजीत x आईआईएचआर 562) X सीएचपीएमआर-1 के संकरण की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 90 दिनों में 12.0 टन/हे.।

  • मटर– अर्का प्रिया

    अर्का प्रिया

    मध्य मौसमी किस्म। फलियाँ व बीज गोल व गहरे हरे हैं। बीज बहुत मीठे और मोटे हैं। पाउडरी मिल्ड्यु और गेरुए का प्रतिरोधी। (अर्का अजीत x आईआईएचआर 562) के संकरण की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 90 दिनों में 12.0 टन/हे.। अखिल भारतीय समन्वित सब्जी फसल अनुसंधान परियोजना की 34वीं कार्यशाला के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर पाउडरी मिल्ड्यु प्रतिरोधी परीक्षण के तहत क्षेत्र I, IV और VIII के लिए विमोचित करने हेतु इसकी पहचान की गई और मध्य क्षेत्र के लिए अधिसूचित।

  • मटर– अर्का संपूर्णा

    अर्का संपूर्णा

    मध्य मौसमी और पूरी फली खाने-योग्य किस्म। फलियाँ मध्यम लंबी व हल्की हरी हैं। बीज मध्यम मोटे, हल्के हरे और मीठे हैं। गेरुआ और पाउडरी मिल्ड्यु का प्रतिरोधी। (बोनविल्ले x आईआईएचआर 209) x फ्रीज़र 656 x ओरेगोन शुगर) के संकरण की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 90 दिनों में 8.0 टन/हे.।

  • मटर– अर्का कार्तिक

    अर्का कार्तिक

    मध्य मौसमी किस्म। फलियाँ मध्यम लंबी व हरी हैं। बीज मध्यम मोटे, हरे और मीठे हैं। गेरुआ और पाउडरी मिल्ड्यु का प्रतिरोधी। (अर्का अजीत x आईआईएचआर 554) के संकरण की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 90 दिनों में 11.0 टन/हे.।

  • मटर– अर्का अजीत

    अर्का अजीत

    मध्य मौसमी किस्म। फलियाँ मध्यम लंबी व हल्की हरी हैं। बीज मोटे, हरे और मीठे हैं। पाउडरी मिल्ड्यु और गेरुए का प्रतिरोधी। (बोनविल्ले x आईआईएचआर 209) x फ्रीज़र 656) के संकरण की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 90 दिनों में 10.0 टन/हे.।

  • सेमफली – अर्का आदर्श

    अर्का आदर्श

    बेल वाली और प्रकाश-असंवेदंशील और अगेती किस्म। फलियाँ गुच्छों में लगती हैं और गहरी हरी होती हैं। कर्नाटक के लिए उपयुक्त। (आईआईएचआर 178 x अर्का स्वागत) के संकरण की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 120 दिनों में 30.0 टन/हे.।

  • सेमफली – अर्का कृष्णा

    अर्का कृष्णा

    बेल वाली और प्रकाश-असंवेदंशील और अगेती किस्म। फलियाँ गुच्छों में लगती हैं और गहरी हरी होती हैं। कर्नाटक के लिए उपयुक्त। (आईआईएचआर 178 x अर्का स्वागत) के संकरण की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 120 दिनों में 30.0 टन/हे.।

  • सेमफली – अर्का प्रधान

    अर्का प्रधान

    बेल वाली और प्रकाश-असंवेदंशील किस्म। फलियाँ हरी, चिकनी और चमकीली व लहरदार सतह वाली हैं। महाराष्ट्र में खेती के लिए उपयुक्त। (आईसी 556824 आईपीएस-2 x अर्का स्वागत) के संकरण की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 120 दिनों में 35.0 टन/हे.।

  • सेमफली – अर्का विस्तार

    अर्का विस्तार

    बेल वाली और प्रकाश-असंवेदंशील किस्म। फलियाँ लंबी, मोटी, बहुत चौड़ी और गहरी हरी हैं । तमिलनाडु और उत्तर पूर्वी राज्यों में खेती के लिए उपयुक्त। (आईआईएचआर 178 x अर्का स्वागत) के संकरण की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 120 दिनों में 37.0 टन/हे.।

  • सेमफली – अर्का भवानी

    अर्का भवानी

    बेल वाली और प्रकाश-असंवेदंशील किस्म। फलियाँ पतली, लहरदार और गहरी हरी हैं । आंध्रप्रदेश में खेती के लिए उपयुक्त। (आईआईएचआर 178 x अर्का स्वागत) के संकरण की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 120 दिनों में 32.0 टन/हे.।

  • सेमफली – अर्का प्रसिद्धि

    अर्का प्रसिद्धि

    बेल वाली और प्रकाश-असंवेदंशील किस्म। फलियाँ गहरी हरी, लंबी, चपटी और हल्की मुड़ी होती हैं । गेरुए का प्रतिरोधी। दक्षिण भारतीय राज्यों में खेती के लिए उपयुक्त। (आईसी 556824 आईपीएस-2 x अर्का स्वागत) के संकरण की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 120 दिनों में 37.0 टन/हे.।

  • सेमफली – अर्का स्वागत

    अर्का स्वागत

    बेल वाली और प्रकाश-असंवेदंशील किस्म और वर्ष भर खेती के लिए उपयुक्त। फलियाँ हल्की हरी और मध्यम लंबी हैं । कर्नाटक में खेती के लिए उपयुक्त। आईसी 556736 के शुद्ध वंशावली चयन द्वारा विकसित। फली की उपज : 120 दिनों में 26.0 टन/हे.।

  • सेमफली – अर्का अमोघ

    अर्का अमोघ

    पौधे मध्यम ऊँचे और प्रकाश-असंवेदंशील हैं। फलियाँ लहरदार, हरी, मध्यम लंबी और 55 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार होती हैं । महाराष्ट्र के लिए उपयुक्त। (अर्का जय X अर्का विजय) X कोंकन भूषण) की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 75 दिनों में 19-20 टन/हे.।

  • सेमफली – अर्का संभ्रम

    अर्का संभ्रम

    पौधे मध्यम ऊँचे और प्रकाश-असंवेदंशील हैं। फलियाँ चपटा, हल्की हरी, मध्यम लंबी, मध्यम चौड़ी और 55 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार होती हैं । तमिलनाडु के लिए उपयुक्त। (अर्का जय X अर्का विजय) X कोंकन भूषण) की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 75 दिनों में 19-20 टन/हे.।

  • सेमफली – अर्का सौम्या

    अर्का सौम्या

    पौधे मध्यम ऊँचे और प्रकाश-असंवेदंशील हैं। फलियाँ पतली, लहरदार, मध्यम लंबी और 55 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार होती हैं । आंध्रप्रदेश के लिए उपयुक्त। (अर्का जय X अर्का विजय) X कोंकन भूषण) की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 75 दिनों में 19 टन/हे.।

  • सेमफली – अर्का विजय

    अर्का विजय

    पौधे बौने, झाड़ीदार, खड़े और प्रकाश-असंवेदंशील हैं। फलियाँ छोटी, गहरी हरी हैं। बीज मोटे हैं। फलियाँ विशेष खुशबूवाली और बिना चर्मपत्र की होती हैं। कम नमी दाब के प्रति सहनशील। हेब्बाल अवरे X आईआईएचआर 93 की एफ7 पीढी से चयन की वंशावली विधि द्वारा विकसित। फली की उपज : 90 दिनों में 12 टन/हे.।

  • सेमफली – अर्का जय

    अर्का जय

    पौधे बौने, झाड़ीदार, खड़े और प्रकाश-असंवेदंशील हैं। फलियाँ लंबी, हल्की हरी, हल्की मुड़ी और बिना चर्मपत्र की होती हैं। सब्जी बनाने के लिए उत्तम है। कम नमी के प्रति सहनशील है। फली की उपज 90 दिनों में 12 टन/हे.।

  • लोबिया – अर्का मंगला

    अर्का मंगला

    पौधे ऊँचे(3-4 मी.), फलियाँ बहुत लंबी(80 से.मी.), हल्की हरी, रेशे-रहित गोल, नरम व भुरभुरी बनावट वाली हैं और 60 दिनों में परिपक्व होती हैं। खरीफ़ और रबी के लिए उपयुक्त। फली की उपज 100 दिनों में 25 टन/हे.।

  • लोबिया – अर्का समृद्धि

    अर्का समृद्धि

    पौधे खड़े, झाड़ीदार और प्रकाश-असंवेदंशील हैं। फलियाँ हरी, मध्यम मोटी, मध्यम लंबी, गोल, नरम, कच्ची, माँसल और बिना चर्मपत्र की तथा सब्जी बनाने के लिए उत्तम हैं। फली की उपज 70-75 दिनों में 19 टन/हे.।

  • लोबिया – अर्का सुमन

    अर्का सुमन

    पौधे खड़े, झाड़ीदार और प्रकाश-असंवेदंशील हैं। फलियाँ मध्यम लंबी, नरम, माँसल, भुरभुरी और बिना चर्मपत्र की तथा सब्जी बनाने के लिए उत्तम

  • लोबिया – अर्का गरिमा

    अर्का गरिमा

    पौधे ऊँचे और प्रकाश-असंवेदंशील हैं। फलियाँ हल्की हरी, लंबी, मोटी, गोल, माँसल और रेशे-रहित हैं। सब्जी बनाने के लिए उत्तम हैं। ताप और कम नमी के प्रति सहनशील है। फली की उपज 70-75 दिनों में 18 टन/हे.।

  • फ्रेंचबीन – अर्का अर्जुन

    अर्का अर्जुन

    पौधे झाड़ीदार, जोरदार और प्रकाश-असंवेदंशील हैं। फलियाँ हरी, रेशे-रहित और चिकने सतह वाली हैं। रबी और गर्मी के मौसम के लिए उपयुक्त। एमवायएमवी का प्रतिरोधी। फली की उपज 70 दिनों में 17 टन/हे.।

  • फ्रेंचबीन – अर्का शरत

    अर्का शरत

    इसकी फलियाँ गोल, रेशे-रहित, चिकनी हैं और ये भाप से पकाने के लिए उत्तम हैं। फलियाँ भुरभुरी, माँसल, बिना चर्मपत्र के और काटने पर एकदम गोल हैं। पौधे झाड़ीदार और प्रकाश-असंवेदंशील हैं और यह रबी और गर्मी के मौसम के लिए उपयुक्त है। फली की उपज 70 दिनों में 18.5 टन/हे.।

  • फ्रेंचबीन – अर्का अनूप

    अर्का अनूप

    इसके पौधे झाड़ीदार और प्रकाश-असंवेदंशील हैं। गेरुआ और जीवाणु अंगमारी का प्रतिरोधी। फलियाँ लंबी, चपटी और सीधी हैं। फली की उपज 70-75 दिनों में 20 टन/हे.।

  • फ्रेंचबीन – अर्का बोल्ड

    अर्का बोल्ड

    पौधे झाड़ीदार और प्रकाश-असंवेदंशील हैं। फलियाँ चपटी, रेशे-रहित, माँसल, भुरभुरी, अधिक बड़ी और मध्यम लंबी हैं। गेरुआ का प्रतिरोधी। फली की उपज 70-75 दिनों में 15 टन/हे.।

  • फ्रेंचबीन – अर्का सुविधा

    अर्का सुविधा

    पौधे झाड़ीदार और प्रकाश-असंवेदंशील हैं। फलियाँ सीधी, अण्डाकार, हल्की हरी, माँसल, रेशे-रहित और भुरभुरी हैं। फली की उपज 70-75 दिनों में 19 टन/हे.।

  • फ्रेंचबीन – अर्का कोमल

    अर्का कोमल

    पौधे खड़ी, झाड़ीदार और प्रकाश-असंवेदंशील हैं। फलियाँ चपटी, हरी सीधी हैं। सुदूर परिवहन के लिए उपयुक्त हैं और सब्जी बनाने के लिए उत्तम हैं। फली की उपज 70-75 दिनों में 20 टन/हे.।

  • भिण्डी – अर्का निकिता

    अर्का निकिता

    यह जीएमएस X आईआईएचआर-299-14-11-585 के बीच का संकर है, जिसकी संस्थान की किस्म व प्रौद्योगिकी पहचान समिति द्वारा 2017 में विमोचन हेतु पहचान की है। इसका विकास जीनीय नरबंध्य वंश से किया गया है। इसमें अगेती पुष्पण होती है और पहला मादा फूल बेल के तल से नौवें गाँठ पर लगते हैं। पहला फूल लगने के लिए 39 दिन लगते हैं और पहली तुड़ाई के लिए 43 दिन लगते हैं। फल गहरे हरे, मध्यम, चिकने और नरम होते हैं। यह सब्जी बनाने के लिए उत्तम और पौष्टिक रूप से प्रतिऑक्सीकारक से भरपूर है। इसमें उच्च लसदार पदार्थ (1.08% ताज़ा वज़न) और खाने-योग्य रेशे अधिक (8.85% शुष्क वज़न) होते हैं। यह पोटाशियम (3.7%), कैल्शियम (997 मि.ग्रा./100 ग्रा.) और मेग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर है। इसमें आयोडिन की मात्रा भी अधिक (33.31 माइक्रो ग्रा./कि.ग्रा.) होती है। उपज 125-130 दिनों में 21-24 टन/हे.।

  • भिण्डी – अर्का अनामिका

    अर्का अनामिका

    इसका विकास अबेलमोस्कस एस्कुलेंटस X एबेलमोस्कस मेनिहोट स्पी. टेट्राफाइलस किस्म टेट्राफाइलस के अंतरजातीय संकरण के बाद प्रजनन के पश्च-संकरण विधि से किया गया है। फल हरेभरे, नरम और लंबे होते हैं। फलों पर काँटे नहीं होते और 5-6 पालियाँ होती हैं एवं इसकी खुशबू अच्छी होती है। इसको ज्यादा दिन तक रखा जा सकता है तथा यह सब्जी बनाने के लिए उत्तम है। वायवीएमवी के प्रति प्रक्षेत्र सहनशील। उपज 20 टन/हे.।

  • भिण्डी – अर्का अभय

    अर्का अभय

    इसका विकास अबेलमोस्कस एस्कुलेंटस X एबेलमोस्कस मेनिहोट स्पी. टेट्राफाइलस किस्म टेट्राफाइलस के अंतरजातीय संकरण के बाद प्रजनन के पश्च-संकरण विधि से किया गया है। फल हरेभरे, नरम और लंबे होते हैं। फलों पर काँटे नहीं होते और इसकी खुशबू अच्छी होती है। इसको ज्यादा दिन तक रखा जा सकता है तथा यह सब्जी बनाने के लिए उत्तम है। वायवीएमवी के प्रति प्रक्षेत्र सहनशील। उपज 18 टन/हे.।

  • तुरई – अर्का विक्रम

    अर्का विक्रम

    इस संकर का विकास जन्मजात वंशों, आईआईएचआर-6-1-1 x आईआईएचआर-53-1-3, के संकरण से किया गया है। यह अगेती पुष्पण (पहली तुड़ाई के लिए 46 दिन) वाला संकर है। फल हरे, लंबे, नरम होते हैं। यह सब्जी बनाने के लिए उत्तम है। पौष्टिक रूप से प्रतिऑक्सीकारक से भरपूर है और यह पोटाशियम, कैल्शियम, लौह तत्व, ज़िंक और मैंगनीज़ जैसे खनिजों से भरपूर है। उपज 125-130 दिनों में 34.0 टन/हे.।

  • तुरई – अर्का प्रसन

    अर्का प्रसन

    यह खुले रूप से परागित किस्म है और इसका विकास पृथक जननद्रव्य, आईआईएचआर-53 से जन्मजात चयन द्वारा किया गया है। यह अगेती किस्म है (पहली तुड़ाई के लिए 42-45 दिन) । फल हरे, लंबे, नरम होते हैं। यह सब्जी बनाने के लिए उत्तम है। पौष्टिक रूप से प्रतिऑक्सीकारक से भरपूर है और यह फास्फोरस, कैल्शियम और ज़िंक जैसे खनिजों से भरपूर है। उपज 125-130 दिनों में 26.0 टन/हे.।

  • तुरई – अर्का सुमीत

    अर्का सुमीत

    इसका विकास आईआईएचआर-54 X आईआईएचआर-18 के बीच प्रजनन की वंशावली विधि के बाद चयन द्वारा किया गया है। फल हरेभरे और नरम व लंबे (‌50-65 से.मी.) होते हैं। ऊपर उठी हुई पालियाँ होती हैं और इसकी खुशबू अच्छी होती है। यह सुदूर परिवहन के लिए उपयुक्त तथा सब्जी बनाने के लिए उत्तम है। उपज 50 टन/हे.।

  • करेला – अर्का हरित

    अर्का हरित

    यह आईआईएचआर-4 का शुद्ध वंशावली चयन है। फल धुरी का आकार वाले, चमकीले हरे रंग के छिलके वाले और बिना बीजदाने के होते हैं। फल मध्यम आकार के, मोटे गूदे वाले, मध्यम कडुवापन वाले और कम बीज वाले होते हैं। उपज 12 टन/हे.।

  • तुरई – अर्का सुजात

    अर्का सुजात

    इसका विकास आईआईएचआर-54 X आईआईएचआर-18 के बीच प्रजनन की वंशावली विधि के बाद चयन द्वारा किया गया है। फल हरेभरे और नरम व लंबे (‌35-45से.मी.) होते हैं। ऊपर उठी हुई पालियाँ होती हैं और इसकी खुशबू अच्छी होती है। यह सुदूर परिवहन के लिए उपयुक्त तथा सब्जी बनाने के लिए उत्तम है। उपज 53 टन/हे.।

  • लौकी – अर्का बहार

    अर्का बहार

    यह आईआईएचआर-20ए का शुद्ध वंशावली चयन है। फल मध्यम लंबे, सीधे और बिना टेढ़े-मेढ़े गर्दन के होते हैं। जब फल नरम (1 कि.ग्रा.) होते हैं तब छिलका हल्का हरा व चमकीला होता है। पुष्पाग्र-सड़न के प्रति सहनशील। उपज 40-45 टन/हे.।

  • बुश स्क्वैश – पैट्टी पैन

    पैट्टी पैन

    इसको अमेरिका से लाया गया है। सफ़ेद, चकती के आकार वाले और किनारों पर निशान वाले फल। फल की वज़न 350-400 ग्रा.। अवधि 75-80 दिन। उपज 55 टन/हे.।

  • कद्दू – अर्का चंदन

    अर्का चंदन

    यह आईआईएचआर-105 का शुद्ध वंशावली चयन है। फल गोल व दोनों तरफ़ दबे होते हैं। जब अपरिपक्व है, फल का छिलका हरा और सफ़ेद धब्बे वाला होता है, जो परिपक्व होने पर हल्का भूरा और एकसमान धब्बेवाला होता है। मोटा नारंगी गूदा और ठोस पोला भाग होता है। फल की वज़न 2-3 कि.ग्रा. है। यह कैरोटीन से भरपूर (3333 आईयु) है। उपज 33 टन/हे.।

  • कद्दू – अर्का सूर्यमुखी

    अर्का सूर्यमुखी

    यह आईआईएचआर-105 का शुद्ध वंशावली चयन है। फल गोल व दोनों तरफ़ दबे होते हैं। परिपक्व फल का छिलका नारंगी लाल और सफ़ेद धारी वाला होता है। फल का डंठल गोल और दोनों तरफ़ फुला हुआ जैसा लगता है। औसत फल-वज़न 1 कि.ग्रा. है। फल-मक्खी का प्रतिरोधी। उपज 34 टन/हे.।

  • टिण्डा – अर्का टिण्डा

    अर्का टिण्डा

    इसका विकास राजस्थान लोकल और टी8 (पंजाब) के संकरण के बाद चयन की वंशावली विधि द्वारा किया गया है। जब कच्चे व नरम (60 ग्रा.) हैं, फल गोल व हरेभरे, चमकीले छिलके वाले और नरम रोयेंवाले होते हैं। उपज 10 टन/हे.।

  • तरबूज – अर्का मधुरा

    अर्का मधुरा

    यह टेट्रा-1 X अर्का मणिक के संकरण से विकसित त्रिगुणित बीज-रहित तरबूज संकर है। फल गोल और छिलका हल्की हरी, चौड़ी धारियाँ सहित गहरा हरा होता है। गूदा गहरा लाल, अच्छी खुशबू वाला और बीज-रहित होता है। टीएसएस 14° ब्रिक्स। फल की औसत वज़न 6 कि.ग्रा.। उपज 100-110 दिनों में 50-60 टन/हे.।

  • तरबूज – अर्का मुत्तु

    अर्का मुत्तु

    यह आईआईएचआर-81-1-1 का चयन है। इसके विशेष लक्षण हैं - बौनी बेल (बेल की लंबाई 1.2 मी.), अंतरगाँठों के बीच कम दूरी और जल्दी परिपक्व होना (75-80 दिन)। फल गोल से अण्डाकार और गहरी धारी वाले और गहरे लाल गूदे वाले होते हैं। फल की औसत वज़न 2.5-3 कि.ग्रा.। टीएसएस 12-14° ब्रिक्स। उपज 85-90 टन/हे.।

  • तरबूज – अर्का ऐश्वर्या

    अर्का ऐश्वर्या

    यह आईआईएचआर-86-3 X अर्का मणिक के बीच का एफ1 संकर है। उच्च उपज वाला (80-90 टन/हे.) और अधिक टीएसएस (10-11° ब्रिक्स) वाला है। फल अण्डाकार हैं।

  • तरबूज – अर्का आकाश

    अर्का आकाश

    यह आईआईएचआर-60-1 X अर्का मणिक के बीच का एफ1 संकर है। उच्च उपज वाला (90-100 टन/हे.) और अधिक टीएसएस (11-12° ब्रिक्स) वाला है। फल अण्डाकार हैं।

  • तरबूज – अर्का मणिक

    अर्का मणिक

    इसका विकास आईआईएचआर-21 X क्रिमसन स्वीट के संशोधित पश्च-संकरण प्रजनन विधि के बादा उन्नत पीढी में चयन से किया गया है। फल अण्डाकार तथा छिलका हल्का हरा और हरी से गहरी हरी धारियों वाला है। गूदा गहरा लाल, दानेदार बनावट वाला, अच्छी खुशबू वाला और बहुत मीठा (टीएसएस 12-15%) है। फल की वज़न 6 कि.ग्रा. है। बीज छोटे और टेस्टा पर गहरे भूरे धब्बे वाले होते हैं। पाउडरी मिल्ड्यु, डाउनी मिल्ड्यु और एंथ्रेक्नोज़ का प्रतिरोधी। उपज 60 टन/हे.।

  • शिमला मिर्च – अर्का बसंत

    अर्का बसंत

    इसका विकास आईएचआर-225-1-1 (किस्म सोरोक्सन) को सुधार कर बृहत चयन द्वारा किया गया है। अनियत पौध-प्रकृति के और पीले-हरे पत्ते वाले, मोटे गूदे वाले, 2-3 पालियों वाले, शंकु आकार के होते हैं। फल की औसत वज़न 50-80 ग्रा., फल खड़े, क्रीम रंग के, जो परिपक्व होने पर नारंगी-लाल होते हैं। उपज 180 दिनों में 15 टन/हे.। एसवीआरसी द्वारा 1984 में विमोचन हेतु अनुशंसित और अ.भा.स.अनु.प.(सब्जी फसल) द्वारा 1986 में राष्ट्रीय स्तर पर विमोचन हेतु अनुशंसित। 1986 में सीएसएन एवं आरवी पर सीएससी द्वारा पूरे देश के लिए अधिसूचित।

  • शिमला मिर्च – अर्का गौरव

    अर्का गौरव

    इसका विकास आईएचआर-214-1 (गोल्डन कैलवण्डर) को सुधार कर बृहत चयन द्वारा किया गया है। अनियत पौध-प्रकृति के और पीले-हरे पत्ते वाले, मोटे गूदे वाले, 3-4 पालियों वाले, हरे खण्डदार फल होते हैं। फल की औसत वज़न 130-150 ग्रा., फल खड़े हैं, जो परिपक्व होने पर नारंगी-पीले होते हैं। उपज 150 दिनों में 16 टन/हे.। एसवीआरसी द्वारा 1984 में और अ.भा.स.अनु.प.(सब्जी फसल) द्वारा 1986 में राष्ट्रीय स्तर पर इस किस्म का विमोचन किया गया । 1986 में सीएसएन एवं आरवी पर सीएससी द्वारा पूरे देश के लिए अधिसूचित।

  • शिमला मिर्च – अर्का मोहिनी

    अर्का मोहिनी

    इसका विकास आईएचआर-214-1 (गोल्डन कैलवण्डर) को सुधार कर बृहत चयन द्वारा किया गया है। अनियत पौध-प्रकृति के और पीले-हरे पत्ते वाले, मोटे गूदे वाले, 3-4 पालियों वाले, हरे खण्डदार फल होते हैं। फल की औसत वज़न 130-150 ग्रा., फल खड़े हैं, जो परिपक्व होने पर नारंगी-पीले होते हैं। उपज 150 दिनों में 16 टन/हे.। एसवीआरसी द्वारा 1984 में और अ.भा.स.अनु.प.(सब्जी फसल) द्वारा 1986 में राष्ट्रीय स्तर पर इस किस्म का विमोचन किया गया । 1986 में सीएसएन एवं आरवी पर सीएससी द्वारा पूरे देश के लिए अधिसूचित।

  • मिर्च – अर्का ख्याति

    अर्का ख्याति

    यह सीएमएस आधारित उच्च उपज वाला और ताज़ा बेचने के लिए विकसित एफ1 संकर है। फल 12 X 1 से.मी. होते हैं। हल्के हरे और परिपक्व होने पर गहरा लाल होते हैं। मध्यम तीखा, चिकना और सुखाने पर झुर्रीदार होते हैं। सीएमवी के प्रति सहनशील। उपज 180 दिनों में 40-45 टन/हे.(हरी मिर्च) और 5-5.5 टन/हे. (सूखी मिर्च) ।

  • मिर्च – अर्का श्वेता

    अर्का श्वेता

    यह आईएचआर 3903 (सीजीएमएस वंश) X आईएचआर 3315 के संकरण का एफ1 संकर है। उच्च उपजवाला संकर, जिसकी उपज 28-30 टन/हे.(हरी मिर्च) और 4.5 टन/हे. (सूखी मिर्च) है। फल चिकने, हल्के हरे और परिपक्व होने पर लाल होते हैं। विषाणुओं के प्रति प्रक्षेत्र सहनशील। अ.भा.स.अनु.प. (सब्जी फसल) की 23वीं बैठक के दौरान 2005 में राष्ट्रीय स्तर पर विमोचित करने हेतु अनुशंसित। पूरे देश मेंक विमोचन हेतु अर्का श्वेता की अनुशंसा सीएसएन एवं बागवानी फसल की आरवी पर सीएससी की 14वीं बैठक के दौरान 2007 में की गई।

  • मिर्च – अर्का मेघना

    अर्का मेघना

    यह आईएचआर 3905 (सीजीएमएस) X आईएचआर 3310 के संकरण का एफ1 संकर है। उच्च उपजवाला संकर, जिसकी उपज 30-35 टन/हे. (हरी मिर्च) और 5 टन/हे. सूखी मिर्ची। अगेती किस्म; फल गहरे हरे और परिपक्व होने पर गहरे लाल होते हैं। विषाणुओं और चूषक कीटो के प्रति प्रक्षेत्र सहनशील। अ.भा.स.अनु.प. (सब्जी फसल) की 23वीं बैठक के दौरान 2005 में राष्ट्रीय स्तर पर विमोचित करने हेतु अनुशंसित और 2006 में अधिसूचित।

  • मिर्च – अर्का हरिता

    अर्का हरिता

    यह आईएचआर 3905 (सीजीएमएस) X आईएचआर 3312 के संकरण का एफ1 संकर है। उच्च उपजवाला संकर, जिसकी उपज 35-38 टन/हे. (हरी मिर्च) और 5-5.5 टन/हे. सूखी मिर्ची। फल हरे और परिपक्व होने पर लाल होते हैं और चिकने एवं अत्यधित तीखा, पाउडरी मिल्ड्यु और विषाणुओं प्रति सहनशील। कर्नाटक राज्य किस्म विमोचन समिति द्वारा मार्च 2007 में विमोचित करने हेतु अनुशंसित और 16 मार्च 2012 में राजपत्र में अधिसूचित।

  • मिर्च – अर्का आभीर

    अर्का आभीर

    यह द्यावन्नूर दुब्बा, जो धारवाड जिले के कुण्डलगु तहसील में उगाए जाने वाली स्थानीय ब्याडगी किस्महै, का शुद्ध वंश चयन है। पौधे ऊँचे, फल हल्के हरे और परिपक्व होने पर झुर्रियाँ सहित लाल होते हैं और ये कम तीखे होते हैं। उपज 160-180 दिनों में 2 टन/हे. सूखी मिर्ची। संस्थान की किस्म विमोचन समिति द्वारा 1995 में विमोचित करने हेतु अनुशंसित ।

  • मिर्च – अर्का सुफल

    अर्का सुफल

    इसका विकास चयन की वंशावली विधि द्वारा किया गया है और यह पंत सी1 X आईएचआर 517 ए के संकरण का एफ9 व्युत्पन्न है। फल हरे, चिकने, मध्यम लंबे (6-7 से.मी. X 1 से.मी.), तीखे और परिपक्व होने पर गहरे लाल होते हैं। सिंचित व वर्षा-आधारित स्थितियों के लिए उपयुक्त। पाउडरी मिल्ड्यु और विषाणुओं के प्रति सहनशील। उपज 25 टन/हे. हरी मिर्ची और 3 टन/हे. सूखी मिर्ची। अ.भा.स.अनु.प. (सब्जी फसल) की कार्यशाला के दौरान 2002 में राष्ट्रीय स्तर पर विमोचित करने हेतु अनुशंसित ।

  • मिर्च – अर्का लोहित

    अर्का लोहित

    यह आईएचआर 324 (स्थानीय संग्रहण) का शुद्ध वंश चयन है। पौधे ऊँचे, फल सीधे, चिकने और नुकीले अग्र वाले हैं। फल का रंग गहरा हरा है, जो गहरे लाल में बदलता है और यह अधिक तीखा होता है। सिंचित व वर्षा-आधारित स्थितियों के लिए उपयुक्त। उपज 25 टन/हे. हरी मिर्ची और 3 टन/हे. सूखी मिर्ची। अ.भा.स.अनु.प. (सब्जी फसल) की कार्यशाला के दौरान 1990 में राष्ट्रीय स्तर पर विमोचित करने हेतु अनुशंसित । सीएसएन एवं आरवी पर सीएससी द्वारा 2003 में अधिसूचित ।

  • बैंगन – अर्का उन्नति

    अर्का उन्नति

    यह उच्च उपजा वाला, जीवाणु झुलसा-रोधी किस्म है, जो अर्का कुसुमाकर X आईआईएचआर-3 के संकरण से विकसित है। फल हरे, लंबे और गूदेदार हरे बाह्यदलपुंज वाले होते हैं। उपज 120 दिनों में 34-36 टन/हे.।

  • बैंगन – अर्का हर्षिता

    अर्का हर्षिता

    यह उच्च उपज वाला, जीवाणु झुलसा-रोधी किस्म है, जो अर्का कुसुमाकर X आईआईएचआर-3 के संकरण से विकसित है। फल हरे, लंबे और गूदेदार हरे बाह्यदलपुंज वाले होते हैं। उपज 120 दिनों में 34-36 टन/हे.।

  • बैंगन – अर्का अविनाश

    अर्का अविनाश

    यह उच्च उपज वाला, जीवाणु झुलसा-रोधी किस्म है, जो अर्का कुसुमाकर X आईआईएचआर-3 के संकरण से विकसित है। फल हरे, लंबे और गूदेदार हरे बाह्यदलपुंज वाले होते हैं। पौधे उँचे एवं फैलनेवाली प्रकृति के हैं। उपज 115 दिनों में 40-42टन/हे.।

  • बैंगन – अर्का नीलकण्ठ

    अर्का नीलकण्ठ

    यह डिंग्रास मल्टिपल पर्पल X अर्का शील के संकरण से व्युत्पन्न है। फल नरम हैं, बीज धीरे-धीरे परिपक्व होते हैं और कडुवा नहीं होता। जीवाणु झुलसा का प्रतिरोधी है। उपज 150 दिनों में 43 टन/हे.।

  • बैंगन – अर्का केशव

    अर्का केशव

    यह डिंग्रास मल्टिपल पर्पल X अर्का शील के संकरण से व्युत्पन्न है। फल लाल-बैंगनी चमकीले छिलके वाले और हरे बाह्यदलपुंज वाले होते और हैं। फल नरम होते हैं, बीज धीरे-धीरे परिपक्व होते हैं और कडुवा नहीं होता। जीवाणु झुलसा का प्रतिरोधी है। उपज 150 दिनों में 45 टन/हे.।

  • बैंगन – अर्का निधि

    अर्का निधि

    यह डिंग्रास मल्टिपल पर्पल X अर्का शील के संकरण से व्युत्पन्न है। फल बैंगनी, नरम होते हैं, बीज धीरे-धीरे परिपक्व होते हैं और कडुवा नहीं होता। जीवाणु झुलसा का प्रतिरोधी है। उपज 150 दिनों में 48 टन/हे.।

  • बैंगन – अर्का शिरीष

    अर्का शिरीष

    यह आईआईएचआर-194, कर्नाटक से स्थानीय रूप से संग्रहीत, का शुद्ध वंशावली चयन है। फल हरे, अधिक लंबे और एक ही फल लगने वाली प्रकृति के होते हैं। उपज : 140-150 दिनों में 39 टन/हे.।

  • बैंगन – अर्का कुसुमाकर

    अर्का कुसुमाकर

    यह आईआईएचआर-193, कर्नाटक से स्थानीय रूप से संग्रहीत, का शुद्ध वंशावली चयन है। फल हरे, छोटे और फल गुच्छों में लगते हैं। कोमल बनावट वाले और सब्जी बनाने के लिए उत्तम हैं। उपज : 140-150 दिनों में 40 टन/हे.।

  • बैंगन – अर्का आनंद

    अर्का आनंद

    यह आईआईएचआर-3 X आईआईएचआर-322 के संकरण से विकसित उच्च उपजवाला एफ1 संकर है, जो जीवाणु झुलसा का प्रतिरोधी है। फल हरे, मध्यम लंबे और सब्जी बनाने के लिए उत्तम हैं। उपज 145-150 दिनों में 55-60 टन/हे.।

  • टमाटर – अर्का रक्षक

    अर्का रक्षक

    यह आईआईएचआर-2834 X आईआईएचआर-2833 के संकरण से विकसित उच्‍च उपज वाला एफ1 संकर है। यह पहला एफ1 संकर है, जो टीओएलसीवी, जीवाणु झुलसा और अगेती अंगमारी का प्रतिरोधी है। इसके फल चौकोर गोल, बड़े (90-110 ग्राम), गहरे लाल, ठोस होते हैं। यह ताज़े रूप में बेचने व प्रसंस्करन के लिए उपयुक्‍त हैं। उपज : 140 दिनों में 75-80 टन/हे.।

  • टमाटर – अर्का सम्राट

    अर्का सम्राट

    यह आईआईएचआर-2835 X आईआईएचआर-2832 के संकरण से विकसित उच्‍च उपज वाला एफ1 संकर है। यह टीओएलसीवी, जीवाणु झुलसा और अगेती अंगमारी का प्रतिरोधी है। इसके फल अण्डाकार से उच्‍च गोलाकार, बड़े (90-110 ग्राम), गहरे लाल और ठोस होते हैं। यह ताज़े बेचने के लिए उपयुक्‍त है। उपज : 140 दिनों में 80-85 टन/हे.। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में 21-24 मई 2015 के दौरान हुई अ.भा.स.अनु.प. (सब्जी फसल) की 33वीं बैठक के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्र 8 (कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और केरल) के लिए इसकी अनुशंसा की गई थी। कृषि भवन में 22 सितंबर 2016 को हुई बागवानी फसलों की फसल-मानक, विमोचन व अधिसूचना की केंद्रीय उप समिति की 24वीं बैठक में इसको केंद्रीय विमोचन के लिए अनुशंसित किया गया।

  • टमाटर – अर्का अनन्या

    अर्का अनन्या

    यह टीएलबीआर-6 X आईआईएचआर-2202 के संकरण से विकसित एफ1 संकर है। मध्यम फल (65-70 ग्रा.), दृढ और गहरा लाल है। यह टीओएलसीवी एवं जीवाणु झुलसा का प्रतिरोधी है। यह ताज़े रूप में बेचने के लिए उपयुक्‍त हैं। उपज : 65-70 टन/हे.।

  • टमाटर – अर्का मेघली

    अर्का मेघली

    यह अर्का विकास X आईआईएचआर-554 के संकरण से प्राप्त वंशावली चयन (एफ8) है। फल मध्यम (65 ग्रा.), अण्डाकार व हल्का हरा स्कंध वाला और गहरा लाल है। यह ताज़े रूप में बेचने के लिए उपयुक्त है। वर्षा-आधारित खेती के लिए प्रजनित। उपज : 120 दिनों में 18 टन/हे.।

  • टमाटर – अर्का आहुति

    अर्का आहुति

    यह आईएचआर143-3-7-एसबी-1 (कनाडा से ओट्टावा 60) से शुद्ध वंशावली चयन है। फल अण्डाकार व 2-3 पालियों वाले हैं। मोटे गूदे वाला फल व हल्का हरा स्कंध वाला और परिपक्व होने पर गहरा लाल होता है। टीएसएस 5.2%। प्रसंस्करण के लिए प्रजनित। उपज : 140 दिनों में 42 टन/हे.।

  • टमाटर – अर्का आशीष

    अर्का आशीष

    इसका विकास अमेरिका से यूसी 82 बी वंश से आईएचआर-674 के बृहतीकरण से विकसित किया गया है। फल अण्डाकार, दृढ, मोटे गूदेवाले व 2-3 पालियों वाले हैं। फल का रंग आकर्षक है (लाइकोपीन 10 मि.ग्रा./100 ग्रा.), टीएसएस 4.8%। प्रसंस्करण के लिए प्रजनित। पाउडरी मिल्ड्यु और फल फटने के प्रति सहनशील। उपज : 130 दिनों में 38 टन/हे.।

  • टमाटर – अर्का आलोक

    अर्का आलोक

    यह एवीआरडीसी, ताइवान से आईएचआर-719-1-6 (सीएल-114-5-1-0) एसबी-1 (कनाडा से ओट्टावा 60) से प्राप्त शुद्ध वंशावली चयन है। निचले गुच्छों के फल गोलाकार, बड़े (120 ग्रा.) और बाद के गुच्छों के फल अण्डाकार, मध्यम (80 ग्रा.), दृढ़ और हल्के हरे स्कंध वाले हैं। जीवाणु झुलसा का प्रतिरोधी। ताज़े बेचने के लिए प्रजनित। उपज : 130 दिनों में 46 टन/हे.।

  • टमाटर – अर्का आभा

    अर्का आभा

    यह एवीआरडीसी, ताइवान से आईएचआर-663-12-3-एसबी-एसबी-एसबी(वीसी-8-1-2-1) से प्राप्त शुद्ध वंशावली चयन है। फल अण्डाकार और हल्के हरे स्कंध वाले, वर्तिकाग्र पर धब्बे वाले हैं। औसत फल-वज़न 75 ग्रा. है। पकने पर गहरे लाल होते हैं। जीवाणु झुलसा का प्रतिरोधी। ताज़ा बेचने के लिए प्रजनित। उपज : 140 दिनों में 43 टन/हे.।

  • टमाटर – अर्का सौरभ

    अर्का सौरभ

    यह कनाडा के प्रजनन वंश वी-685 का शुद्ध वंशावली चयन है। फल मध्यम बड़ा (70-80 ग्रा.), गोलाकार और हल्के हरे स्कंध वाले, गहरे लाल व दृढ़ और निप्पल की नोक वाले होते हैं। ताज़ा बेचने और प्रसंस्करण के लिए प्रजनित। उपज : 140 दिनों में 30-35 टन/हे.।

  • टमाटर – अर्का विकास

    अर्का विकास

    यह अमेरिकी किस्म टिप-टॉप का शुद्ध वंशावली चयन है। फल मध्यम बड़ा (80-90 ग्रा.), अण्डाकार और हल्के हरे स्कंध वाले, पकने पर गहरे लाल होते हैं। ताज़ा बेचने के लिए प्रजनित। वर्षा-आधारित और सिंचित परिस्थितियों में खेती के लिए अनुकूल। उपज : 140 दिनों में 35 टन/हे.।

  • गुलाब – अर्का आइवरी

    यह संरक्षित खेती के तहत कर्तित पुष्प के रूप में उगाने के लिए उत्तम है। उपज दक्षता: 110 फूल/घन मीटर। यह कुटकियों के प्रति मध्यम प्रतिरोधी।

  • गुलाब – अर्का प्राइड

    यह संरक्षित खेती के तहत कर्तित पुष्प के रूप में उगाने के लिए उपयुक्त है। उपज दक्षता : 120 फूल/घन मीटर।

  • गुलाब – अर्का सुकन्या

    यह सुगंधित गुलाब है, जिसके ताज़े फूलों में 0.22% सुगंधित पदार्थ होता है। फूलदार प्रकृति और कीटों व रोगों के प्रति सहनशील होने के कारण यह बाग में प्रदर्शन के लिए उत्तम है। इस किस्म में विभिन्न प्रकार से सुगंध-निष्कर्षण और सुगंध-चिकित्सा की दक्षता है।

  • नीबू - रसराज

    रसराज

    रसराज एक अंतर-जातीय बहुभ्रूणीय संकर है जिसे प्रजनन के द्वारा जीवाणिक कैंकर रोग के प्रतिरोध के लिए विकसित किया गया है। इस संकर में नेपाली राउंड लेमन जनक से कैंकर रोग के प्रतिरोध के लिए जीन तथा एसिड लाइम जनक से अन्‍य गुण होते हैं। इसके फल पीले रंग के होते हैं, और उनका औसतन वजन लगभग 55 ग्राम होता है और उनमें 70% रस तथा 12 बीज होते हैं। इसका छिलका लाइम की तुलना में पतला होता है। इसमें 6% अम्‍लीयता और टीएसएस लगभग 8°ब्रिक्स होता है।

  • अनार - रूबी

    रूबी

    यह एक बहुमुखी संकर है, जिसे बीजचोल रंग और बीज-कोमलता के लिए वि‍कसित किया गया है। रूबी किस्म का पूर्ण रूप से विकसित पौध लगभग 2.72 मीटर लंबा होता है और उसका फैलाव कम होता है (4.7 मीटर)। इसके पके फल का आकार और रूप गणेश किस्म के आकार एवं रूप के समान है। रूबी किस्म के फल का छिलका लाल-भूरा होता है और उसमें हरी धारियां होती हैं। इसका छिलका पतला (0.24 से.मी.) होता है, इसके फल में लाल ठोस बीजचोल होते हैं (37.2 ग्राम/100 बीजचोल) जिसमें (72%) पतला (1.83 cps) गहरा लाल (540 nm पर 4.71) मीठा रस (16o ब्रिक्स) होता है तथा इसके प्रति 100 मि.ली. रस में 173 मि.ग्रा. टैनिन तत्व होता है। बीज मुलायम (2.19 कि.ग्रा./वर्ग से.मी.), वजन (270 ग्रा.) और उपज (16-18 टन/हे.) के आधार पर, बेंगलुरू स्थितियों के तहत इसका निष्पादन गणेश के बराबर है। यह मध्यम जलवायु के प्रति अनुकूल है।

  • शरीफा - अर्का सहन

    अर्का सहन

    यह प्रायद्वीपीय जैम (अनोना एटेमोया हॉर्टी) x मेमथ ए. स्‍कूवामोसा एल.) की संतति है। अर्का सहन के फलों की तुड़ाई सितंबर-अक्तूबर में की जाती है और इसके परिपक्व फल (210 ग्रा.) पूर्ण रूप से पकने में लगभग 6-7 दिन का समय लेते हैं। इसकी छिलके पर मोमी चमक होता है, इसके फल का रंग हल्का हरा, छिलका मध्यम पतला (0.5 से. मी.) और लंबा होता है, इसकी सपाट आंखे होती हैं। इसके क्रीम रंग के गूदे में रस होता है। इसमें मध्यम सुगंध और कच्‍चे एवं मुलायम बीज (9/100 ग्रा.) होते हैं जिनका आकार बड़ा होता है। इसका खाद्य गूदा अपने मीठेपन के कारण काफी महत्वपूर्ण है जिसमें 22.8% कुल शर्करा होती है और मेमथ में 240 ब्रिक्स की तुलना में 300 ब्रिक्स टीएसएस होता है। अर्का सहन के 100 ग्रा. गूदे में मेमथ में 1.33 ग्रा., 17.05 मि. ग्रा. और 159 मि. ग्रा. की तुलना में क्रमश: 2.49 ग्रा. कच्चा प्रोटीन, 42.29 मि. ग्रा. फॉस्फोरस और 225 मि. ग्रा. कैल्शियम होता है। इस किस्म में प्रति हेक्टेयर क्षेत्रफल से औसतन रूप से 12 टन फलों की तुड़ाई की जाती है। इसके फल सूखा प्रतिरोधी हैं।

  • अमरूद - अर्का रश्मि

    अर्का रशमी

    यह कमसारी x पर्पल लोकल के संकरण से विकसित संकर है। यह संकर काफी फलदार है और इसमें अपने जनकों की तुलना में अगेती फलन होता है। इसके फलों का आकार (180-200 ग्रा.) गोलाकार होता है, इसके गूदे का रंग गहरा गुलाबी, मध्‍यम मुलायम बीज और टीएसएस (12° ब्रिक्स) होता है, इसमें उच्च लाइकोपीन एवं एस्कोर्बिक अम्ल (235 मि.ग्रा./100 ग्रा.) होता है तथा इसका फल बहुत स्वादिष्ट होता है। इसकी उपज क्षमता 30-35 टन/हे. है।

  • अमरूद - अर्का किरण

    अर्का किरण

    यह गुलाबी गूदा वाली किस्म है, जिसकी औसत फल-वज़न 200-220 ग्रा. है और इसमें मध्यम नरम बीज (9 कि.ग्रा./से.मी.2) होते हैं। टीएसएस 11-12° ब्रिक्स और लाइकोपीन की मात्रा 7.14 मि.ग्रा./100 ग्रा. है। फसल रोपाई के दो वर्ष बाद तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। लाभदायक उपज 5 वर्ष बाद प्राप्त होती है और 4मी. x 3मी. की दूरी में 20 टन/हे. की औसत उपज प्राप्त होती है।

  • अमरूद - अर्का अमूल्या

    अर्का अमूल्या

    इस संतति को इलाहाबाद सफेदा x ट्रिप्लॉइड के परस्पर संकरण द्वारा प्राप्त किया गया है। इसके पादपों में मध्‍यम औज होता है और यह फैला हुआ वृक्ष होता है। इसके फलों की आकृति गोल है। इसका छिलका मुलायम और पीला होता है। इसके फल का औसतन वजन 180 - 200 ग्रा., होता है। इसके गूदे का रंग सफेद और ठोस होता है। इसमें लगभग 12° ब्रिक्स टीएसएस, मुलायम बीज, 100 बीजों का वजन 1.80 ग्राम होता है। इसकी टिकाऊपन बहुत अच्‍छी है।

  • अमरूद - अर्का मृदुला

    अर्का मृदुला

    य‍ह खुले में परागित इलाहाबाद सफेदा की पौधों का एक वंशक्रम है। इसके पादपों में अर्द्ध-ओज होता है और इसका वृक्ष फैला हुआ होता है। इसके फलों की आकृति गोल है और इसके फल का औसतन वजन 180 - 200 ग्रा., होता है। इसका छिलका मुलायम और पीला होता है। इसके गूदे का रंग सफेद होता है। इसमें लगभग 120ब्रिक्स टीएसएस तत्‍व, मुलायम बीज, 100 बीजों का वजन 1.80 ग्राम होता है। इसकी टिकाऊपन गुणवत्ता बहुत अच्छी है। इसमें पेक्टिन तत्‍व 1.041 प्रतिशत होता है। यह जैली बनाने के लिए उपयुक्त है।

  • पपीता - अर्का प्रभात

    अर्का प्रभात

    इसे (सूर्या x ताइनुंग-1) x लोकल ड्वार्फ के संकरण से प्राप्‍त किया गया। यह उभयलिंगी प्रकृति की किस्म है। इसके पादपों में अर्द्ध-औज होता है और कम लंबाई (60-70 से. मी.). पर ही इसमें फलन आरंभ हो जाता है। चूंकि यह उभयलिंगी है, इसलिए इसका बीज-उत्पादन करना आसान है, क्योंकि द्वि-लैंगिक फूल की युग्मता सही प्रकार के पादपों को सुनिश्चित करती है। इसका गूदा ठोस (5.9 कि. ग्रा. प्रति वर्ग से. मी.) तथा रंग गहरा गुलाबी होता है। इसके फल का औसतन वजन 900-1200 ग्रा. होता है, इसमें 13-140ब्रिक्स टीएसएस तथा प्रति पादप 90-100 कि.ग्रा. उपज है। इसकी टिकाऊपन गुणवत्ता अच्‍छी है।

  • पपीता - सूर्या

    सूर्या

    यह सनराइज सोलो x पिंक फ्लेश स्वीट की संतति है। इसे एफ14 पीढ़ी से चयनित किया गया है। अत: इसके बीजों को द्विलिंगी फूलों की युग्मता से या मादा फूलों को द्विलिंगी फूलोंक के साथ संकरीकरण कर प्राप्त किया जाता है। इसके पादप गाय उभयलिंगी प्रकृति के होते हैं और उनमें कोई भी नर पादप नहीं होते हैं। इसके फलों की आकृति सनराइजसोलो के समान है। सोलो की तुलना में इसके पादप छोटे होते हैं। इसका छिलका मुलायम होता है, पकने की अवस्था पर इसका रंग समान रूप से पीला होता है। इसके फलों का आकार मध्यम तथा वजन लगभग 600 से 800 ग्रा. होता है, इसमें थोड़ी मात्रा में कैवेटी होती है। इसका गूदा लगभग 3 एवं 3.5 से. मी. मोटा, गहरा लाल और मीठा होता है। इसमें 13.5-150ब्रिक्स टीएसएस होता है। इसका सुवास अच्छा होता है। इसकी टिकाऊपन गुणवत्ता अच्छी है। इसकी प्रतिपादप उपज लगभग 55 से 65 कि. ग्रा. (60 एवं 65 टन प्रति एकड़) होती है।

  • अंगूर -अर्का हंस

    अर्का हंस

    यह बेंगलुरू ब्लू और अनाब-ए-शाही के संकरण से प्राप्त है। इसकी बेल औजपूर्ण, बीज युक्‍त होती है। इसकी उपज मध्यम है, इसमें छोटे गुच्‍छ, रस भरे दाने आते हैं, इसके दाने हरे-सफ़ेद होते हैं। फल का आकार मध्यम, मुलायम अंडाकार गूदा होता है, इसकी गुणवत्ता अच्छी है, यह मध्यम परिपक्वता वाली किस्म है, यह सफेद मदिरा के लिए उपयुक्त है, लेकिन डंठल की खराब जुडाव के कारण सुदूर परिवहन के लिए यह उपयुक्त नहीं है।

  • अंगूर - अर्का श्याम

    अर्का श्याम

    यह बेंगलुरू ब्लू और ब्‍लैक चंपा के संकरण से विकसित है। इसकी बेल मध्‍यम औजपूर्ण होती है, इसकी उपज मध्यम है, इसमें छोटे गुच्छे, भरपूर दाने आते हैं, दाने बेलनाकार, काली-नीली एवं होते हैं, फल का आकार मध्यम, मुलायम गूदा होता है, इसकी गुणवत्ता अच्‍छी है, यह मध्यम से पछेती परिपक्वता वाली किस्म है, यह दो फसलें लेने के लिए उपयुक्त है, और रस एवं मदिरा बनाने के लिए यह क्रॉस बहुत अच्छा है।

  • अंगूर -अर्का कंचन

    अर्का कंचन

    अर्का कंचन अनाब-ए-शाही और क्वीन ऑफ दी वाइनयार्ड के संकरण से विकसित है। इसकी बेल मध्यम ओजपूर्ण, बीज-युक्त होती है। इसकी उपज मध्यम है, इसमें मध्यम से बड़े गुच्छ, खुले रस भरे दाने आते हैं, इसके दाने रंग सुनहरे पीले, मध्यम अंडाकार होते हैं, इसका गूदा मोटा होता है, इसकी गुणवत्ता अच्छी है, खुशबू अच्छी है, यह एक पछेती परिपक्वता वाली किस्म है ।

  • अंगूर- अर्कावती

    अर्कावती

    यह ब्लैक चंपा और थॉमसन सीडलेस का एक संकर जाति है इसकी बेल औजपूर्ण है, इसकी उपज मध्यम है, इसमें मध्‍यम से बड़े खुले रूप में गुच्‍छे आते हैं, इसकी बेरी का रंग हरा-सफ़ेद होता है, फल अंडाकार, मुलायम गूदा होता है, इसकी गुणवत्ता अच्छी है, यह पछेती परिपक्वता वाली किस्म है, यह मुनक्का बनाने के लिए काफी उत्तम है।

  • अंगूर - अर्का सोमा

    अर्का सोमा

    यह संकर अनाब-ए-शाही और क्‍वीन ऑफ वाइनयार्ड के संकरण से विकसित है। इसके पादप औजपूर्ण होते हैं, इसकी उपज क्षमता 40 टन/हे. और 36 कि. ग्रा./बेल है। छँटाई से फसल कटाई तक इसमें फल पकने में 158-160 दिनों का समय लगता है। इसमें भारी गुच्‍छों में फलन होता है, जिसका औसतन वजन 410 ग्राम होता है, इसके फल हरे-पीले, गोल से अंडाकार होते तथा बेरी का औसतन वजन 3.8 ग्राम होता है। इसमें टीएसएस तत्‍व 20 से 21°ब्रिक्स के बीच तथा अम्‍लीयता 0.5 प्रतिशत होती है। इसकी बेलों में भारी फलन होता है, इसका गूदा मोटा होता है और इसकी खुशबू अच्छी है तथा यह सफेद डेजर्ट मदिरा बनाने के लिए बहुत अच्छी है। इससे प्रत्येक वर्ष 2 बार फसल प्राप्त की जा सकती है।

  • अंगूर - अर्का मेजेस्टिक

    अर्का मेजेस्टिक

    यह संकर अंगूर कलन और ब्‍लैक चंपा के संकरण से विकसित है। इसके पादप औजपूर्ण होते हैं, इसकी उपज क्षमता 38 टन प्रति हैक्‍टे. और 34 कि. ग्रा./बेल है। छँटाई से फसल कटाई तक इसमें फल पकने में 160-163 दिनों का समय लगता है। इसमें भारी गुच्‍छों में फलन होता है, जिसका औसतन वजन 370 ग्राम होता है, इसके फल गहरे पीले-भूरे रंग के तथा एक समान गोल होते हैं, इसकी प्रत्‍येक बेरी में 2-3 छोटे बीज होते हैं। बड़े गोलाकार बेरियों का औसतन वजन 7.7 ग्राम होता है। इसमें टीएसएस तत्‍व 18 से 20°ब्रिक्स के बीच तथा अम्‍लीयता 0.6 प्रतिशत के बीच होती है। इसकी सभी शाखाओं में फल आते हैं और इसलिए इसमें छंटाई किए जाने की आवश्‍यकता नहीं होती है। यह शीर्ष छँटाई प्रणाली के लिए उपयुक्‍त है और इससे प्रत्‍येक वर्ष दो बार फसल प्राप्‍त की जा सकती है। यह संकर एंथ्रेक्‍नोस रोग के प्रति सहनशील है।

  • अंगूर - अर्का श्वेता

    अर्का श्वेता

    यह अनाब-ए-शाही और थॉमसन सीडलेस के संकरण से विकसित संकर है। इसके पादपों में मध्‍यम औज होता है, इसकी उपज क्षमता 31 टन प्रति हैक्‍टे. और 208 कि. ग्रा./ बेल है, छँटाई से फसल कटाई तक इसमें फल पकने में 153-155 दिनों का समय लगता है। इसमें भारी गुच्‍छों में फलन होता है, जिसका औसतन वजन 260 ग्राम होता है, इसके फल हरे-पीले रंग के, एक समान अंडाकार होते हैं तथा बेरी का औसतन वज़न 4.08 ग्रा. होता है। इसमें टीएसएस 18 से 19° ब्रिक्स के बीच तथा अम्लीयता 0.5 से 0.6 प्रतिशत के बीच होती है। यह ताज़े रूप में उपयोग करने के लिए अच्छी है और इसकी निर्यात संभावना भी अच्छी है। बेरी को पतला और बड़ा बनाने के लिए यह गिब्बरलिक अम्ल (जीए) से उपचार करने के प्रति अनुक्रियाशील है।

  • अंगूर - अर्का चित्रा

    अर्का चित्रा:

    यह अंगूर कलन और अनाब-ए-शाही के संकरण से विकसित संकर है। इसके पादप मध्यम औजपूर्ण होते हैं, इसकी उपज क्षमता लगभग 38 टन/हे. है और 34 कि.ग्रा./बेल है। छँटाई से फसल कटाई तक इसमें 154-158 दिनों का समय लगता है। इसमें भारी गुच्छों में फलन होता है, जिसका औसतन वजन 310 ग्राम होता है, इसके फल हरे-पीले, गोल से अंडाकार होते हैं तथा मुख भाग गुलाबी, मामूली रूप से लंबवत होता है, बेरी का औसतन वजन 3.18 ग्राम होता है। इसमें टीएसएस तत्‍व 20 से 21°ब्रिक्स के बीच तथा अम्लीयता 0.4-0.6 प्रतिशत होती है। इसकी बेलों में भारी फलन होता है, इसकी बेरी आकर्षक होती है। यह टेबल प्रयोजन के लिए उपयुक्त है। इसकी प्रत्येक शाखाओं में फलन होता है और इसलिए इसमें छंटाई की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यहशीर्ष सधाई प्रणाली के लिए भी उपयुक्त है। इससे प्रत्येक वर्ष 2 बार फसल प्राप्त किया जाना संभव है। यह संकर चूर्णिल आसिता के प्रति सहनशील है।

  • अंगूर - अर्का तृष्णा

    अर्का तृष्णा:

    यह बेंगलुरू ब्लू और कनवेंट लार्ज ब्लैक के संकरण से विकसित संकर है। यह बेंगलुरू ब्लू प्रजाति की तुलना में बेहतर है। इसके पादप औजपूर्ण होते हैं, इसकी उपज क्षमता 26 टन/हे. और 23 कि.ग्रा./बेल है। छँटाई से फसल की कटाई तक इसमें 148 दिनों का समय लगता है। इसमें भारी गुच्छों में फलन होता है, जिसका औसतन वजन 130 ग्राम होता है, इसके फल पीले-भूरे, गोलाकार से अंडाकार होते हैं और बेरी का औसतन वजन 3.34 ग्राम होता है। इसमें टीएसएस 22-23°ब्रिक्स तथा अम्लीयता 0.3-0.4 प्रतिशत होती है। यह संकर एंथ्रेक्नोस और मृदु रोमिल आसिता रोगों से सहिष्णु है तथा शराब बनाने के लिए बहुत अच्छा है। इससे प्रत्येक वर्ष 2 बार फसल प्राप्त किया जाना संभव है और यह शीर्ष सधाई प्रणाली के लिए भी है।

  • अंगूर -अर्का नीलमणि

    अर्का नीलमणि:

    यह ब्लैक चंपा और थॉमसन सीडलेस के संकरण से विकसित संकर है। इसके पादप औजपूर्ण होते हैं, इसकी उपज-क्षमता 28 टन/हे. और 25 कि.ग्रा./बेल है। छँटाई से फसल कटाई तक इसमेन 150-155 दिनों का समय लगता है। इसमें भारी गुच्छों में फलन होता है, जिसका औसतन वजन 360 ग्रा. होता है, इसके फल काले, बीज रहित होते हैं और कुरकुरा गूदा के साथ बेरी का औसतन वजन 3.2 ग्रा. होता है। इसमें टीएसएस 20-22°ब्रिक्स होता है। इससे प्रत्येक वर्ष 2 बार फसल प्राप्त किया जाना संभव है और यह शीर्ष सधाई प्रणाली के लिए भी उपयुक्त है। यह एंथ्रेक्‍नोस रोग के प्रति सहनशील है। यह ताज़े उपयोग तथा रेड डेजर्ट मदिरा बनाने के लिए भीअच्छा है।

  • आम -अर्का अरुणा

    अर्का अरूण :

    इसके फल का औसतन वजन 500 ग्राम होता है। इसका गूदा हल्का पीला, रेशा रहित तथा इसका टिशु चिमड़ा होता है। इसमें गूदा-प्राप्ति 80 प्रतिशत है। इसमें टीएसएस लगभग 20° ब्रिक्स होता है। इसमें नि‍यमित फलन होता है, इसकी प्रकृति बौनी है, यह बैकयार्ड रोपण के लिए तथा 5 x 5 मीटर रोपण के लिए उपयुक्त है, यह एक मध्य-मौसमी किस्म है।

  • आम - अर्का पुनीत

    अर्का पुनीत:

    यह अल्फोंसो x बंगनापल्ली की संतति है। यह मध्य-मौसमी किस्म है। इसके पादप ओजपूर्ण होते हैं और उनमें नियमित फलन होता है। इसका छिलका लंबवत रूप से संलग्‍न होता है। इसके फल गोलाकार होते हैं और पकने के समय पर लाल मुख भाग के साथ यह पीला रंग का हो जाता है। इसका गूदा ठोस, नारंगी रंग का होता है तथा रेशा एवं छिलका ऊतक-रहित है। इसमें लगभग 21°ब्रिक्स का टीएसएस होता है। इसमें गूदा-प्राप्ति 65-70% होती है। इसकी टिकाऊ गुणवत्ता अच्छी है।

  • आम - अर्का नीलकिरण

    अर्का नीलकिरण:

    यह अल्फोंसो x नीलम की संतति है। यह एक पछेती मौसम वाली किस्‍म है, इसकी फसल-तुड़ाई जून माह के अंतिम सप्‍ताह के दौरान की जाती है। इसके पादपों में अर्द्ध-ओज होता है, इसके फलों की आकृति अंडाकार होती है, फल मध्यम आकार के होते है, फल का औसत वजन लगभग 270-280 ग्राम होता है। इसका डंठल लंबवत होता है। पकने की अवस्था पर इसके फल का रंग सुनहला पीला-भूरा हो जाता है, इसका छिलका मुलायम, मध्यम पतला तथा गूदा गहरे पीले रंगा का और ठोस होता है। यह रेशा एवं स्पंजी टिशु से मुक्त है। इसकी गूदा-प्राप्ति 70% है। इसकी टिकाऊपन गुणवत्ता अच्छी है।

  • आम - अर्का अनमोल

    अर्का अनमोल:

    यह अल्फोंसो x जनार्दन पसंद से विकसित है। यह अर्द्ध-ओज प्रकृति की है, इसमें नि‍यमित फलन होता है और यह उच्च सघन रोपण के लिए उपयुक्त है। यह एक पछेती मौसम वाली किस्म है, इसकी फसल-तुड़ाई जून माह के दूसरे सप्ताह के दौरान की जाती है। इसके फल लंबी आकृति, मध्यम आकार के होते हैं, फल का वजन लगभग 300-330 ग्राम होता है। इसका डंठल लंबवत होता है। परिपक्‍वता की अवस्था पर इसके फल का रंग हल्का हरा हो जाता है और पूर्ण रूप से पकने पर इसका रंग समान रूप से सुनहला पीला हो जाता है। इसका छिलका पतला और मुलायम होता है। इसका गूदा नारंगी रंग का ठोस और रेशा एवं स्पंजी टिशु रहित होता है। इसमें बेहतर शक्कर-अम्लीयता का मिश्रण होता है। इसमें लगभग 19° ब्रिक्स का टीएसएस होता है। इसके गूदे की प्राप्ति लगभग 70-75% है और इसकी टिकाऊपन गुणवत्ता बहुत अच्छी है।

  • गेंदा: अर्का बंगारा

    गेंदा:     अर्का बंगारा

    पीले समूह में आरएचएस कलर चार्ट सं. 12-ए के साथ इसके फूल पीले-सुनहले रंग के होते हैं। इस किस्म में पुष्पण 40-45 दिनों के भीतर होता है और अगले 65-70 दिनों तक जारी रहता है। इसके फलों का आकार मध्यम तथा उनका व्यास 5-6.5 से.मी. होता है। इस किस्म की उपज क्षमता 18 टन/हे. है। पंखुडीयुक्त एवं नरबंध्य फूल इस किस्म की खास विशेषता है।

  • प्ल्यूरोटस फ्लोरिडा का बीजाणु-रहित उत्परिवर्ती

    देश के पहले प्ल्यूरोटस बीजाणु रहित उत्परिवर्ती को पराबैंगनी किरण के जरिए उत्पादित किया गया। इस मुटेंट को उत्पादित करने का उद्देश्य वाणिज्यिक खेतों में बीजाणु के अंतश्वसन से होने वाले एलर्जी से निपटने के लिए किया गया। बीजाणु रहित मुटेंट में इसके जनक पी. फ्लोरिडा (जिसमें 9478444 बीजाणु प्रति लीटर उत्पादित होते हैं) की तुलना में कोई भी बीजाणु उत्पादित नहीं होता है। इसका यह गुण पिछले 15 वर्षों से स्थिर है। इस उत्परिवर्ती की उपज को 38% बढ़ गया था।

  • शीटाके मशरूम (लेंटीनुला इडोडस)

    इस मशरूम का रंग भूरा होता है, गलफड़े एवं डंठल सफेद होता है। इसे जीवाणुहीन लकड़ी भूसी तथा ठोस वृक्ष के लकड़ी-टुकड़ों के मिश्रण पर उगाया जा सकता है। इसके अंडजनन के लिए 25-28°से. तापमान की आवश्यकता होती है। इसकी अंडजनन की अवधि 80-90 दिन है। इसमें फलन प्रेरित करने हेतु ठंडा जल संघात उपचार किया जाना आवश्‍यक होता है। इसके फसल उगाने के लिए अनुकूल तापमान 22-26°से., आर्द्रता 80-85%, कम प्रकाश और बेहतर वायु संचारण की आवश्यकता होती है। मशरूम की फसल-कटाई 3-4 फ्लश में की जाती है और उसके बाद पूरी फसल अवधि तक की जाती है। इसकी फसल अवधि चक्र 110-120 दिन है। इसकी जैविक दक्षता क्षमता 50-100% है। 25-30°से. पर इसकी निधानी आयु 2-3 दिन तथा 4°से. पर 10-12 दिन है। इसकी प्राकृतिक खेती भारत के किसी भी क्षेत्र में, जहां तापमान 20-25°से. के बीच रहता है, तथा सभी क्षेत्रों में नियंत्रित पर्यावरण के तहत की जा सकती है। कोड़ागु, चिकमंगलूर कोड़ाइकनाल, ऊटी, कोन्नूर, पूर्वोत्तर रात्य, जैसे कि मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और अरूणाचल प्रदेश में इसकी प्राकृतिक खेती पूरे वर्ष की जा सकती है। अन्‍य क्षेत्रों में इसकी खेती ऋतु के अनुसार की जा सकती है। इसका विपणन ताजे, शुष्‍क या मशरूम पाउडर के रूप में किया जा सकता है। मशरूम अवशेष अवस्तर (एसएमएस) का उपयोग केंचुआ खाद के लिए एक बेहतरीन जैविक खाद के रूप में किया जा सकता है।

  • रेशी मशरूम (गेयनोडर्मा लुसीडुम)

    इस मशरूम का रंग भूरा और इसमें चमकदार कैप होती है। इसके निचली सतह के छिद्र का रंग ब्रूजिंग पर क्रीम से सफेद हो जाता है। इसे रोगाणुहीन लकड़ी भूसी या धान भूसी में उगाया जा सकता है। इसके अंडजनन के लिए 30-32°से. के अनुकूल तापमान की आवश्यकता होती है। इसकी अंडजनन की अवधि 25-30 दिन है। इसकी फसल उगाने के लिए अनुकूल तापमान 30-32°से., आर्द्रता 80-85%, प्रकाश और बेहतर वायु संचारण की आवश्यकता होती है। मशरूम की फसल-कटाई 2-3 फ्लश में की जाती है और उसके बाद इसी तरह पूरी फसल अवधि तक की जाती है। इसका फसल अवधि चक्र 120-150 दिन है। इसकी जैविक दक्षता क्षमता 25-30% है। चूंकि यह मशरूम लकड़ी के स्‍वरूप का है, इसलिए इसे सूखाकर कई महीनों तक भंडारित किया जा सकता है। इसका विपणन पाउडर रूप में किया जा सकता है। एक पादप रोगजनक होने की विशेषता के साथ रेशी मशरूम के भुक्तशेष अवस्तर के निपटान के दौरान काफी देखभाल की जरूरत होती है। अन्य पेड़ों पर इसके फैलाव को रोकने के लिए अवशेष अवस्तर को जला दिया जाना चाहिए। इसमें भरपूर मात्रा में औषधीय गुण होते हैं। चीन और दक्षिण पूर्व एशिया में गेयनोडर्मा की प्रजातियों का उपयोग औषधि मशरूम के रूप में पारंपरिक तौर पर किया जाता है। गेयनोडर्मा न्यूट्रास्यूटिकल का उपयोग ऐसे रोगियों के उपचार के लिए किया जाता है जो हृदय रोग, ल्युकेमिया, ल्युकोपोइनिया, हेपाटाइटिस, नेफ्रिटिस, गैस, अनिद्रा, अस्‍थमा, ब्रॉनकाइटिस से ग्रस्त तथा कॉलेस्ट्राल कम करने के लिए किया जाता है। आधुनिक अनुसंधान में यह पाया गया है कि पॉलीसैकाराइड और ट्राइ-टेरपेनॉइड काफी सक्रिय पदार्थ हैं जो मानव के रोग निरोधक क्षमता तंत्र को मजबूती प्रदान करते हैं। हाल ही में किए गए भेषज विज्ञान एवं प्रयोगशाला अध्‍ययनों में सह सुझाव दिया गया है कि इस मशरूम का उपयोग रक्‍त को पतला बनाने के लिए किया जा सकता है और इसमें एंटी-कैंसर/एंटी-टयूमर गुण भी है। यह हेपाटाइटिस-बी के विररुद्ध प्रभावकारी है और रक्‍त शर्करा एवं रक्‍त चाप को कम करता है।

  • एल्‍म ऑइस्‍टर मशरूम (हिप्‍पसीज़ायगस अल्मेरियस)

    इस मशरूम किस्म को आईआईएचआर द्वारा भारत में पहली बार वाणिज्यिक उत्पादन के लिए पदार्पित किया गया। इस मशरूम का आरंभिक रंग भूरा है, पर परिपक्वता की अवस्था पर यह फीका पड़ जाता है। इसके गलफड़े और डंठल सफेद हैं और यह बड़े आकार और गूदादार मशरूम है और इसका स्‍वाद बेहतरीन है। इस किस्म में गुच्छों में मशरूम उगती हैं। 25-30°से. पर 36-48 घंटे और 4°से. पर 4-5 दिन है। इसकी वाणिज्यिक खेती को पाश्चुरीकृत (2 घंटो तक 80-85°C)/ रोगाणुहीन (121°से., 15 मिनटों तक 15 lb दबाव) धान भूसी पर मानकीकृत किया गया। यह 25-30°से. के तापमान की रेंज में अंडजनन करता है। इसके बैग खुल जाने के 4-7 दिनों के बाद इसमें पिनहेड खिलता है और यह 2-3 दिनों के भीतर तुड़ाई के लिए तैयार हो जाता है। इस किस्म की फसल अवधि का चक्र अंडजनन से लेकर फसल कटाई तक 37-42 दिन है। इस अवधि के भीतर इसकी औसत जैविक दक्षता 60-80 प्रतिशत प्राप्‍त की जा सकती है। इसका विपणन ताजे, शुष्क या मशरूम पाउडर के रूप में किया जा सकता है। इसकी प्राकृतिक खेती भारत के किसी भी क्षेत्र में की जा सकती है, जहां तापमान 20-25°से. के बीच रहता है, तथा सभी क्षेत्रों में नियंत्रित पर्यावरण के तहत की जा सकती है। कोड़ागु, चिकमंगलूर, कोड़ाइकनाल, ऊटी, कोन्‍नूर, पूर्वोत्तर राज्य, जैसे कि मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और अरूणाचल प्रदेश में इसकी प्राकृतिक खेती पूरे वर्ष की जा सकती है। अन्य क्षेत्रों में इसकी खेती ऋतु के अनुसार की जा सकती है। इसका विपणन ताजे, शुष्क या मशरूम पाउडर के रूप में किया जा सकता है। भुक्तशेष मशरूम अवस्तर (एसएमएस) का उपयोग केंचुआ खाद बनाने के लिए एक बेहतरीन जैविक खाद के रूप में किया जा सकता है।

  • मिल्की मशरूम (केलोसाइबे इंडिका)

    यह पहली ऐसी घरेलू मशरूम किस्‍म है जिसका देश में वाणिज्यिकरण किया जा रहा है। इसके मशरूम का रंग सफेद होता है, इसके गलफेड़े एवं डंठल सफेद होता है। इसके मशरूम बड़े आकार और लंबे, पतले रेशादार डंठल वाले होते हैं। इसकी खेती पाश्चुरीकृत या जीवाणुहीन गेहूं या धान भूसी में की जा सकती है। इसके अंडजनन के लिए इष्‍टतम तापमान 30-35°से., 85-90 प्रतिशत की आपेक्षिक आर्द्रता, कम प्रकाश एवं बेहतर वायुसंचारण की आवश्‍यकता होती है। मशरूम की फसल-कटाई 2 फ्लश में की जाती है और उसके बाद पूरी फसल अवधि तक इसी प्रकार की जाती है। इसकी जैविक दक्षता क्षमता 50-100% है। 25-30°से. पर इसकी निधानी आयु 2-3 दिन तथा 4°से. पर 10-15 दिन है। भुक्तशेष मशरूम अवस्तर (एसएमएस) का उपयोग केचुआ खाद के लिए एक बेहतरीन जैविक खाद के रूप में किया जा सकता है। यह उच्च रेशे के साथ उत्कृष्ट खाद्य मशरूम है।

     

    विशेष गुण:

    • उच्च तापमान में उगायी जाने वाली प्रजाति
    • भूरापन के बिना बेहतरीन निधानी आयु
    • रेशे की उच्च मात्रा

     

  • गार्डन मटर (sativumL Pisum) - Arka अजित
    •  माता पिता Bonneville, 209 IIHR & 656 फ्रीजर .. शामिल चयन के पीछे पार और वंशावली पद्धति के माध्यम से विकसित
  • क्रिसनथेमम - Nilima
    •  यह बैंगनी रंग के फूल सजावटी भालू. Floriferous, कट फ्लावर के लिए अच्छा है और 14 दिनों के गुलदस्ते जीवन है. (नेगी, एस एस, Nancharaiah, डी, Raghava, एसपीएस, राव, TM शर्मा, TVRS और Janakiram, 1998 टी.).
  • अंगूर - Arka सोमा
    •  यह संकर Anab के बीच एक पार ई शाही x दाख की बारियों की रानी है. 
    • संयंत्र जोरदार है.
    •  प्रशिक्षण पर कुंज 3 एमएक्स 3 मीटर प्रणाली दूरी रोपण, अपनी उपज क्षमता के बारे में 40 टन / हेक्टेयर और 36 किग्रा / दाखलता है . 
    •  pruning से फसल के लिए आवश्यक समय 158-160 दिन है. 
    • bunches अच्छी तरह से भरा, 410 ग्राम / गुच्छा, हरे पीले, ovoid और औसत बेरी वजन के दौर 3.8 जी है की एक औसत वजन रहे हैं T.S.S. 20 से लेकर-21o Brix और 0.5 फीसदी से अम्लता. 
    •  बेलें भारी croppers हैं, लुगदी और भावपूर्ण है मस्क़ट स्वाद है और यह बहुत अच्छा सफेद मिठाई शराब बनाता है. कम कलियों और इसलिए उपयोगी हैं कोई विशिष्ट pruning है जरूरी है. यह एक वर्ष में दो फसलें ले सकता है. इस संकर Anthraconse, कोमल और वृक्षों का एक रोग ख़स्ता फफूंदी से सहनशील है. इस प्रकार 1994 में जारी किया गया था.
  • आम - Arka Neelkiran
    •  यह पार Alphonso से संतान x Neelum है. 
    •  यह एक देर से मौसम विविधता है, फल जून के अंतिम सप्ताह के दौरान फसल के लिए आते हैं. 
    •  ट्री अर्ध है प्रकृति में जोरदार. 
    •  फलों का आकार अण्डाकार है, मध्यम 270 के बारे में एक औसत वजन 280g-पर आकार. 
    •  फल डंठल खड़ी डाला जाता है. 
    •  स्वर्ण पीले लाल हो पकने पर फल 
    •  त्वचा, सहज मोटी माध्यम है. 
    •  पल्प रंग और फर्म में गहरे पीले रंग की है. 
    •  यह फाइबर और चिमड़ा से मुक्त ऊतक है. 
    •  वसूली 70% है. रखते हुए गुणवत्ता अच्छी है.
  • आम - Arka अनमोल
    •  यह व्युत्पत्ति Alphonso x जनार्दन Pasand से ली गई है. 
    •  यह एक अर्द्ध जोरदार प्रकार, नियमित रूप से प्रभाव पड़ता है और उच्च घनत्व रोपण के लिए उत्तरदायी है. 
    •  यह एक देर से मौसम विविधता, फल जून के तीसरे सप्ताह के दौरान दूसरी फसल के लिए आ रहा है 
    •  फल आकार में आयताकार हैं, मध्यम आकार, 300 330g के बारे में एक औसत पर वजन.
    •  डंठल खड़ी डाला जाता है. 
    •  परिपक्वता पर फल रंग में हल्का हरा सकता है, तो पकने पर वर्दी सुनहरा पीला रंग प्राप्त होगा. 
    •  त्वचा पतली और चिकनी है. गूदा नारंगी रंग का है, कंपनी और फाइबर और चिमड़ा से मुक्त अच्छा चीनी-एसिड मिश्रण के साथ ऊतक. 
    •  TSS 19 ° Brix के आसपास है. 
    •  गूदा वसूली के बारे में 70-75% है. रखते हुए गुणवत्ता अच्छी है.
  • क्लस्टर सेम - गोमा मंजरी
    •  प्रतिरोधी ख़स्ता फफूंदी, बैक्टीरियल तुषार और पत्ती जगह
  • अंगूर - Arka Neelamani
    • यह संकर चम्पा काले और थॉमसन बीजरहित के बीच एक अंतर है.
    • संयंत्र जोरदार है.
    • प्रशिक्षण पर कुंज 3 एमएक्स 3 मीटर प्रणाली दूरी रोपण, अपनी उपज क्षमता 28 टन / हेक्टेयर और 25 किग्रा / दाखलता है.
    • pruning से फसल कटाई के लिए आवश्यक समय 150-155 दिन है. Bunches तरह थोड़ा कॉम्पैक्ट को भर रहे हैं, 360 ग्राम / गुच्छा, काले, बीजरहित के एक औसत और औसत बेरी वजन वजन 3.2 जी है T.S.S. 20 से लेकर-22oBrix और अम्लता प्रतिशत 0.6-0.7 से.
    • बेलें बहुत उपयोगी हैं.
    • सभी गन्ना पर कलियां और इसलिए उपयोगी हैं कोई विशेष आवश्यकता pruning. यह एक वर्ष में दो फसलें ले संभव है और यह प्रशिक्षण के प्रमुख प्रणाली के लिए भी उपयुक्त है. यह रोग anthracnose सहिष्णु है. क्योंकि चीनी उच्च गुणवत्ता की सामग्री और जामुन की खस्ता लुगदी के बेहतर है. यह टेबल के लिए बहुत अच्छा है और भी लाल मिठाई बनाने के लिए शराब. इस संकर का परीक्षण किया है नासिक और सांगली में महाराष्ट्र के क्षेत्रों में किया गया है. यह बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है दोनों स्थानों. यह बेरी वृद्धि के लिए GA उपचार के लिए बहुत अच्छी तरह से प्रतिक्रिया करता है. इस प्रकार वर्ष 1992 में जारी किया गया था.
  • अंगूर - Arka सोमा
    •  यह संकर Anab के बीच एक पार ई शाही x दाख की बारियों की रानी है. 
    •  संयंत्र जोरदार है. 
    •  प्रशिक्षण पर कुंज 3 एमएक्स 3 मीटर प्रणाली दूरी रोपण, अपनी उपज क्षमता के बारे में 40 टन / हेक्टेयर और 36 किग्रा / दाखलता है . 
    •  pruning से फसल के लिए आवश्यक समय 158-160 दिन है. 
    •  bunches अच्छी तरह से भरा, 410 ग्राम / गुच्छा, हरे पीले, ovoid और औसत बेरी वजन के दौर 3.8 जी है की एक औसत वजन रहे हैं T.S.S. 20 से लेकर-21o Brix और 0.5 फीसदी से अम्लता. 
    •  बेलें भारी croppers हैं, लुगदी और भावपूर्ण है मस्क़ट स्वाद है और यह बहुत अच्छा सफेद मिठाई शराब बनाता है. कम कलियों और इसलिए उपयोगी हैं कोई विशिष्ट pruning है जरूरी है. यह एक वर्ष में दो फसलें ले सकता है. इस संकर Anthraconse, कोमल और वृक्षों का एक रोग ख़स्ता फफूंदी से सहनशील है. इस प्रकार 1994 में जारी किया गया था.
  • Arka Neelamani
    •  यह संकर चम्पा काले और थॉमसन बीजरहित के बीच एक अंतर है. 
    •  संयंत्र जोरदार है.
    •  प्रशिक्षण पर कुंज 3 एमएक्स 3 मीटर प्रणाली दूरी रोपण, अपनी उपज क्षमता 28 टन / हेक्टेयर और 25 किग्रा / दाखलता है. 
    •  pruning से फसल कटाई के लिए आवश्यक समय 150-155 दिन है. Bunches तरह थोड़ा कॉम्पैक्ट को भर रहे हैं, 360 ग्राम / गुच्छा, काले, बीजरहित के एक औसत और औसत बेरी वजन वजन 3.2 जी है T.S.S. 20 से लेकर-22oBrix और अम्लता प्रतिशत 0.6-0.7 से. 
    •  बेलें बहुत उपयोगी हैं. 
    •  सभी गन्ना पर कलियां और इसलिए उपयोगी हैं कोई विशेष आवश्यकता pruning. यह एक वर्ष में दो फसलें ले संभव है और यह प्रशिक्षण के प्रमुख प्रणाली के लिए भी उपयुक्त है. यह रोग anthracnose सहिष्णु है. क्योंकि चीनी उच्च गुणवत्ता की सामग्री और जामुन की खस्ता लुगदी के बेहतर है. यह टेबल के लिए बहुत अच्छा है और भी लाल मिठाई बनाने के लिए शराब. इस संकर का परीक्षण किया है नासिक और सांगली में महाराष्ट्र के क्षेत्रों में किया गया है. यह बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है दोनों स्थानों. यह बेरी वृद्धि के लिए GA उपचार के लिए बहुत अच्छी तरह से प्रतिक्रिया करता है. इस प्रकार वर्ष 1992 में जारी किया गया था.
  • अंगूर - Dogridge
    • संस्थान फल फसलों में सूखे और पानी के तनाव को सहिष्णु rootstocks की पहचान पर काम शुरू किया था. इस दिशा में संस्थान की पहचान की है rootstock "Dogridge" जो कि बहुत अच्छी तरह में उत्तरी कर्नाटक और महाराष्ट्र के सूखा बेल्ट प्रदर्शन करती है. प्रक्रियाओं गया है इन rootstocks गुणा मानकीकृत किया है और जरूरतमंद उत्पादकों को वितरित के रूप में इन rootstocks आंध्र प्रदेश में उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र और तेलंगाना में भारी मांग है.
  • श्वेता बीजरहित
    • पौधे मध्यम जोरदार है.
  • अनार - रूबी
    •  यह अनार की एक बहु संकर aril रंग और मधुरता बीज के लिए विकसित की है. रूबी की एक पूर्ण विकसित संयंत्र के बारे में 2.72 मीटर लंबी और कम (4.7 m2) फैल रहा है. परिपक्व फल आकार में समान और CV का फल आकार. गणेश बहरहाल, रूबी की त्वचा का रंग लाल हरे रंग की धारियाँ भूरे रंग के साथ है. छिलका (0.24 सेमी) पतली है, फल लाल बोल्ड arils (37.2 g/100 arils) जो 173 की उपज (72%) मोटी (1.83 सीपीएस) गहरे लाल 4.71 (कम 540 एनएम) मिठाई 16oB () रस होने tanin सामग्री है 100 मिलीलीटर रस प्रति मिग्रा. बंगलौर शर्तों के तहत अपने प्रदर्शन CV के साथ तुलनीय है. बीज कोमलता (2.19 kg/cm2), फलों के वजन के संबंध में गणेश (270 ग्राम) और आय (16-18 टन / हेक्टेयर). बेहतर मामूली जलवायु को adoptability.
  • Arka बेहतरीन
    • यह संकर Angur कलां और काले चम्पा के बीच एक अंतर है.
    • संयंत्र जोरदार है.
    • प्रशिक्षण पर कुंज 3 एमएक्स 3 मीटर प्रणाली दूरी रोपण, अपनी उपज क्षमता के बारे में 38 टन / हेक्टेयर और 34 किग्रा / दाखलता है .
    • pruning से फसल के लिए आवश्यक समय 160-163 दिन है.
    • bunches अच्छी तरह से भर रहे हैं 370 ग्राम / गुच्छा, गहरे भूरे रंग का, एक समान गोल जामुन, 2-3 होने के एक औसत वजन औसतन 7.7 जी पर बेरी और साहसिक गोलाकार जामुन भार के अनुसार छोटे बीज T.S.S. 18 से 0.4 से 20o Brix और अम्लता प्रतिशत 0.6 है. डंठल लगाव है और बहुत अच्छा है, इसलिए निर्यात के लिए जा सकते हैं. सभी कलियों और इसलिए उपयोगी हैं कोई विशेष आवश्यकता pruning. यह प्रशिक्षण के प्रमुख प्रणाली और एक वर्ष में दो फसलें ले संभव के लिए उपयुक्त है. इस संकर को रोग Anthracnose सहिष्णु है. यह वर्ष 1994 में जारी किया गया था.
  • अमरूद - Arka अमूल्य
    • यह पार इलाहाबाद Safeda x Triploid से एक संतान है.
    • संयंत्र शक्ति में मध्यम और प्रकार फैला रहे हैं.
    • फल आकार में गोल है.
    • त्वचा चिकनी और रंग पीला है.
    • एक औसत पर फल के बारे में 180 - जी, मांस रंग और फर्म में सफेद वजन है 200. <आइएमजी alt = "" src = "App_Layout / images / bullets.gif" /> TSS 12 ° Brix, नरम वरीयता प्राप्त 100 बीजों के वजन के आसपास है 1.80g है.
    • रखते हुए गुणवत्ता अच्छी है.
  • अमरूद - Arka मृदुला
    • यह इलाहाबाद Safeda के खुले pollinated seedlings से एक चयन है.
    • संयंत्रों अर्द्ध प्रकृति में जोरदार और फैला रहे हैं.
    • फल आकार में गोल कर रहे हैं और 180g वजन के बारे में.
    • त्वचा का रंग और चिकनी में पीला है.
    • मांस सफेद रंग की है.
    • TSS 12 ° Brix के आसपास है.
    • फल नरम वरीयता प्राप्त, 100 बीज का वजन 1.60g है. रखते हुए गुणवत्ता अच्छी है. पेक्टिन सामग्री 1.041% है.
    • यह जैली बनाने के लिए अच्छा है.
  • रजनीगंधा - सुवासिनी

    रजनीगंधा का यह संकर बहु-उपयोगी किस्म है। लोकल किस्म ‘डबल’ में हल्के सफेद रंग के फूलोंक की तुलना में इसके फूल भारी, बड़े, पूर्ण रूप से सफेद एवं सुगंधित होते हैं और लंबी डंडियों पर खिलते हैं। लोकल किस्म ‘डबल’ की तुलना में इस किस्म में प्रत्येक डंडी में फूलों की संख्या अधिक होती है और फूल समान रूप से खिलते हैं। लोकल किस्म ‘डबल’ की तुलना में इसकी डंडियां कट फ्लवर प्रयोजन के लिए उपयुक्त हैं। कर्नाटक राज्य स्तर पर विमोचन करने के लिए इसकी पहचान की गई है।

  • रजनीगंधा - अर्का निरंतरा

    लंबी पुष्पावस्था के साथ यह सफेद, एकल पुष्प वाली किस्म है।

  • Tuberose - श्रृंगार

    यह tuberose संकर मजबूत, मध्यम spikes पर एक सुगंधित फूल प्रकार लाता है. फूल कलियों थोड़ा गुलाबी रंग के साथ आकर्षक है. Spikes फूलों की अधिक संख्या है और व्यक्तिगत फूल 'स्थानीय' एकल cultivar की तुलना में बड़ा है. इस संकर का ढीला फूल माला के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और tuberose कंक्रीट के निष्कर्षण के लिए. Spikes कट फ्लावर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इस संकर के ढीले फूल उपज मौजूदा स्थानीय एक किस्म की तुलना के बारे में 36 प्रतिशत अधिक है. कर्नाटक राज्य स्तर पर जारी करने के लिए पहचान की. इस संकर को गाँठ nematodes जड़ सहिष्णु है.

  • रजनीगंधा - अर्का श्रृंगार

    रजनीगंधा के इस संकर में मजबूत, मध्‍यम प्रकार की डंडियों पर एकल एवं सुगंधित फूल खिलते हैं। इस किस्म की कलियां हल्की गुलाबी रंग के साथ काफी आकर्षक होती हैं। इसकी डंडियों में अधिक संख्‍या में फूल खिलते हैं और इसके फूल लोकल ‘सिंगल’ प्रजाति की तुलना में बड़े होते हैं। इस संकर के खुले फूलों का उपयोग माला बनाने तथा रजनीगंधा ठोस के निष्कर्षण के लिए किया जा सकता है। इसकी डंडियों का उपयोग कट फ्लावर के रूप में भी किया जा सकता है। इस संकर के खुले फूलों की उपज वर्तमान लोकल सिंगल किस्म की तुलना में लगभग 36 प्रतिशत अधिक है। इस किस्म की पहचान कर्नाटक राज्य स्तर पर विमोचन हेतु की गई है। यह किस्म जड़ गांठ सूत्रकृमि से सहिष्णु है।

  • रजनीगंधा - वैभव

    इस नए संकर में मध्यम डंठलों पर द्वि-पुष्प होते हैं। ‘सुवासिनी’ और लोकल डबल की गुलाबी कलियों की तुलना में इसकी कलियाँ हरे रंग की होती हैं और इसके फूल सफेद रंग के होते हैं। सुवासिनी की तुलना में इसकी डठल उपज 50 प्रतिशत अधिक है।

  • कार्नेशन - अर्का फ्लेम

    लंबी पुष्प ट‍हनियों के साथ कोमल पंखडियों सहित लाल पुष्‍प।
    उपज: 300 से 325 फूल प्रति वर्ग मी. प्रति वर्ष।
    महत्वपूर्ण गुण : यह फ्यूसेरियम झुलसा और सूत्रमियों से सहिष्णु है।

  • कार्नेशन- अर्का तेजस

    सफेद परागकोश के साथ लाल रंग के एकल चक्करदार फूल।

    उपज: 20-25 फूल प्रति डंडी।

    उपयोग: गमले में उगाने के लिए उपयुक्त।

    महत्वपूर्ण गुण: यह गहरे लाल रंग के और प्रभूत रूप में खिलता है। इसका बृहत प्रभाव होता है।

  • आबोली - अर्का कनका

    नारंगी बड़े आकार के फूल

    उपयोग:Loose flower

    महत्वपूर्ण गुण: बड़े आकार के फूल और आकर्षक रंग।

    उपज:>
  • जर्बेरा - अर्का कृषिका

    पीले रंग के साथ इसके फूल दोहरी प्रकृति के होते हैं।

    उपज: 400 से 425 फूल प्रति वर्ग मीटर प्रति वर्ष। /m2 /year

    उपयोग: कट फ्लवर और फूलों की सजावट के लिए।

    महत्वपूर्ण गुण: खुले खेत में खेती किए जाने के लिए उपयुक्त।

  • Gladiolus - कुमारी कुमारी
    • स्पाइक की लंबाई 15 florets के साथ 83 सेमी है. यह 9 दिनों का एक गुलदस्ता जीवन है. Florets पीला मुहासा के साथ लाल कर रहे हैं. यह मामूली Fusarium wilt रोग के लिए प्रतिरोधी है. (नेगी, एस एस, राव, TM, Raghava, एसपीएस, Chacko, CI, रामचंद्रन, एन और Janakiram, टी., 1997).
  • किवांच - अर्का धन्वंतरी

    बीज-उपज: 4.2 टन प्रति हैक्‍टे.

    एल-डोपा उपज: 190 कि. ग्रा./हे.

    लंबी फसल अवधि: 185-190 दिन

    लंबे डंठलों पर जामुनी फूल

    मूल गाँठों पर फलन नहीं होता है।

    चमकदार काला बीज-आवरण/मध्यम आकार के बीज

  • किवांच - अर्का अश्विनी

    बीज- उपज: 2.31 टन/हे

    एल डोपा तत्‍व: 3.5-4.0%

    एल डोपा उपज: 80.62 कि.ग्रा./हे.

    न खिचाने वाले ट्राइकोम

    फसल अवधि: 120-130 दिन

    छोटे डंठलों पर जामुनी फूल

    मूल गाँठों में फलन

    अपरिपक्व फल, काला रंग

  • गुलाब - अर्का परिमल

    इसमें लाल-जामुनी रंग तथा सुगंधित फूल आते हैं और यह काष्ट कीटों और काला धब्‍बा रोग से मध्यम प्रतिरोधी है। इसके खुले फूल की उपज-क्षमता 5.5 से 6.0 लाख प्रति एकड़ प्रति वर्ष है।

  • आबोली - अर्का अम्बरा

    नारंगी रंग के, बड़े आकार के फूल

    उपज: 5.9 टन प्रति एकड़ प्रति वर्ष

    उपयोग: फुटकर फूल के रूप में

    महत्वपूर्ण गुण: बड़े आकार के फूल और आकर्षक रंग।

  • ग्लैडियोलस - अर्का नवीन

    ग्लैडियोलस - अर्का नवीन पुष्पक बैंगनी होते हैं व हल्के पीले धब्बे वाले होते हैं, लहरदार परिदल

    उपज: 27.68 डंठल/मी.2/फसल मौसम

    उपयोग: कर्तित फूल के रूप में

    महत्वपूर्ण गुण: बड़े आकार के फूल और आकर्षक रंग।

  • ग्लैडियोलस - अर्का अमर

    पुष्पक गुलाबी होते हैं व सफ़ेद धब्बे वाले होते हैंऑ

    उपज: 30.24 डंठल/मी.2/फसल मौसम

    उपयोग: कर्तित फूल के रूप में

    महत्वपूर्ण गुण: उच्च उपज वाला और 8.5 दिन की फूलदानी आयुवाला

  • ग्लैडियोलस - अर्का गोल्ड

    पुष्पक पीले होते हैं और लाल धब्बे वाले होते हैं

    उपज: 24.80 डंठल/मी.2/फसल मौसम

    उपयोग: कर्तित फूल के रूप में

    महत्वपूर्ण गुण: रोपाई के 74 दिन बाद फूल आते हैं ।

  • ग्लैडियोलस - कुम कुम
    • डंठल की लंबाई 83 से.मी. और 15 पुष्पक होते हैं। इसकी फूलदानी आयु 9 दिन होते हैं।
    • पुष्पक पीले धब्बे सहित लाल होते हैं।
    • यह फ्युसेरियम झुलसा के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है। (नेगी, एस.एस., राव, टी.एम., राघवा, एस.पी.एस., चाक्को, सी.आई., रामचंद्रन, एन. और जानकीराम, टी., 1997).
  • गुलदाऊदी – नीलिमा
    • इसमें बैंगनी रंग के सजावटी फूल लगते हैं। यह फूलदार, कर्तित फूल के लिए उपयुक्त होता है और इसकी फूलदानी आयु 14 दिन होते हैं। (नेगी, एस.एस., नांचरय्या, डी., राघवा, एस.पी.एस., राव, टी.एम., शर्मा टी.वी.आर.एस. और जानकीराम, टी., 1998)
  • गुलदाऊदी – अर्का पिंक स्टार
    • फूल अर्ध-युग्म और गुलाबी रंग के होते हैं।
    • उपज : 135.26 फूल/पौधा
    • उपयोग : गमले में उगाने के लिए
    • महत्वपूर्ण गुण : बौने, अगेती पुष्पण
  • चाइना एस्टर – वायोलेट कुशन
    • इसके फूल बैंगनी होते हैं और यह स्थानीय बैंगनी किस्म से श्रेष्ठ है।
    • इसमें पोंपो के जैसे फूल लगते हैं और पुष्पक की 4-5 पंक्तियाँ होती हैं, जिनमें नलीदार डिस्क पुष्पक होते हैं। फूलों का व्यास 4.5 से.मी. और वज़न 2 ग्रा. होता है। इसके डंठल की लंबाई 20 से.मी. और इसकी फूलदानी आयु 8 दिन हैं।
    • यह फूलदार किस्म है और इसके प्रत्येक पौधे में 70 फल लगते हैं। (नेगी, एस.एस., राघवा एस.पी.एस., राव, टी.एम. और जानकी राम टी., 1999)
  • चाइना एस्टर – कामिनी
    • इसके फूल गहरे गुलाबी होते हैं और यह स्थानीय गुलाबी किस्म से ज़्यादा आकर्षक है।
    • इसमें पहला फूल आने में 1.38 दिन लगते हैं और यह 60 से.मी. तक बढ़ता है। इसके डंठल की लंबाई 30 से.मी. और इसकी फूलदानी आयु 8 दिन हैं।
    • फूलों का व्यास 6 से.मी. और वज़न 2 ग्रा. होता है।
    • इसके प्रत्येक पौधे में 50 फल लगते हैं। (राव, टी.एम., नेगी, एस.एस., जानकी राम टी. और राघवा एस.पी.एस.,1997)
  • Rose - Arka Pride

    It is a cut flower rose variety suitable for protected cultivation Potential yield of 120fls/sq.mt

  • Rose - Arka Sukanya

    It’s a fragrant rose variety with 0.22% of concrete yield in fresh flowers. With floriferous nature and being tolerant to pest and diseases, it is ideal choice for garden display. The variety has potential for various forms of aroma extraction and aroma therapy.